नलिनी ने अपनी बेटी की शादी के लिए छह महीने का अवकाश मांगा था. वह वेल्लूर की विशेष महिला जेल में 27 साल से अधिक समय से बंद है. हाईकोर्ट ने नलिनी को कोई साक्षात्कार नहीं देने और किसी भी राजनीतिक व्यक्ति से मुलाकात नहीं करने का आदेश दिया है.
जस्टिस जीआर स्वामीनाथन ने अपनी उपलब्धियों के साथ अपनी कमियों को भी गिनाया है और इसके लिए माफी भी मांगी है. जज ने दो सालों में कुल 21,478 मामले निपटाए हैं. इसमें से 18,944 मामलों का निपटारा उन्होंने अकेले किया है.
मद्रास उच्च न्यायालय ने कहा कि इस तरह के मामलों को किसी भी सरकार को अपने अपमान के तौर पर नहीं लेना चाहिए. सरकार को स्थितियां सुधारने के लिए कदम उठाने चाहिए और उन संगठनों के साथ मिलकर काम करना चाहिए, जो राज्य में जल संरक्षण को लेकर प्रतिबद्ध हैं.
मद्रास उच्च न्यायालय ने कहा कि मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी कानून, 1971 की धारा तीन के प्रावधानों के तहत गर्भपात कराया जा सकता है. पीड़िता को बेवजह अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए.
चेन्नई में बीते कुछ महीनों से जारी पानी की कमी के चलते लोग बेहाल. आईटी कंपनियों ने कर्मचारियों से घर से काम करने को कहा, होटलों ने बंद किया दोपहर का खाना, कई ने अपने काम के घंटे भी घटाए.
अन्नाद्रमुक के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार ने पांच दिसंबर 2016 को अपोलो अस्पताल में जयललिता की मौत की परिस्थितियों की जांच के लिए एक सदस्यीय आयोग गठित किया था. आयोग की जांच के ख़िलाफ़ अपोलो अस्पताल ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी.
मद्रास हाईकोर्ट की मदुरई पीठ ने कहा कि टिकटॉक ऐप अश्लीलता को बढ़ावा देता है. अदालत ने मीडिया को भी इस ऐप के माध्यम से बनाए गए वीडियो का प्रसारण न करने का निर्देश दिया.
मद्रास उच्च न्यायालय के जस्टिस एसएम सुब्रमण्यम ने अपने आदेश में कहा कि आम आदमी सरकारी दफ़्तरों में और सरकारी कर्मचारियों की भ्रष्ट कार्यप्रणाली से पूरी तरह से हताश है.
जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस विनीत सरन की पीठ ने कहा कि न्यायपालिका की सेवा करने के लिए काफी बलिदान दिए गए हैं, जो सैन्य सेवा से कम नहीं है.
तमिलनाडु के तंजौर में यूनेस्को के वर्ल्ड हैरिटेज स्थल में शामिल बृहदेश्वर मंदिर में श्रीश्री रविशंकर की संस्था आर्ट ऑफ लिविंग का ध्यान शिविर आयोजित होना था. तमिल संगठनों के विरोध के बाद मद्रास हाईकोर्ट द्वारा इस पर अंतरिम रोक लगा दी गई.
मानहानि के एक मामले की सुनवाई करते हुए मद्रास उच्च न्यायालय ने कहा कि प्रेस द्वारा कुछ अवसरों पर गड़बड़ियां हो सकती हैं लेकिन लोकतंत्र के व्यापक हित को देखते हुए इन्हें नज़रअंदाज़ करने की ज़रूरत होती है.
करोड़ों रुपये के गुटखा घोटाले के संबंध में सीबीआई ने तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री सी विजयभास्कर और डीजीपी टीके राजेंद्रन के आवासों के समेत राज्य में करीब 40 स्थानों पर छापेमारी की है.
तमिलनाडु सरकार के राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई के फ़ैसले पर शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा था, जिस पर केंद्र ने कहा कि ऐसा करना एक ख़तरनाक परंपरा की शुरुआत करना होगा.
अदालत ने कहा कि क़ानून के अनुसार सभी को अपने घर या धर्मस्थल पर इबादत करने का अधिकार है, लेकिन सार्वजनिक स्थल पर नहीं. इससे आम जनता के लिए समस्याएं पैदा होती हैं.
अदालत ने 18 विधायकों को अयोग्य ठहराये जाने के तमिलनाडु विधानसभा अध्यक्ष के आदेश के ख़िलाफ़ फैसला सुनाने वाले जस्टिस एम सुंदर को धमकी भरा अज्ञात पत्र भेजने वालों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर त्वरित सुनवाई के आग्रह को नामंजूर कर दिया.