आईएलपी वाले राज्यों में जाने के लिए देश के दूसरे राज्यों के लोगों को अनुमति लेनी होती है. मणिपुर सरकार ने 30 नवंबर को एक छापेमारी में इंफाल पश्चिम ज़िले में असम के रहने वाले 29 लोगों के पकड़े जाने के बाद इस प्रणाली की समीक्षा के लिए एक राज्य स्तरीय समिति गठित की है.
मणिपुर के बिष्णुपुर में सेना की महार रेजिमेंट की एक टुकड़ी ने पुलिस की वर्दी पहने 11 ‘सशस्त्र बदमाशों’ को हिरासत में लिया और उनके पास से कई बंदूकें, ग्रेनेड आदि बरामद किए थे. हालांकि, मेईतेई महिलाओं के समूह मीरा पाइबीज़ ने जवानों को रोक दिया और स्थिति अराजक होने के बीच हिरासत में लिए गए लोगों को छुड़ा लिया गया.
मई 2023 में मणिपुर में हिंसा छिड़ने के बाद भीड़ ने दो कुकी महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया और उनका यौन उत्पीड़न किया था. मामले की जांच कर रही सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि घटना से पहले दोनों महिलाएं सड़क किनारे खड़ी पुलिस जिप्सी में बैठ गई थीं, लेकिन कर्मियों ने उन्हें गाड़ी की चाबी न होने का हवाला देकर वहीं छोड़ दिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मणिपुर हिंसा शुरू होने के 79 दिन तक चुप्पी न तोड़ना, उनकी सरकार के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव के चलते संसद में मजबूरन बोलना और आज तक हिंसाग्रस्त राज्य का दौरा न करना इस बात का पर्याप्त प्रमाण हैं कि उनके हिंसा में 'समय से हस्तक्षेप' के दावे में कोई सच्चाई नहीं है.
मणिपुर हिंसा के दौरान हथियारों की लूट के इस मामले को राज्य सरकार द्वारा पिछले साल 24 अगस्त को केंद्रीय एजेंसी को सौंपा गया था. मणिपुर सरकार ने अब तक सीबीआई को 29 मामले ट्रांसफर किए हैं.
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राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग पिछले महीने जातीय हिंसा प्रभावित मणिपुर में एक ही घटना में 13 लोगों की हत्या का स्वत: संज्ञान लेते हुए इस घटना को ‘ख़तरनाक और परेशान करने वाला’ बताया है. बीते 4 दिसंबर को म्यांमार सीमा के क़रीब मणिपुर के तेंगनौपाल ज़िले में भीषण गोलीबारी के बाद कम से कम 13 लोगों के शव मिले थे.
मणिपुर विधानसभा बुलेटिन के अनुसार, कुकी-ज़ो समुदाय से आने वाले विधायक वुंगज़ागिन वाल्टे, हाओखोलेट किपगेन और एलएम खौटे को उन समितियों से हटा दिया गया है, जिसकी ये अध्यक्षता कर रहे थे. इन्हें हटाने के कारणों की जानकारी नहीं दी गई है. इस बीच ताज़ा हिंसा में कुकी-ज़ो समुदाय के एक और युवक की मौत हो गई है.
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आप अपने घर-परिवार में दीपावली मनाते समय मणिपुर में जारी हिंसा में मारे गए लोगों को याद करें कि आज उनके यहां यह त्योहार कैसे मन रहा होगा? क्या शेष भारत को इस उत्सव मनाते समय नहीं सोचना चाहिए कि उसके अपने ही बंधु-बांधव किस स्थिति में हैं. हमारा कर्तव्य और धर्म बनता है कि उनकी पीड़ा को महसूस करें.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मणिपुर में हिंसा के 175वें दिन कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर के लोगों को तब छोड़ा जब उन्हें उनके हस्तक्षेप की सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी. उन्होंने सवाल भी किया कि एन. बीरेन सिंह को अब भी राज्य का मुख्यमंत्री बने रहने की अनुमति क्यों दी जा रही है.
मणिपुर: सरकार ने कोर्ट को नहीं बताया- मेईतेई को एसटी दर्जा देने की मांग 1982 व 2001 में ख़ारिज हुई थी
1982 में भारत के रजिस्ट्रार जनरल के कार्यालय ने मणिपुर के बहुसंख्यक मेईतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने से इनकार किया था और फिर 2001 में मणिपुर सरकार ने. हालांकि इस साल एसटी दर्जे की मांग की याचिका सुन रहे हाईकोर्ट को केंद्र और न ही मणिपुर सरकार ने यह जानकारी दी.
सीबीआई ने गुवाहाटी में एक विशेष अदालत के समक्ष छह लोगों और एक नाबालिग के खिलाफ मई की घटना के संबंध में आरोप पत्र दायर किया है. मई में हुई इस घटना का वीडियो जुलाई महीने में सामने आया था, जिसमें भीड़ द्वारा कुकी समुदाय की दो महिलाओं को नग्नकर घुमाकर उन पर यौन हमला किया गया था.
पांच महीने से अधिक समय से हिंसा से जूझ रहे मणिपुर के गृह विभाग द्वारा जारी राज्यपाल के एक आदेश में कहा गया है कि हिंसा की तस्वीरें या वीडियो रखने वाले व्यक्ति इसे सोशल मीडिया पर फैलाने की बजाय पुलिस को दें. अगर किसी को ऐसी सामग्री प्रसारित करते पाया गया, तो उनके ख़िलाफ़ केस दर्ज किया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने 25 सितंबर को मणिपुर सरकार को हिंसा के दौरान विस्थापित हुए लोगों की संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था. इस आदेश का हवाला देते हुए राज्य सरकार ने कहा है कि जो कोई भी इसका उल्लंघन करता पाया गया, उस पर केस दर्ज किया जाएगा.