कांग्रेस की ओर से कहा गया है कि पार्टी मांग करती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए और प्रशासन में विश्वास बहाल करने तथा राज्य में सामान्य स्थिति लाने के लिए सभी प्रयास करने के लिए जल्द से जल्द मणिपुर का दौरा करना चाहिए.
पुलिस ने बताया कि मणिपुर के चुराचांदपुर ज़िले के लैलोईफाई इलाके में बीते सोमवार को हुई गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हुई है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य के विभिन्न जातीय समूहों के बीच शांति स्थापित करने के लिए शांति समिति का गठन किया है. हालांकि मुख्यमंत्री के इसमें शामिल किए जाने का विरोध हो रहा है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मणिपुर में विभिन्न जातीय समूहों के बीच शांति स्थापित करने के लिए एक समिति का गठन किया था. राज्यपाल अनुसुइया उइके इसकी अध्यक्षता करेंगी, जिसमें मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह भी शामिल हैं. कुकी नेताओं ने कहा कि वे इसका बहिष्कार करेंगे, क्योंकि इसमें मुख्यमंत्री और उनके समर्थक शामिल हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए कहा कि 3 मई को मणिपुर में हिंसा भड़कने के बाद आपको केंद्रीय गृह मंत्री को वहां भेजने में लगभग एक महीना लग गया. गृह मंत्री के वहां से लौटने के 8 दिन बाद भी हिंसा जारी है. बतौर प्रधानमंत्री आप कम से कम शांति की अपील कर सकते थे.
ताज़ा हिंसा बीते 9 जून को तड़के कांगकपोकपी और इंफाल पश्चिम ज़िले की सीमा पर स्थित एक कुकी बहुल गांव में हुई. आरोप है कि सेना और पुलिस की वर्दी में आए मेईतेई उग्रवादियों ने घटना को अंजाम दिया. इस बीच सीबीआई ने हिंसा की जांच के लिए डीआईजी रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन किया है.
कुकी छात्र संगठन पर कुकी आतंकवादियों का समर्थन करने और सुरक्षा बलों को बदनाम करने के लिए फ़र्ज़ी समाचार प्रकाशित करने का आरोप है. कुकी समुदाय पर हमला करने के आरोपों से घिरे एक समूह और मणिपुर के मुख्यमंत्री के बीच संबंधों के बारे में फ़र्ज़ी ख़बरें फैलाने के आरोप में एक यूट्यूब चैनल पर भी केस किया गया है.
मणिपुर विधानसभा के पूर्व सभापति और पूर्व कांग्रेस विधायक हेमोचेंद्र सिंह ने राज्य में भड़की हिंसा को शांत करने, क़ानून व्यवस्था बहाल करने के साथ-साथ लोगों के बीच विश्वास एवं सद्भाव बनाने के लिए अपनाए जाने योग्य ज़रूरी क़दमों के बारे में वरिष्ठ पत्रकार करण थापर के साथ चर्चा की है.
इंफाल पश्चिम के इरोइसेम्बा इलाके में 4 जून को भीड़ द्वारा एंबुलेंस में आग लगाने की घटना में सात वर्षीय बच्चे, उसकी मां और एक महिला, जो उनकी पड़ोसी थीं, की मौत हो गई. इस बच्चे को असम राइफल्स कैंप में गोली लगने के बाद अस्पताल ले जाया जा रहा था.
मणिपुर के इंफाल पश्चिम ज़िले में दो सशस्त्र समूहों के बीच हुई गोलीबारी में तीन लोगों की मौत और चार अन्य के घायल होने की सूचना है. इसके अलावा सेरौ में सुरक्षा बलों और उग्रवादियों के बीच गोलीबारी में एक बीएसएफ जवान की मौत हो गई. इस बीच सरकार ने इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध 10 जून तक बढ़ा दिया है.
गौहाटी हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस अजय लांबा की अगुवाई वाली समिति में सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हिमांशु शेखर और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी आलोक प्रभाकर शामिल हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि समिति को इसकी पहली बैठक की तारीख़ से छह महीने के भीतर रिपोर्ट देनी है.
मणिपुर पुलिस ने शनिवार को बताया कि बीते 2 जून को कांगपोकपी ज़िले की सीमा से सटे इंफाल पूर्व के फायेंग इलाके में भारी गोलीबारी हुई. गोलीबारी सुबह से शुरू होकर देर शाम तक जारी रही. घायल होने वालों में ज़्यादातर घाटी इलाकों के हैं. एक व्यक्ति की हालत गंभीर बताई जा रही है.
इस बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने घोषणा की है कि सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली एक समिति मणिपुर में 3 मई से शुरू हुई जातीय हिंसा की जांच करेगी. उन्होंने कहा कि हिंसा में साज़िश से जुड़े छह मामलों की जांच सीबीआई करेगी.
बीते 29 मई से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर में हैं उन्होंने बुधवार को लगभग एक महीने से जारी हिंसा को समाप्त करने के लिए मेईतेई और कुकी समुदायों के नेताओं के साथ बैठक की.
वीडियो: बीते बुधवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर मणिपुर में हुई जातीय हिंसा के विरोध में ‘ट्राइबल सॉलीडैरिटी प्रोटेस्ट’ का आयोजन किया गया. इस दौरान बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग मौजूद रहे और एन. बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली राज्य की भाजपा सरकार को हटाने की मांग की है.
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने कहा है कि मणिपुर में भड़की हिंसा का उग्रवाद से कोई लेना-देना नहीं है. यह मुख्य रूप से दो जातियों के बीच का संघर्ष है. वहीं, मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा था कि राज्य में अशांति ‘समुदायों के बीच लड़ाई’ के कारण नहीं है.