ग्रामीणों ने गोली नहीं चलाई, उनके माओवादी होने का सबूत नहीं: छत्तीसगढ़ ‘मुठभेड़’ जांच रिपोर्ट

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के सरकेगुडा गांव में जून 2012 को हुई कथित मुठभेड़ में छह नाबालिग समेत 17 लोगों की मौत हो गई थी. जांच रिपोर्ट में सुरक्षाबलों पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं.

माओवादी होने के संदेह के आधार पर व्यक्ति को प्रताड़ित नहीं किया जा सकता: केरल हाईकोर्ट

हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने एकल पीठ के फैसले को बरकार रखते हुए केरल सरकार की अपील खारिज कर दी, जिसमें एक व्यक्ति को माओवादी होने के संदेह में अवैध रूप से हिरासत में रखने के कारण एक लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया गया था.

ओडिशा: कंधमाल ज़िले में नक्सलियों ने महिला चुनाव अधिकारी की गोली मारकर हत्या की

पुलिस के अनुसार, माओवादियों ने ओडिशा के कंधमाल ज़िले के लोगों से मतदान का बहिष्कार करने को कहा था. ज़िले के फिरिंगिया पुलिस थाना इलाके के एक अन्य गांव में माओवादियों ने चुनाव अधिकारियों को मतदान केंद्र ले जा रहे वाहन में आग लगा दी.

छत्तीसगढ़: अवैध गिरफ़्तारी, मीडिया मामलों की जांच के लिए बनेगी समिति

राज्य की कांग्रेस सरकार इन मामलों को लेकर एक आयोग का गठन करने जा रही है. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एके पटनायक और आफताब आलम की अगुवाई में जांच होगी.

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के लिए यह प्रायश्चित करने का मौका है

जहां एक ओर कांग्रेस के लिए यह नक्सल समस्या को सुलझाने का एक नया मौका है, वहीं राहुल गांधी के लिए यह साबित करने का अवसर है कि वे और उनकी पार्टी वास्तव में देश के आदिवासियों की चिंता करते हैं.

जागरण समूह के अख़बार ने सामाजिक कार्यकर्ता को बताया ‘माओवादी’

जागरण समूह के अख़बार नई दुनिया ने दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर और सामाजिक कार्यकर्ता नंदिनी सुंदर की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा छत्तीसगढ़ सरकार को भेजे गए नोटिस की ख़बर में सुंदर को माओवादी कार्यकर्ता बताया है.

छत्तीसगढ़ में ग्रामीणों का आरोप, सरकारी योजनाओं का लाभ लेने पर नक्सलियों ने किया हमला

दंतेवाड़ा के ग्रामीणों ने एक फैक्ट फाइंडिंग टीम को बताया कि बीते दिनों माओवादियों द्वारा उन्हें बुरी तरह पीटा गया और गांव छोड़कर जाने को कहा गया, क्योंकि वे सरकारी योजनाओं का लाभ ले रहे थे.

छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बल के जवान क्यों ले रहे हैं अपनी जान?

आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में 2017 में सबसे अधिक 36 जवानों ने आत्महत्या की. वहीं, 2009 में 13 जवानों ने, 2016 में 12 जवानों ने तथा 2011 में 11 जवानों ने आत्महत्या की है.

छत्तीसगढ़: पिछले 10 वर्षों में इस साल सबसे ज़्यादा सुरक्षाकर्मियों ने आत्महत्या की

पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, 2007 से लेकिन अब तक कुल 115 सुरक्षाकर्मियों ने आत्महत्या की, इन दस सालों में 2017 में सबसे ज़्यादा 36 जवानों ने आत्महत्या कर ली.

माओवादियों की 50 साल की हिंसक राजनीति से क्या हासिल हुआ?

बस्तर में चलने वाले नक्सल राज की खूनी कहानी हर गांव में आपको सुनने को मिलेगी. बंदूक और हिंसा की राजनीति का नतीजा यह हुआ है कि शांतिपूर्ण जीवन के आदी आदिवासियों का जीवन बिखर चुका है.

वीडियो: पत्रकार संतोष यादव से उनके जेल जाने और बस्तर में पत्रकारिता पर बातचीत

संतोष यादव को सितंबर 2015 में बस्तर पुलिस ने नक्सल समर्थक होने के आरोप में गिरफ्तार किया था. करीब डेढ़ साल बाद उन्हें ज़मानत मिली. संतोष से अजय आशीर्वाद महाप्रशस्त से बातचीत.

भारत को यह मानना होगा कि नेपाल स्वतंत्र देश है: पूर्व नेपाली प्रधानमंत्री

‘द वायर’ के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन ने नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टाराई से नेपाल के हालिया राजनीतिक घटनाक्रम और भारत-नेपाल संबंधों पर बातचीत की...

नक्सलियों से संबंध के आरोप में गिरफ्तार पत्रकार को 17 महीने बाद ज़मानत

बस्तर में कार्यरत संतोष को छत्तीसगढ़ पुलिस ने वर्ष 2015 में गिरफ्तार किया था. वह नवभारत, पत्रिका और दैनिक छत्तीसगढ़ जैसे अख़बारों के लिए लिखा करते थे.