पुस्तक अंश: 'मैं मरने के लिए एक शांत जगह तलाश रहा था. किसी ने सुझाया ब्रुकलिन, और अगली सुबह यहां चला आया.'
पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, 2007 से लेकिन अब तक कुल 115 सुरक्षाकर्मियों ने आत्महत्या की, इन दस सालों में 2017 में सबसे ज़्यादा 36 जवानों ने आत्महत्या कर ली.
बस्तर में चलने वाले नक्सल राज की खूनी कहानी हर गांव में आपको सुनने को मिलेगी. बंदूक और हिंसा की राजनीति का नतीजा यह हुआ है कि शांतिपूर्ण जीवन के आदी आदिवासियों का जीवन बिखर चुका है.
संतोष यादव को सितंबर 2015 में बस्तर पुलिस ने नक्सल समर्थक होने के आरोप में गिरफ्तार किया था. करीब डेढ़ साल बाद उन्हें ज़मानत मिली. संतोष से अजय आशीर्वाद महाप्रशस्त से बातचीत.
‘द वायर’ के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन ने नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टाराई से नेपाल के हालिया राजनीतिक घटनाक्रम और भारत-नेपाल संबंधों पर बातचीत की...
बस्तर में कार्यरत संतोष को छत्तीसगढ़ पुलिस ने वर्ष 2015 में गिरफ्तार किया था. वह नवभारत, पत्रिका और दैनिक छत्तीसगढ़ जैसे अख़बारों के लिए लिखा करते थे.