जन्मदिन विशेष: मान्यवर कांशीराम के निकट राजसत्ता की चाभी बहुजन हितकारी सामाजिक-आर्थिक परिवर्तनों के बंद ताले खोलने का पूरी तरह अपरिहार्य साधन थी और वे मानते थे कि देश की सामाजिक व राजनीतिक व्यवस्थाओं में बहुजनों को अपरहैंड तभी मिल सकता है, जब यह चाभी उनके पास रहे. इसके इतर स्थिति में जिसके हाथ में यह चाभी रहेगी, उन्हें उसी की धुरी पर नाचते रहना होगा.
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अगुवाई वाली समिति ने बीते अक्टूबर में सभी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों को पत्र लिखकर एक साथ चुनाव कराने पर अपने विचार भेजने को कहा था. पार्टियों के लिए अपना लिखित जवाब भेजने की आखिरी तारीख 18 जनवरी थी, जिसके बाद कई पार्टियों के नेताओं ने कोविंद से मुलाकात की थी.
वीडियो: उत्तर प्रदेश की राजनीति में बसपा प्रमुख मायावती की घटती प्रासंगिकता और भाजपा के साथ गठजोड़ के बारे में बात कर रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान.
पूर्व प्रधानमंत्रियों पीवी नरसिम्हा राव, चौधरी चरण सिंह और कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि इस मामले में दलित हस्तियों का तिरस्कार एवं उपेक्षा करना कतई उचित नहीं. भाजपा सरकार इस ओर भी ज़रूर ध्यान दे.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अपने जन्मदिन पर एक प्रेस वार्ता के दौरान राजनीति से संन्यास लेने की ख़बरों को भी बसपा प्रमुख मायावती ने सिरे से ख़ारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी घोषित करने के बाद उनके संन्यास की अटकलें लगाई जा रही थीं, लेकिन वह पार्टी को मज़बूत करने की दिशा में काम करना जारी रखेंगी.
यह घोषणा आगामी 2024 लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी की रविवार को हुई एक बैठक के दौरान की गई. बैठक में मौजूद पार्टी नेताओं ने कहा कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी बनाया है और उन्हें उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड के अलावा अन्य राज्यों में पार्टी को मज़बूत करने की ज़िम्मेदारी दी है.
बसपा प्रमुख मायावती ने डॉ. भीमराव आंबेडकर की पुण्यतिथि के अवसर पर कहा कि देश के 81 करोड़ से अधिक ग़रीबों को पेट पालने के लिए सरकारी अन्न का मोहताज बना देने जैसी दुर्दशा न आज़ादी का सपना था और न ही उनके लिए कल्याणकारी संविधान बनाते समय डॉ. आंबेडकर ने सोचा था, यह स्थिति अति-दुखद है.
वीडियो: बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती का एक वीडियो क्लिप सामने आया है, जिसमें वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर जमकर निशाना साध रही है. यह उनके भाजपा और मोदी सरकार के प्रति काफ़ी समय से अख़्तियार किए गए रवैये से उलट है. इस पर वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान का नज़रिया.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि विपक्ष ने एक सोची-समझी रणनीति और साज़िश के तहत अपने गठबंधन का नाम ‘इंडिया’ रखकर एनडीए सरकार को देश के नाम पर संविधान के साथ छेड़छाड़ करने का मौका दिया है. सुप्रीम कोर्ट को इसका संज्ञान लेकर देश के नाम पर बने सभी दलों, संगठनों और गठबंधनों पर रोक लगानी चाहिए.
भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए याविपक्ष के 'इंडिया' गठबंधन में शामिल होने की संभावना से इनकार करते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि दोनों गठबंधनों में अधिकतर ग़रीब-विरोधी, जातिवादी, सांप्रदायिक, धन्नासेठ-समर्थक व पूंजीवादी नीतियों वाली पार्टियां हैं जिनकी नीतियों के विरुद्ध बसपा अनवरत संघर्षरत है.
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने कहा कि यह फैसला इसलिए लिया गया, क्योंकि पिछले अनुभव से पता चलता है कि गठबंधन में प्रवेश करने से पार्टी को कुछ हासिल नहीं होता है. उन्होंने भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए और विपक्ष के इंडिया गठबंधन को लेकर कहा कि दोनों ने ‘बहुजन समाज’ के कल्याण के लिए बहुत कम काम किया है.
चंद्रशेखर आज़ाद द्वारा स्थापित भीम आर्मी लगातार दलितों से जुड़े मुद्दों को उठाने का दावा करती रही है, लेकिन क्या बहुजन समाज को इस पर भरोसा है?
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.