बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि मीडिया के ज़रिये पता चला है कि पंजाब में आगामी विधानसभा चुनाव चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व में नहीं, बल्कि ग़ैर-दलित के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा, जिससे यह साफ़ ज़ाहिर है कि कांग्रेस को अब भी दलितों पर पूरा भरोसा नहीं है. ‘जातिवादी दल’ दलितों को जो भी दे रहे हैं, वह उनके वोट पाने के लिए और स्वार्थ सिद्धि के लिए है, न कि उनके उत्थान के लिए. दलितों को इससे सावधान
जब भी धर्मनिरपेक्षता को चुनाव मैदान से बाहर का रास्ता दिखाकर मुकाबले को असली-नकली, सच्चे-झूठे, सॉफ्ट या हार्ड हिंदुत्व के बीच सीमित किया जाता है, उसका कट्टर स्वरूप ही जीतता है. उत्तर प्रदेश में बसपा को इस एजेंडा पर आगे बढ़ने से पहले पिछले उदाहरणों को देखना चाहिए.
बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों का नाम पूछकर पुलिसकर्मियों द्वारा उनकी हत्या की जा रही है. उन्होंने कहा कि कानपुर के बिकरू कांड में सरकार का ब्राह्मण विरोधी चेहरा पूरी तरह बेनक़ाब हो चुका है. वहां न कोई अदालत थी, न कोई क़ानून, सीधे गोली मारकर फ़ैसला किया गया. अगले साल विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र बसपा उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों को लुभाने के लिए लगातार सम्मेलन कर रही है.
उत्तर प्रदेश में शनिवार को पंचायत ब्लॉक प्रमुखों के चुनाव के दौरान के कम से कम 18 ज़िलों से हिंसा की सूचना मिली. इटावा में पथराव और गोलीबारी हुई, जहां से सामने आए एक वीडियो में पुलिसकर्मी भाजपा सदस्यों द्वारा उनसे मारपीट और बम लाने की बात कहते सुनाई दिए. साथ ही एक पत्रकार ने उन्नाव में चुनाव की रिपोर्टिंग के दौरान मुख्य विकास अधिकारी और भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा उन्हें पीटने की बात कही है.
उत्तर प्रदेश के ज़िला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में तिकड़म, धनबल, दबाव आदि के सहारे मिली जीत को जिस तरह 'जनता-जर्नादन का आशीर्वाद' और 'जनविश्वास की जीत' बताया जा रहा है, उससे लगता है कि हमें लोकतंत्र के लिए नई परिभाषा ढूंढना शुरू कर देना चाहिए.
ज़िला पंचायत चुनाव में मिली विजय पर फूली न समा रही भाजपा भूल रही है कि ज़िला पंचायत अध्यक्षों के अप्रत्यक्ष चुनाव में जीत किसी भी अन्य अप्रत्यक्ष चुनावों की तरह किसी पार्टी की ज़मीनी पकड़ या लोकप्रियता का पैमाना नहीं होती. कई बार तो संबंधित पार्टी को इससे मनोवैज्ञानिक बढ़त तक नहीं मिल पाती.
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने संघ की अल्पसंख्यक इकाई मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के एक कार्यक्रम में कहा कि सभी भारतीयों का डीएनए एक जैसा है. जो लोग लिंचिंग में शामिल हैं, वे हिंदुत्व के ख़िलाफ़ हैं. कई विपक्षी नेताओं ने उनके बयान पर 'कथनी-करनी का अंतर' कहते हुए निशाना साधा है.
राज्य के बाकी 53 ज़िलों में आगामी तीन जुलाई को मतदान होगा. उसी मतगणना शुरू होगी. उत्तर प्रदेश के इन ज़िलों में उम्मीदवारों की जीत विपक्ष के आरोपों के बीच हुई है कि भाजपा सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर रही है. वहीं, सपा पर अनुचित साधनों का प्रयोग करने का आरोप लगाते हुए भगवा पार्टी ने पलटवार किया है.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के साथ उत्तर प्रदेश में गठजोड़ की ख़बरों को ख़ारिज करते हुए इन्हें पूरी तरह से ग़लत, भ्रामक और आधारहीन बताया है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने केवल अगले साल होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए ही शिरोमणि अकाली दल के साथ गठबंधन का ऐलान किया है.
बसपा प्रमुख मायावती ने पंचायत चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते पार्टी के प्रमुख नेताओं लालजी वर्मा और राम अचल राजभर को निष्कासित कर दिया है. पार्टी ने पिछले विधानसभा चुनाव में 19 सीटें जीती थीं. निष्कासन के बाद विधानसभा में पार्टी के पास सात विधायक बचे हैं, जिनमें से एक मुख्तार अंसारी जेल में हैं.
अभिनेता रणदीप हुड्डा का नौ साल पुराना एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वे बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती को लेकर अपमानजनक टिप्पणी करते नज़र आते हैं. इसे लेकर हुई आलोचना के बाद उन्हें संयुक्त राष्ट्र की जंगली जानवरों की प्रवासी प्रजातियों के संरक्षण संबंधी संधि के एंबेसडर पद से हटा दिया गया है.
2019 में बसपा के छह विधायकों के सत्तारूढ़ कांग्रेस में जाने के मामले की दो याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा स्पीकर समेत पूर्व बसपा विधायकों को नोटिस जारी किए हैं. इस मामले में हाईकोर्ट द्वारा दिए आदेश को बसपा और एक भाजपा विधायक ने शीर्ष अदालत में चुनौती दी है.
पुलिस विभाग के आंकड़ों से अलग राजस्व विभाग की ओर से बताया गया है कि फतेहपुर ज़िले में कुल 28 किसानों के ख़िलाफ़ पराली जलाने पर कार्रवाई कर जुर्माना वसूला गया है. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि लेखपालों की तहरीर पर मुकदमे दर्ज किए गए और एक पखवाड़े के भीतर 100 से ज़्यादा किसानों से जुर्माना वसूला जा चुका है.
विशेष रिपोर्ट: नीतीश कुमार इस समय अपने राजनीतिक जीवन के एक कठिन चुनाव का सामना कर रहे हैं. एक तरफ तेजस्वी यादव आक्रामक तरीके से उन पर निशाना साध रहे हैं, वहीं दूसरी ओर जिस एनडीए गठबंधन का वे हिस्सा हैं, वहां भी उनके लिए सब कुछ ठीक नहीं है.
बसपा प्रमुख मायावती ने 29 अक्टूबर को कहा था कि उनकी पार्टी आगामी विधान परिषद चुनावों में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार को हराने के लिए वोट करेगी, फिर चाहे वह भाजपा हो या अन्य कोई भी मजबूत उम्मीदवार, बसपा उसे वोट करेगी.