लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखने वाले मीडिया संगठनों के प्रतिनिधियों में एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, प्रेस एसोसिएशन, दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट और वर्किंग न्यूज़ कैमरामैन एसोसिएशन शामिल हैं.
बीते दिनों उन्नाव में मुख्य विकास अधिकारी द्वारा एक पत्रकार को पीटने का वीडियो सामने आया था. गिल्ड ने कहा है कि भले ही सीडीओ ने माफ़ी मांग ली है, लेकिन प्रशासन का मनमाना रवैया मीडिया के लोकतांत्रिक अधिकारों को नुकसान पहुंचा रहा है. प्रदेश में पत्रकारिता के माहौल में सुधार के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए.
संविधान के अनुच्छेद 139ए के तहत केंद्र सरकार ने सात जुलाई को सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष एक याचिका दायर की थी, जिसमें आईटी नियमों की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने के लिए कहा गया था. अदालत ऐसा करने से मना कर दिया है.
केरल हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर न्यूज़ बॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) की याचिका पर उससे जवाब मांगा है. इस याचिका में दलील दी गई है कि नए आईटी नियम सरकारी अधिकारियों को मीडिया की अभिव्यक्ति और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को ‘अनुचित रूप से प्रतिबंधित करने’ की ‘अत्यधिक शक्ति’ प्रदान करते हैं.
डिजिटल मीडिया कंटेंट रेगुलेटरी काउंसिल (डीएमसीआरसी) ने स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म डिज़्नी प्लस हॉटस्टार की वेब सीरीज़ ‘ग्रहण’ के ट्रेलर के ख़िलाफ़ दायर अपील को ख़ारिज कर दिया है. शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि इस सीरीज़ का उद्देश्य 1984 के सिख विरोधी दंगों के बारे में एक झूठी कहानी गढ़ना है.
न्यूज़ वेबसाइट न्यूज़लॉन्ड्री की रिपोर्टर निधि सुरेश के ख़िलाफ़ यह एफआईआर न्यूज़ 18 के पत्रकार दीप श्रीवास्तव की शिकायत पर दर्ज की गई है. निधि की एक रिपोर्ट में यूपी की एक महिला ने आरोप लगाया था कि उनके धर्म परिवर्तन संबंधी ख़बर बनाने को लेकर दीप ने उन्हें धमकाया और पैसे लिए.
केंद्र सरकार द्वारा लाए गए आईटी नियमों के ख़िलाफ़ द वायर, द न्यूज़ मिनट, द क्विंट आदि समाचार वेबसाइट ने अदालत में याचिका दायर की है, जिसमें नियमों का पालन नहीं करने के लिए सरकारी कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की गई है.
भारतीय उच्चायोग ने बीते 24 जून को मालदीव के विदेश मंत्रालय को एक नोट भेजा था, जिसमें वहां तैनात राजनयिक कर्मचारियों की गरिमा पर हमला करने वाले दुर्भावनापूर्ण समाचार लेखों और सोशल मीडिया पोस्ट के बारे में शिकायत की गई थी.
एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय और इंटेलिजेंस ब्यूरो ने आधिकारिक दस्तावेज़ों में कहा है कि भारत में कोई विशिष्ट कानून नहीं है, जो केंद्र सरकार को ऑनलाइन सामग्री को विनियमित करने का अधिकार देता है. फ़िर भी सरकार नियमों के साथ छेड़छाड़ करने का विकल्प चुनते हुए नए आईटी क़ानून लेकर आई.
ख़बर बनाने के लिए एक व्यक्ति को विधान भवन के सामने आत्मदाह के लिए उकसाने के मामले में आरोपी को ज़मानत से इनकार करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि पत्रकार का काम है कि वे समाज में होने वाली प्रत्याशित या एकाएक हुई घटना पर नज़र रखें और बिना किसी लाग-लपेट के उसे दुनिया के सामने लाएं.
अयोध्या के एक पत्रकार पाटेश्वरी सिंह ने दावा किया कि एक भाजपा विधायक के ख़िलाफ़ खबर लिखने के चलते उन्हें निशाना बनाया जा रहा है. उन्हें मंगलवार शाम पांच-छह लोगों ने पीटा है. पुलिस का कहना है कि अभी अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ केस दर्ज हुआ है, पर्याप्त जांच के बाद ही विधायक का नाम जोड़ा जाएगा.
बड़े मीडिया घरानों के संगठन ने नए मीडिया नियमों को ‘अस्पष्ट और मनमाना’ क़रार देते हुए ठीक ही किया है, पर इसे यह भी समझना चाहिए कि परंपरागत मीडिया के डिजिटल प्लेटफॉर्मों और हालिया समय में आए डिजिटल समाचार मंचों के बीच अंतर करने की कोशिशें भी बचाव योग्य नहीं हैं.
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के ‘रॉयटर्स इंस्टिट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ जर्नलिज्म’ द्वारा किए सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारत में पुराने प्रिंट ब्रांड और सरकारी प्रसारक दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो अधिक भरोसेमंद हैं, जबकि प्रिंट मीडिया, सामान्य तौर पर समाचार चैनलों की तुलना में अधिक भरोसेमंद माने गए.
मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजीब बनर्जी और जस्टिस सेंथीलकुमार राममूर्ति की पीठ ने डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन और पत्रकार मुकुंद पद्मनाभन की याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया. इसके साथ ही संगीतकार टीएम कृष्णा की लंबित याचिका में भी इन नियमों का चुनौती दी गई है.
बीते साल अक्टूबर में सामने आए कथित टीआरपी छेड़छाड़ मामले में मुंबई पुलिस ने स्थानीय अदालत में पूरक चार्जशीट दाख़िल की है, जिसमें रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी और चैनल चलाने वाली कंपनी एआरजी आउटलायर के चार लोगों को आरोपी बनाया गया है.