मध्य प्रदेश: सीबीआई को दर्जनों नर्सिंग कॉलेज बिना छात्र, शिक्षक और बुनियादी ढांचे के चलते मिले

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने राज्य के नर्सिंग कॉलेजों की जांच की थी. 26 अप्रैल 2023 को इस संबंध में जांच का आदेश देते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि कुछ कॉलेजों को ‘अवैध तरीके’ से मान्यता दी गई है और यह ‘सार्वजनिक स्वास्थ्य और अस्पतालों में असंख्य रोगियों के जीवन को ख़तरे में डाल रहा है.

मणिपुर हिंसा: चार मेडिकल कॉलेजों के विस्थापित छात्रों को कक्षाओं में शामिल होने की अनुमति

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने निर्णय लिया है कि मणिपुर के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों के चार मेडिकल कॉलेजों के सभी विस्थापित छात्रों को चुराचांदपुर मेडिकल कॉलेज में ऑनलाइन कक्षाएं या हाइब्रिड मोड में कक्षाओं में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी. एनएमसी ने कहा कि उपरोक्त अनुमति मणिपुर में असाधारण स्थिति को ध्यान में रखते हुए दी गई है.

एनएमसी ने मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी के लिए आधार-आधारित बायोमेट्रिक उपस्थिति पर ज़ोर दिया

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग मेडिकल कॉलेजों में ‘घोस्ट फैकल्टी’ को ख़त्म करने के प्रयासों के तहत फैकल्टी सदस्यों के लिए आधार-आधारित बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली के महत्व को दोहराया है. पिछले महीने आयोग के 246 कॉलेजों के एक मूल्यांकन में पता चला था कि सभी कॉलेजों में फैकल्टी 50 प्रतिशत उपस्थिति की आवश्यकता को पूरा करने में विफल रहे हैं.

तमिलनाडु के सीएम ने प्रधानमंत्री को लिखा- एमबीबीएस प्रवेश संबंधी नए दिशानिर्देश स्थगित करें

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग द्वारा मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस छात्रों के वार्षिक प्रवेश को सीमित करने वाले नए दिशानिर्देश राज्यों के अधिकारों का अतिक्रमण करते हैं.

अधिकांश मेडिकल कॉलेजों में घोस्ट फ़ैकल्टी हैं, सभी 50% उपस्थिति को पूरा करने में विफल रहे: एनएमसी

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के तहत अंडर ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन बोर्ड (यूजीएमईबी) द्वारा 2022-23 में 246 कॉलेजों के मूल्यांकन में यह जानकारी सामने आई है. इसके अनुसार, देश के किसी भी मेडिकल कॉलेज में पर्याप्त फैकल्टी सदस्य या सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर नहीं थे और ये सभी 50 प्रतिशत उपस्थिति की आवश्यकता को पूरा करने में विफल रहे हैं.

नीट-पीजी में कोई अंक न ला पाने वाले डॉक्टर भी अब विशेषज्ञ बन सकते हैं

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने सभी श्रेणियों में नीट-पीजी 2023 क्वालीफाइंग परसेंटाइल को घटाकर शून्य कर दिया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने घोषणा की है कि जिस उम्मीदवार ने कोई अंक प्राप्त नहीं किया है या जिसने नकारात्मक अंक प्राप्त किए हैं, वह भी एनईईटी-पीजी काउंसलिंग के लिए पात्र होंगे.

महाराष्ट्र: सरकारी कॉलेजों के सात हज़ार से ज़्यादा रेज़िडेंट डॉक्टर हड़ताल पर गए

महाराष्ट्र के सरकारी कॉलेजों के रेज़िडेंट डॉक्टरों की मांगों में छात्रावासों की गुणवत्ता में सुधार करना, 7वें वेतन आयोग के अनुसार डीए, कोविड सेवा बकाया का भुगतान और सहायक तथा एसोसिएट प्रोफेसर के रिक्त पदों को भरना शामिल है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान न देकर इमरजेंसी सेवाओं को बंद करने पर विचार करने के लिए उन्हें मजबूर कर रही है.

मातृभाषा में शिक्षा मिलने से छात्रों की वैचारिक, तार्किक और विश्लेषण क्षमता बढ़ेगी: अमित शाह

गुजरात के मेहसाणा ज़िले में हुए एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि तकनीकी, चिकित्सा और उच्च शिक्षा पाठ्यक्रमों के विषयों को क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद कराने पर काम चल रहा है. उन्होंने कहा कि अगले 25 साल में राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत को नंबर एक देश बना देगी.

महाराष्ट्र: अगले शैक्षणिक वर्ष से मराठी में लाई जाएंगी मेडिकल शिक्षा की किताबें

महाराष्ट्र चिकित्सा शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया है कि योजना के पहले चरण में मेडिकल डिग्री पाठ्यक्रमों के शुरुआती दो वर्षों के लिए मराठी में पाठ्यपुस्तकें तैयार की जाएंगी. ये वैकल्पिक पाठ्यपुस्तकें मराठी माध्यम से आने वाले छात्रों के लिए होंगी ताकि वे पाठ्यक्रम को बेहतर तरीके से समझ सकें.

हिंदी में एमबीबीएस पढ़ाना अच्छा विचार है, लेकिन गुणवत्तापूर्ण किताबें कहां हैं: विशेषज्ञ

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल में घोषणा की थी कि नए शैक्षणिक सत्र से भोपाल स्थित गांधी मेडिकल कॉलेज में प्रथम वर्ष के छात्रों को एमबीबीएस का पाठ्यक्रम हिंदी में पढ़ाया जाएगा. हालांकि, चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि निर्णय की घोषणा करने से पहले पर्याप्त तैयारी नहीं की गई. 

पाकिस्तान में उत्पीड़न का शिकार हुए अल्पसंख्यक भारत में डॉक्टर के रूप में सेवाएं दे सकेंगे

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने पाकिस्तान में उत्पीड़न का शिकार हुए और 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत आए अल्पसंख्यकों के लिए एक परीक्षा देने के बाद उनके लिए मेडिकल क्षेत्र में स्थायी रजिस्ट्रेशन की अनुमति दे दी. इसके लिए आवेदक के पास चिकित्सा क्षेत्र में वैध योग्यता होनी चाहिए और उसने भारत आने से पहले पाकिस्तान में डॉक्टर के रूप में सेवाएं दी हों.

कोविड-19 संकट के बीच डॉक्टरों की कमी का सामना कर रहा मेघालय

मेघालय के स्वास्थ्य सेवा निदेशक अमन वार ने बताया कि कमी मुख्य रूप से इस कारण से है कि कई डॉक्टर अपनी चिकित्सा शिक्षा पूरी करने के बाद राज्य के सरकारी अस्पतालों में काम करने से इनकार कर रहे हैं.