मणिपुर जातीय हिंसा: राज्य में 200 से अधिक दिन से इंटरनेट पर प्रतिबंध जारी

मणिपुर में बहुसंख्यक मेईतेई और आदिवासी कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा भड़कने के बाद बीते 3 मई से मोबाइल इंटरनेट पूरी तरह या आंशिक रूप से निलंबित कर दिया गया है. बीते सितंबर महीने में इंटरनेट को तीन दिनों के लिए बहाल किया गया था, लेकिन फिर से प्रतिबंध लागू कर दिया गया.

मिज़ोरम: मणिपुर शरणार्थियों को राहत के लिए मदद के ‘बार-बार अनुरोध’ को केंद्र ने नज़रअंदाज़ किया

बीते छह महीने से मणिपुर में जारी जातीय हिंसा के बाद वर्तमान में लगभग 12,000 मणिपुरी मिज़ोरम में शरण लिए हुए हैं. राज्य सरकार के अधिकारियों ने कहा है कि पिछले कई महीनों में ‘बार-बार अनुरोध’ के बावजूद केंद्र सरकार ने आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों को राहत देने के लिए नकद या अन्य कोई सहायता नहीं दी है. 

मणिपुर: ताज़ा हिंसा में दो लोगों की मौत, आदिवासी संगठन ने बंद की घोषणा की

मणिपुर के कांगपोकपी ज़िले में 20 नवंबर को हुई हिंसा में कुकी-ज़ो समुदाय के दो व्यक्तियों की गोली लगने से मौत हो गई. वहीं, आदिवासी एकता समिति ने कुकी-ज़ो समुदाय के लोगों पर हमले की निंदा करते ज़िले में ‘आपातकालीन बंद’ की घोषणा की है.

आदिवासी संगठन ने मणिपुर के कुछ ज़िलों में ‘स्वशासन’ की घोषणा की

मणिपुर में कुकी-ज़ो लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने तेंगनौपाल, कांगपोकपी और चुराचांदपुर ज़िलों में ‘स्व-शासन’ की घोषणा की है. आईटीएलएफ के एक नेता ने कहा कि हमें ‘मेईतेई मणिपुर सरकार’ से कोई उम्मीद नहीं है और अगर केंद्र हमें मान्यता नहीं देता है तो हमें कोई परवाह नहीं है.

इस दीपावली पर मणिपुर हिंसा में मारे गए लोगों का भी स्मरण करें

आप अपने घर-परिवार में दीपावली मनाते समय मणिपुर में जारी हिंसा में मारे गए लोगों को याद करें कि आज उनके यहां यह त्योहार कैसे मन रहा होगा? क्या शेष भारत को इस उत्सव मनाते समय नहीं सोचना चाहिए कि उसके अपने ही बंधु-बांधव किस स्थिति में हैं. हमारा कर्तव्य और धर्म बनता है कि उनकी पीड़ा को महसूस करें.

मणिपुर हिंसा: राज्य सरकार ने इंटरनेट पर प्रतिबंध को 31 अक्टूबर तक बढ़ाया

मणिपुर में 3 मई को हिंसा भड़कने के बाद मोबाइल इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. इसे 23 सितंबर को कुछ समय के लिए बहाल किया गया था, लेकिन 26 सितंबर को दो लापता युवाओं के शवों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर आने के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों के मद्देनज़र फिर से प्रतिबंध लगा दिया गया.

पीएम मणिपुर संकट को पूरी तरह नज़रअंदाज़ कर जवाबदेही और ज़िम्मेदारी से बच नहीं सकते: कांग्रेस

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मणिपुर में हिंसा के 175वें दिन कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर के लोगों को तब छोड़ा जब उन्हें उनके हस्तक्षेप की सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी. उन्होंने सवाल भी किया कि एन. बीरेन सिंह को अब भी राज्य का मुख्यमंत्री बने रहने की अनुमति क्यों दी जा रही है.

मणिपुर: सरकार ने कोर्ट को नहीं बताया- मेईतेई को एसटी दर्जा देने की मांग 1982 व 2001 में ख़ारिज हुई थी

1982 में भारत के रजिस्ट्रार जनरल के कार्यालय ने मणिपुर के बहुसंख्यक मेईतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने से इनकार किया था और फिर 2001 में मणिपुर सरकार ने. हालांकि इस साल एसटी दर्जे की मांग की याचिका सुन रहे हाईकोर्ट को केंद्र और न ही मणिपुर सरकार ने यह जानकारी दी.

मणिपुर: कुकी महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने के मामले में आरोपियों के ख़िलाफ़ आरोप-पत्र दाख़िल

सीबीआई ने गुवाहाटी में एक विशेष अदालत के समक्ष छह लोगों और एक नाबालिग के खिलाफ मई की घटना के संबंध में आरोप पत्र दायर किया है. मई में हुई इस घटना का वीडियो जुलाई महीने में सामने आया था, जिसमें भीड़ द्वारा कुकी समुदाय की दो महिलाओं को नग्नकर घुमाकर उन पर यौन हमला किया गया था.

मणिपुर हिंसा के चलते विस्थापित हुए लोगों की संपत्तियों के अतिक्रमण पर कार्रवाई होगी: सरकार

सुप्रीम कोर्ट ने 25 सितंबर को मणिपुर सरकार को हिंसा के दौरान विस्थापित हुए लोगों की संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था. इस आदेश का हवाला देते हुए राज्य सरकार ने कहा है कि जो कोई भी इसका उल्लंघन करता पाया गया, उस पर केस दर्ज किया जाएगा. 

मणिपुर में एक व्यक्ति को जलाने का वीडियो सामने आया

मणिपुर से सात सेकंड के इस वीडियो में एक गड्ढे में पड़े कुकी समुदाय के एक व्यक्ति को कुछ लोगों द्वारा आग लगाते हुए देखा जा सकता है. यह स्पष्ट नहीं है कि घटना के व्यक्ति ज़िंदा था या नहीं. एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह हिंसा के दूसरे दिन यानी 4 मई को मेईतेई-प्रभुत्व वाले थौबल जिले में हुई एक घटना है. इस संबंध में उस वक्त केस दर्ज किया गया था.

समान नागरिक संहिता और मणिपुर हिंसा के ख़िलाफ़ दिल्ली में आदिवासियों का प्रदर्शन

वीडियो: दिल्ली के जंतर मंतर पर देश के अलग अलग हिस्सों से आए आदिवासियों ने एक दिन का धरना दिया. यह विरोध समान ना​गरिक संहिता (यूसीसी) और मणिपुर हिंसा में आदिवासियों पर हो रहे अत्याचारों के ख़िलाफ़ था. केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए मणिपुर में जारी हिंसा रोकने की मांग की गई.

मणिपुर भाजपा ने जातीय हिंसा को लेकर पार्टी अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा- जनता में नाराज़गी है

भाजपा की मणिपुर इकाई ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर कहा है कि लोग नाराज़ में हैं, क्योंकि राज्य सरकार अब तक जातीय संघर्ष को रोकने में विफल रही है. इकाई ने उन लोगों को मुआवज़ा प्रदान करने का भी आह्वान किया, जिनके घर नष्ट हो गए हैं और जातीय संघर्ष में मारे गए लोगों के परिवारों को अनुग्रह राशि देने का भी अनुरोध किया.

मणिपुर​ हिंसा: दो छात्रों की हत्या के आरोप में चार गिरफ़्तार, कुकी समूहों ने विरोध जताया

मेईतेई समाज से आने वाले हिजाम लिनथोइंगामी (17 वर्षीय लड़की) और फिजाम हेमजीत (20 वर्षीय लड़का) इस साल 6 जुलाई को हिंसा के दौरान लापता हो गए थे. 25 सितंबर को उनके शवों की तस्वीरें सामने आईं, जिसके बाद मणिपुर में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए हैं.

मणिपुर: जनजातीय संगठनों ने आफस्पा को पहाड़ी ज़िलों तक सीमित रखने पर कड़ी आपत्ति जताई

बीते 27 सितंबर को मणिपुर सरकार ने पहाड़ी इलाकों में सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम (आफस्पा) को छह महीने का विस्तार दे दिया था, जबकि इंफाल घाटी के 19 थानों को इसके दायरे से बाहर रखा गया है. कुकी, ज़ोमी और नगा जनजातियों के शीर्ष निकायों ने इस क़दम को ‘दमनकारी’ और ‘पक्षपातपूर्ण’ क़रार दिया है.

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