उत्तर प्रदेश के चित्रकूट ज़िले में हुई एक अन्य घटना में गुजरात के सूरत शहर से लौटे में प्रवासी मज़दूर ने भी फांसी लगाकर जान दे दी है.
उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के पल्हरी गांव के 60 वर्षीय प्रवासी मज़दूर परिवार के साथ पंजाब से ट्रक में सवार होकर अपने गांव लौट रहे थे. आगरा के पास उन्हें पेट दर्द तथा उल्टी की शिकायत हुई और घर पहुंचने से कुछ दूर पहले ट्रक में ही उनकी मौत हो गई.
पुलिस ने मृतक युवती के चाचा के हवाले से बताया कि युवती की मां यशोदा और भाई विक्रम गुजरात में मज़दूरी करते हैं और वहां से नहीं आ पाए हैं. बबेरू में उनके रिश्ते की बात चल रही थी, लेकिन मां और भाई की वापसी न हो पाने पर रिश्ते को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका था.
उत्तर प्रदेश ललितपुर ज़िले में ग़रीबी और क़र्ज़ से कथित तौर पर परेशान 40 वर्षीय किसान ने ज़हर खा लिया. वहीं, बांदा ज़िले के नरैनी पंचायत में कार्यरत सफाईकर्मी ने कथित तौर पर घरेलू कलह से परेशान होकर जान दे दी.
उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले में लॉकडाउन में एक महीने की अवधि के दौरान कम से कम 16 लोगों द्वारा आत्महत्या करने के मामले सामने आ चुके हैं.
उत्तर प्रदेश में बांदा ज़िले में आत्महत्या करने वाले किसान कथित तौर पर परिवार का भरण पोषण न कर पाने के कारण परेशान थे, वहीं लड़की द्वारा आत्महत्या करने की वजह पता नहीं चल सकी है.
उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले के अतर्रा और बिसंडा थाना क्षेत्र की घटना. एक मज़दूर दो महीने से काम न मिलने के कारण कथित तौर पर परेशान थे, जबकि एक अन्य मज़दूर गुजरात के वापी शहर से लौटे थे.
प्रवासी मज़दूरों की समस्याओं पर लिए गए स्वत: संज्ञान पर सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि घर भेजने के दौरान इन श्रमिकों से कोई किराया नहीं लिया जाएगा, केंद्र या राज्य सरकारें इसका भुगतान करेंगी.
उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले से कथित तौर पर आर्थिक तंगी से परेशान होकर लोगों के आत्महत्या की ख़बरें लगातार आ रही हैं.
मामला हमीरपुर ज़िले के गढ़रौली गांव का है. 22 वर्षीय युवक स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी की तलाश में थे. कई जगह फॉर्म भरने के बाद भी उन्हें नौकरी नहीं मिली थी.
उत्तर प्रदेश के बलिया ज़िले में उत्तराखंड से लौटे मज़दूर अंजनी कुमार सिंह ने पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. वहीं, बांदा ज़िले में ईंट-भट्ठे में काम करने वाला मज़दूर सुखराज प्रजापति ने अपनी जान दे दी है.
19 वर्षीय युवक गुजरात के अहमदाबाद शहर में फल की दुकान चलाता था. उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले में एक महीने के भीतर क़रीब सात से आठ लोगों द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले सामने आ चुके हैं.
झारखंड जनाधिकार महासभा द्वारा आयोजित एक वेबिनार में राज्य के विभिन्न मजदूरों ने लॉकडाउन के दौरान उन्हें हुई पीड़ा का अनुभव साझा किया. श्रमिकों की मांग है कि सरकार उनके लिए उचित राशन और पैसे की व्यवस्था करे.
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश प्रवासी कामगारों के कौशल का आकलन करने के बाद उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने के लिए उनके आंकड़ों का संग्रह करें.
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ज़िले के एक गांव के रहने वाले 50 वर्षीय भानु प्रकाश गुप्ता शाहजहांपुर के एक ढाबे में काम किया करते थे, पर लॉकडाउन में ढाबा बंद होने से काम छूटा और वे परिवार सहित गांव लौट गए. ग़रीबी और बेरोज़गारी से परेशान भानुप्रकाश ने 29 मई को ट्रेन के सामने आकर अपनी जान दे दी.