त्रिपुरा हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को मुकेश अंबानी, उनकी पत्नी एवं बच्चों को ख़तरे की आशंका और आकलन के संबंध में गृह मंत्रालय के पास रखी वह मूल फाइल पेश करने का निर्देश दिया था, जिसके आधार पर उन्हें सुरक्षा प्रदान की गई थी. सरकार की ओर से पेश सॉलीसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि महाराष्ट्र सरकार की सिफ़ारिश पर केंद्र द्वारा अंबानी परिवार को सुरक्षा मुहैया कराए जाने से त्रिपुरा
अकाल तख़्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से ‘ज़ेड’ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान किए जाने की पेशकश ठुकराते हुए कहा कि इससे सिख धर्म के प्रसार के लिए लोगों के साथ उनकी मुलाकात में बाधा आएगी. पंजाब में बीते 29 मई को गायक सिद्धू मूसेवाला की अज्ञात बदमाशों ने गोलीमार हत्या कर दी थी. यह घटना गायक को मिली सुरक्षा पंजाब सरकार द्वारा वापस लेने के एक दिन बाद हुई थी.
सीबीआई के अनुसार, गृह मंत्रालय के एफ़सीआरए डिवीज़न के कुछ अधिकारियों ने विभिन्न गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के प्रमोटरों/प्रतिनिधियों, बिचौलियों के साथ साज़िश में निर्धारित मानदंडों को पूरा नहीं करने के बावजूद दान प्राप्त करना जारी रखने के उद्देश्य से इन संगठनों को पिछले दरवाजे से एफसीआरए पंजीकरण/नवीनीकरण प्राप्त कराने की भ्रष्ट गतिविधियों में लिप्त थे.
गृह मंत्रालय की 2020-21 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 1990 के दशक से 2020 के बीच जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के कारण 14,091 नागरिकों और सुरक्षा बल के 5,356 जवानों की जान गई. कश्मीरी पंडितों के अलावा, आतंकवाद की वजह से कुछ सिख और मुस्लिम परिवारों को भी घाटी से जम्मू, दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा.
मुख्य सूचना आयुक्त यशोवर्धन कुमार सिन्हा ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के उपसचिव और सीपीआईओ प्रवीण कुमार यादव को चेतावनी देते हुए उन्हें भविष्य में आरटीआई एक्ट के प्रावधानों का सख़्ती से पालन सुनिश्चित करने को कहा.
पूर्व सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा द्वारा सूचना के अधिकार के तहत केंद्रीय सूचना आयोग में दिए दो आवेदनों से पता चला है कि कैसे एकाएक उनके करिअर की समाप्ति के बाद से सरकार ने उनकी पिछली सेवा संबंधी पूरी जानकारी को ज़ब्त कर लिया. इसके बाद उनकी पेंशन, चिकित्सा पात्रता और ग्रैच्युटी समेत सभी सेवानिवृत्ति बकाये, यहां तक कि भविष्य निधि भुगतान भी देने से इनकार कर दिया गया.
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में बताया कि पिछले एक दशक में अर्द्धसैनिक बलों के 1,205 जवानों ने आत्महत्या की है, जिनमें सर्वाधिक मामले वर्ष 2021 में आए.
राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून या एनएसए सरकार को किसी व्यक्ति को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानने या लोक व्यवस्था को बाधित करने से रोकने के लिए उसे हिरासत में लेने का अधिकार देता है. इसके तहत किसी व्यक्ति को बिना किसी आरोप के 12 महीने तक हिरासत में रखा जा सकता है. व्यक्ति को आरोप बताए बिना 10 दिनों तक हिरासत में भी रखा जा सकता है.
29 दिसंबर 2021 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मलयालम समाचार चैनल ‘मीडिया वन’ को सुरक्षा मंज़ूरी देने से इनकार कर दिया था और 31 जनवरी को इसके प्रसारण पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि समाचार चैनल अपना काम जारी रखेगा, जैसा कि वह प्रसारण पर रोक से पहले कर रहा था.
29 दिसंबर 2021 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मलयालम समाचार चैनल ‘मीडिया वन’ को सुरक्षा मंज़ूरी देने से इनकार कर दिया था और 31 जनवरी को इसके प्रसारण पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था. 8 फरवरी को केरल हाईकोर्ट ने केंद्र के निर्णय को बरक़रार रखा था, जिसके ख़िलाफ़ चैनल ने अपील दायर की थी.
तुर्की के नागरिक इल्कर आयजी ने कहा कि भारतीय मीडिया के कुछ तबकों द्वारा उनकी नियुक्ति को अवांछनीय तरीके से ग़लत रंग देने के चलते उन्होंने यह निर्णय लिया है. ‘टाटा संस’ ने 14 फरवरी को तुर्की एयरलाइंस के पूर्व प्रमुख आयजी को एयर इंडिया का सीईओ और प्रबंध निदेशक बनाने की घोषणा की थी.
बीते जनवरी में सरकार से एयरलाइन का नियंत्रण लेने वाले टाटा समूह ने तुर्की के नागरिक इल्कर आयजी को एयर इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ नियुक्त करने की घोषणा की थी. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि स्थापित परंपरा के अनुरूप भारत में अहम पदों पर नियुक्त होने वाले सभी विदेशी नागरिकों की पृष्ठभूमि का परीक्षण किया जाता है और आयजी के मामले में भी ऐसा ही किया जाएगा.
29 दिसंबर 2021 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मलयालम समाचार चैनल ‘मीडिया वन’ को सुरक्षा मंजूरी देने से इनकार कर दिया और बीते 31 जनवरी को इसके प्रसारण पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था. समाचार चैनल के समर्थन में आए विभिन्न सांसदों, वकीलों, संपादकों और मानव अधिकार कार्यकर्ताओं ने केरल हाईकोर्ट के फैसले पर निराशा जताई और कहा कि उसने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार की रक्षा करने से इनकार कर दिया.
जिन 54 ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया गया है उनमें स्वीट सेल्फी एचडी, ब्यूटी कैमरा,वीवा वीडियो एडिटर, नाइस वीडियो बायडु और टेंसेंट एक्सराइव जैसे कई लोकप्रिय ऐप शामिल हैं. बताया गया है कि ये ऐप उपयोगकर्ताओं से जुटाई गई जानकारियों का दुरुपयोग कर रहे थे और उसे विरोधी देश में स्थित सर्वरों को भेज रहे थे.
यूपी से भाजपा सांसद वरुण गांधी द्वारा लोकसभा में पूछे एक सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि पिछले पांच सालों में पुलिस मुठभेड़ में सबसे अधिक मौतें (191) छत्तीसगढ़ में हुईं, जबकि उत्तर प्रदेश में 117 लोग पुलिस मुठभेड़ में मारे गए.