मिजोरम के शीर्ष छात्र संगठन मिज़ो ज़िरलाई पावल (एमजेडपी) के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी राज्य की राजधानी आइजोल के पश्चिमी भाग में डावरपुई वेंगथर में मिजोरम छात्रवृत्ति बोर्ड कार्यालय के सामने दो दिन से धरना दे रहे हैं. वे राज्य के भीतर और बाहर पढ़ रहे 19,495 छात्रों को छात्रवृत्ति राशि के तत्काल वितरण की मांग कर रहे हैं.
मिज़ोरम से राज्यसभा सांसद के. वेनलेलवना ने कहा कि केंद्र सरकार को मणिपुर में एन. बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार को हटा देना चाहिए ताकि केंद्रीय बल 'बेहद पक्षपाती' मणिपुर पुलिस को अपनी कमांड में लेकर राज्य में हो रही जातीय हिंसा को रोक सकें.
मिज़ोरम के गृह विभाग द्वारा इस महीने की शुरुआत में संकलित आंकड़ों का हवाला देते हुए एक अधिकारी ने बताया कि पिछले साल फरवरी में पड़ोसी देश म्यांमार में सेना द्वारा सत्ता हथियाए जाने के बाद से अब तक 11,798 बच्चों और 10,047 महिलाओं सहित म्यांमार के 30,316 नागरिकों ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में शरण ली है. मिज़ोरम आने वालों में वहां के 14 विधायक भी शामिल हैं.
मिज़ोरम सरकार ने 31 अगस्त के अपने पत्र में राज्य के शिक्षा अधिकारियों को म्यांमार शरणार्थियों के बच्चों को सरकारी स्कूलों में प्रवेश देने का निर्देश दिया है. इस साल फरवरी में म्यांमार में सैन्य तख़्तापलट के बाद इन्हें भागने को मजबूर होना पड़ा था. सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक, मिज़ोरम आए इन शरणार्थियों की संख्या 9,450 है.