केरल हाईकोर्ट ने एक मलयाली दैनिक समाचार पत्र के पत्रकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया, जिसमें पुलिस को उनका फोन सौंपने का निर्देश देने की मांग की गई थी. अदालत ने कहा कि सीआरपीसी के प्रावधानों के उल्लंघन में पत्रकार का मोबाइल फोन पुलिस अधिकारियों द्वारा ज़ब्त नहीं किया जा सकता.
छत्तीसगढ़ के कांकेर ज़िले का मामला. बीते 21 मई को ज़िले पखांजूर क़स्बे में तैनात एक खाद्य निरीक्षक ने सेल्फी लेते समय अपना नया मोबाइल फोन बांध के पास बने एक जलाशय में गिरा दिया था. विश्वास और उनके दोस्त बांध पर घूमने गए थे.
मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु के सभी मंदिरों के अंदर मोबाइल फोन इस्तेमाल करने को प्रतिबंधित करते हुए कहा कि यह क़दम इसलिए उठाया जा रहा है ताकि पूजा की शालीनता और मंदिर की शुचिता बनी रहे.
मथुरा-वृंदावन के एक महाविद्यालय की शिक्षिका एवं सामाजिक कार्यकर्ता ने एक संप्रदाय के महंत पर उन्हें मोबाइल फोन पर अश्लील फोटो भेजने और उनका अपमान करने का आरोप लगाया है. पुलिस के अनुसार, मामले की जांच साइबर सेल को सौंपी गई है और उसकी रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी.
बिहार के पुलिस महानिदेशक एसके सिंघल द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि ऐसे उदाहरण सामने आए हैं जिनमें पुलिस अधिकारी व कर्मी ड्यूटी के दौरान अनावश्यक रूप से मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं. ड्यूटी के दौरान मोबाइल का अनावश्यक उपयोग अनुशासनहीनता का परिचायक है.
नेशनल साइबर सिक्योरिटी समन्वयक लेफ्टिनेंट जनरल राजेश पंत ने एक कार्यक्रम में कहा कि आने वाले दिनों में साइबर सुरक्षा को लेकर ख़तरे बढ़ेंगे, क्योंकि देश स्मार्ट शहर विकसित करने के साथ 5जी नेटवर्क समेत अन्य क़दम उठा रहा है.
कोविड-19 के चलते स्कूल बंद होने के बाद अब राज्य सरकारें मोबाइल और टीवी के ज़रिये छात्रों तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं. ऐसी कोशिश बिहार सरकार द्वारा भी की गई है, लेकिन आर्थिक-सामाजिक असमानता के बीच प्रदेश के सरकारी स्कूलों के बच्चों तक इन माध्यमों से शिक्षा पहुंचा पाना बेहद कठिन है.
जीएसटी परिषद की बैठक में साझा किए गए अप्रैल-फरवरी के आंकड़ों के अनुसार, संरक्षित राजस्व और राज्यों को होने वाले राजस्व के बीच राजस्व अंतर औसतन 14 प्रतिशत से बढ़कर 23 प्रतिशत हो गया है. इस वर्ष क्षतिपूर्ति उपकर के रूप में 80 हजार करोड़ रुपये एकत्र किए गए हैं, लेकिन राज्यों को 1.2 लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं.
मोबाइल फोन से डेटा हैकिंग, जासूसी के बढ़ते ख़तरे और कुछ मंत्रियों द्वारा कैबिनेट मीटिंग के दौरान मैसेज पढ़ने की वजह से उठाया गया क़दम.
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया है कि 2014 के पहले देश में मोबाइल बनाने वाली सिर्फ 2 कंपनियां थीं, आज मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों की संख्या 120 हो गई है. सवाल है कि कंपनियों की संख्या 2 से 120 हो जाने पर कितने लोगों को रोज़गार मिला?
साक्ष्य बताते हैं कि आधार के सहारे फ़र्ज़ी बताए गए राशन कार्डों की संख्या का प्रधानमंत्री द्वारा किया गया दावा वास्तविकता से कई गुना ज़्यादा था.
समझ में नहीं आता कि जब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को संविधान पीठ को सौंपा हुआ है तो उसका फैसला आए बिना सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के लिए आधार की ऐसी अनिवार्यता थोपने का क्या तुक है.
एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दूरसंचार विभाग से पूछा कि आप सेवा प्राप्त करने वालों के लिए मोबाइल फोन से आधार को जोड़ने के लिए शर्त कैसे लगा सकते हैं.