प्रशासनिक सुधार आयोग के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा कि यह जल्दबाज़ी में उठाया गया कदम है. मोदी सरकार की घोषणा में पारदर्शिता की कमी है. उसने लैटरल एंट्री की घोषणा की लेकिन कोई नीति पेश नहीं की.
लैटरल एंट्री को लेकर उठ रहे असुविधाजनक सवालों पर सरकार ने जो रुख अपना रखा है, उससे अभी से लगने लगा है कि यह व्यवस्था इतनी पारदर्शी नहीं होने जा रही कि इससे संबंधी सरकार की नीति और नीयत को सवालों से परे माना जा सके.
संयुक्त सचिव स्तर के दस पेशेवर लोगों को सरकार में शामिल करने का ख़्याल सरकार के आख़िरी साल में क्यों आया जबकि इस तरह के सुझाव पहले की कई कमेटियों की रिपोर्ट में दर्ज हैं.
जन गण मन की बात की 257वीं कड़ी में विनोद दुआ भारतीय जनता पार्टी में कोषाध्यक्ष से जुड़े विवाद और बैड बैंक पर चर्चा कर रहे हैं.
हम भी भारत की 38वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी मोदी सरकार द्वारा संयुक्त सचिव स्तर के दस पदों के लिए बिना लोकसेवा आयोग की परीक्षा के नियुक्तियों के आवेदन आमंत्रित करने पर पूर्व आईएएस अधिकारी सुंदर बुर्रा और हार्ड न्यूज़ पत्रिका के संपादक संजय कपूर से चर्चा कर रही हैं.
अनेक ‘शुभचिंतक’ दलों के बावजूद भेदभावों के ख़िलाफ़ दलितों की लड़ाई अभी लंबी ही है. ये ‘शुभचिंतक’ दल दलितों के वोट तो पाना चाहते हैं लेकिन उन पर हो रहे अत्याचारों के लिए जोखिम उठाने को तैयार नहीं हैं.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पीएमओ और केंद्र ने हमारी सरकार के कामकाज में रोड़े अटकाने के लिए उपराज्यपाल, आईएएस अधिकारियों और सीबीआई, ईडी, आयकर विभाग एवं दिल्ली जैसी एजेंसियों को लगा रखा है.
साक्ष्य बताते हैं कि आधार के सहारे फ़र्ज़ी बताए गए राशन कार्डों की संख्या का प्रधानमंत्री द्वारा किया गया दावा वास्तविकता से कई गुना ज़्यादा था.
याचिकाकर्ता ने केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा जारी उस परिपत्र का हवाला दिया था जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों को ‘दलित’ शब्द का इस्तेमाल करने से बचने की सलाह दी गई थी.
मंदसौर गोलीकांड की पहली बरसी पर आयोजित 'किसान समृद्धि संकल्प' रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, ‘पूरे देश में आज किसान अपना हक़ मांग रहा है, आत्महत्या कर रहा है.’
केंद्रीय मंत्री हरसिमरत बादल ने किसानों की दुर्दशा के लिए कांग्रेस के ‘कुशासन’ को जिम्मेदार ठहराया, शरद पवार ने किसानों के आंदोलन का समर्थन किया, सरकार को आड़े हाथ लिया.
किसान संगठनों ने जब ‘गांव बंद’ आंदोलन शुरू किया तो उन्हें उम्मीद थी कि चुनावी साल होने के कारण आमतौर पर ऊंचा सुनने वाली दिल्ली उन्हें सुनेगी लेकिन वे गलत सिद्ध हुए. सरकार उनका मज़ाक उड़ाने पर उतर आई है.
मोदी सरकार द्वारा बीते चार सालों में बदलाव के बड़े दावों के साथ शुरू की गईं विभिन्न योजनाएं कोई बड़ी उपलब्धि हासिल कर पाने में नाकाम रही हैं.
मध्य प्रदेश समेत देश के दूसरे हिस्सों में किसानों का शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी, छह जून को पंजाब में आंदोलन ख़त्म होने की ख़बर. कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज.
दलितों के मसले पर भाजपा में बाग़ी सुर अपनाने वाली उत्तर प्रदेश के बहराइच से सांसद सावित्री बाई फुले से अमित सिंह की बातचीत.