'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' और 'सबका साथ-सबका विकास' सरीखे नारे देने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने शासन में इस पर अमल करते नज़र नहीं आते हैं.
2016 में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने मोदी सरकार द्वारा कोयले का उत्पादन बढ़ाते हुए इसके आयात को ख़त्म करने की ठोस योजना पर काम करने की बात कही थी. लेकिन आज स्थिति यह है कि बिजली की बढ़ी मांग की पूर्ति के लिए सरकार ने राज्यों से महंगा कोयला आयात करने को कहा है. और तो और 2016 की 'योजना' को लेकर कोई जवाबदेही तय नहीं की गई है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश करते हुए इस साल सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की मंशा जताई थी. सूत्रों का कहना है कि नीति आयोग ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज़ बैंक के निजीकरण की सिफ़ारिश की है.
देवबंद में जमीयत उलेमा-ए-हिंद की प्रबंधन समिति के सालाना अधिवेशन में महमूद मदनी ने कहा, 'हमारा मज़हब, लिबास, तहज़ीब, खाना-पीना भी अलग है. और अगर आपको हमारा मज़हब बर्दाश्त नहीं है, तो आप कहीं और चले जाएं. वो ज़रा-ज़रा सी बात पर कहते हैं कि पाकिस्तान जाओ, भइया तुम्हें मौक़ा नहीं मिलेगा पाकिस्तान जाने का, हमें मिला था, हमने रिजेक्ट किया है. इसलिए हम नहीं जाएंगे, जिसको भेजने का शौक़ है वो चला जाए.'
उत्तर प्रदेश के देवबंद में जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के सालाना अधिवेशन को संबोधित करते हुए संगठन के दूसरे धड़े के प्रमुख मौलाना महमूद असद मदनी ने शनिवार को कहा कि सरकार ने देश के मुसलमानों की मुश्किलों के प्रति आंखें मूंद ली हैं. संगठन ने आरोप लगाया कि देश के बहुसंख्यक समुदाय के दिमाग में भाजपा नीत सरकार के संरक्षण में ज़हर घोला जा रहा है.
रेलवे में पदों को ख़त्म करने को लेकर भाजपा सांसद वरुण गांधी ने कहा कि समाप्त होती हर नौकरी रेलवे की तैयारी कर रहे करोड़ों युवाओं की उम्मीदें तोड़ रही है. यह ‘वित्तीय प्रबंधन’ है या ‘निजीकरण’ की तरफ बढ़ाया जा रहा कदम? वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार नई नौकरियां देने में नहीं, बल्कि बची हुईं नौकरियां छीनने में सक्षम है.
आमिर लतीफ़ माग्रे उन चार लोगों में से एक थे, जो 15 नवंबर 2021 को श्रीनगर के बाहरी इलाके हैदरपोरा में एनकाउंटर में मारे गए थे. एनकाउंटर की प्रमाणिकता को लेकर जनाक्रोश और विरोध के कुछ दिन बाद जम्मू कश्मीर प्रशासन ने दो मृतकों- अल्ताफ़ अहमद भट और डॉ. मुदासिर गुल के शवों को उनके परिवारों को सौंप दिया था. हाईकोर्ट ने आमिर का शव उनके परिजनों के सुपुर्द न करने के जम्मू कश्मीर पुलिस के फैसले को संविधान के
मुग़ल शब्द को भारतीय मुसलमानों को इंगित करने वाला प्रॉक्सी बना दिया गया है. पिछले आठ सालों में, इस समुदाय को- आर्थिक, सामाजिक और यहां तक कि शारीरिक तौर पर- निशाना बनाना न सिर्फ उन्मादी गिरोहबंद भीड़, बल्कि सरकारों की भी शीर्ष प्राथमिकता बन गई है.
अगर संघ परिवारी सत्ताधीश और उनके समर्थक समझते हैं कि देश की छवि मध्य प्रदेश में भाजपाइयों द्वारा मोहम्मद होने के संदेह में भंवरलाल को पीट-पीटकर मार दिए जाने से नहीं, बल्कि राहुल गांधी द्वारा लंदन में यह चेताने से ख़राब होती है कि भाजपा ने देश में इस तरह मिट्टी का तेल फैला दिया है कि एक चिंगारी भी हमें बड़ी मुसीबत में डाल सकती है, तो उन्हें भला कौन समझा सकता है!
मोदी सरकार सोचती है कि यह कृषि उत्पादों के वैश्विक व्यापार को मनमर्ज़ी ढंग से नियंत्रित कर सकती है और किसानों और व्यापारियों को नुकसान पहुंचाए बगैर अपने फ़ैसलों को रातोंरात बदल सकती है.
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मदन बी. लोकुर ने राजद्रोह क़ानून को लेकर शीर्ष अदालत के हालिया आदेश को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि इस क़ानून में कुछ अपवाद थे जहां राजद्रोह के आरोप लागू नहीं किए जा सकते पर यूएपीए की धारा 13 के तहत कोई अपवाद नहीं हैं. यदि यह प्रावधान बना रहता है, तो यह बद से बदतर स्थिति में जाने जैसा होगा.
केंद्रीय क़ानून मंत्रालय ने एक गजट अधिसूचना में कहा है कि परिसीमन आयोग के आदेश 20 मई से प्रभावी हो गए हैं. जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के तहत गठित आयोग के आदेशों के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश में 90 विधानसभा क्षेत्र होंगे, जिनमें से जम्मू संभाग में 43 और कश्मीर में 47 होंगी. इनमें से नौ सीट अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित होंगी. पूर्ववर्ती विधानसभा में 87 सीटें थीं, जिनमें से कश्मीर में 46, जम्मू में 37 और
घरेलू एलपीजी गैस सिलेंडर की क़ीमतों में इस महीने दूसरी बार और दो महीने से भी कम समय में तीसरी बार वृद्धि की गई है. सात मई को प्रति सिलेंडर 50 रुपये की वृद्धि की गई थी. इससे पहले 22 मार्च को भी प्रति सिलेंडर कीमतों में इतनी ही वृद्धि की गई थी. अप्रैल 2021 के बाद से एलपीजी सिलेंडर के दाम 193.5 रुपये बढ़ चुके हैं. वाणिज्यिक एलपीजी सिलेंडर के दाम भी आठ रुपये प्रति सिलेंडर बढ़ा दिए गए
थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति मार्च में 14.55 प्रतिशत और पिछले साल अप्रैल में 10.74 फीसदी थी. अप्रैल 2021 से यह लगातार 13वें महीने दहाई के अंक में बनी हुई है. पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों में बताया गया था कि खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में बढ़कर आठ साल के उच्च स्तर 7.79 प्रतिशत पर पहुंच गई है.
ऐसी संभावना है कि राजद्रोह का आसन्न अंत देश भर में पुलिस (और उनके आकाओं) को आलोचकों को डराने और पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं व विपक्षी नेताओं को चुप कराने के तरीके के रूप में अन्य क़ानूनों के उपयोग को बढ़ा देगा.