सुप्रीम कोर्ट को इस बात की विस्तृत जांच करनी चाहिए कि कैसे नवंबर से लेकर मार्च तक घरेलू उत्पादकों को पर्याप्त ऑर्डर या क्षमता विस्तार के लिए पूंजीगत मदद न दिए जाने के कारण गंवा दिए गए. अदालत को इस संबंध में एसआईआई और भारत बायोटेक से संबंधित ब्यौरा मांगना चाहिए, जिससे यह पता लग सके कि पिछले साल दिसंबर से अब तक उनके और पीएमओ के बीच क्या बातचीत हुई.
रूस में निर्मित कोविड-19 टीके स्पुतनिक वी से जुड़े मुद्दों पर सुनवाई कर रहे दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि इस असाधारण समय में नियमावली से गुज़रते हुए मानव जीवन को बचाना कठिन हो जाएगा. इस समय लचीलापन और तत्परता मंत्र होना चाहिए.
वीडियो: बीते 30 मई को केंद्र सरकार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के ज़रिये जून महीने के लिए कोविड-19 टीकाकरण योजना की जानकारी दी थी. केंद्र ने बताया था कि जून में टीके के 12 करोड़ डोज़ उपलब्ध होंगे. इनमें से 6.1 करोड़ डोज़ केंद्र सरकार के कोटे से होंगे वहीं 5.9 करोड़ डोज़ राज्य सरकारों और निजी अस्पतालों की सीधी ख़रीद से उपलब्ध होंगे.
वीडियो: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की कोविड टीकाकरण नीति को ‘प्रथम दृष्टया मनमानापूर्ण एवं अतार्किक’ क़रार दिया है, जिसमें पहले दो चरणों में संबंधित समूहों को टीके की मुफ़्त खुराक दी गई और अब राज्यों एवं निजी अस्पतालों को 18-44 साल आयु वर्ग के लोगों से शुल्क वसूलने की अनुमति दी गई है.
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार चाहती है कि आंदोलन का केंद्रबिंदु दिल्ली की सीमाओं से हरियाणा में स्थानांतरित किया जाए, लेकिन हम दिल्ली की सीमा को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे. उन्होंने कहा कि जब तक किसानों की मांगें पूरी नहीं हो जातीं, आंदोलन जारी रहेगा.
केरल विधानसभा में पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि महामारी से लड़ने के लिए हमें सभी के लिए मुफ्त टीकाकरण प्रदान करने की ज़रूरत है, जो यह सुनिश्चित करेगा कि समाज के सभी वर्ग वायरस से सुरक्षित हैं. केंद्र सरकार अपनी ज़िम्मेदारी से नहीं बच सकती और सब कुछ राज्यों पर नहीं छोड़ सकती. उसे समयबद्ध तरीके से टीकाकरण सुनिश्चित करना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा दो चरणों में संबंधित समूहों (45 वर्ष से अधिक उम्र) को टीके की मुफ़्त खुराक दी गई और अब राज्यों एवं निजी अस्पतालों को 18-44 साल आयु वर्ग के लोगों से शुल्क वसूलने की अनुमति दी गई है. अदालत ने यह भी जानना चाहा कि टीकाकरण के लिए निर्धारित 35,000 करोड़ रुपये अब तक कैसे ख़र्च किए गए हैं और इसका उपयोग 18 से 44 साल के लोगों के टीकाकरण पर क्यों नहीं किया
वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी के माध्यम से ये बताया जा रहा है कि ये वैश्विक महामारी है और हर देश प्रभावित है, इसलिए मोदी जी बेचारे क्या कर सकते हैं. इस नरेटिव से सरकार की नाकामी पर पर्दा डालने का प्रयास जारी है, जबकि सच्चाई यह है कि दुनिया में कोविड के दूसरे लहर का सबसे ज़्यादा असर भारत पर ही पड़ा है. जिस देश का जन स्वास्थ्य तंत्र सुदृढ़ है, वहां इसका असर अपेक्षाकृत कम हुआ.
दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा कि टीकों की कमी से जान गंवाने वालों को आप क्या जवाब देंगे? अदालत ने केंद्र से कहा कि टीकों के निर्माण के लिए बहुत सारी गुंजाइश और बुनियादी ढांचा उपलब्ध है. इस्तेमाल न की गई इस क्षमता का उपयोग करना होगा. आपके अधिकारियों को इसका एहसास नहीं हो रहा है.
बीते 28 मई को केंद्र सरकार ने 13 ज़िलों में रह रहे अफ़गानिस्तान, बांग्लादेश तथा पाकिस्तान के ग़ैर-मुस्लिमों से भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन मंगाने संबंधी अधिसूचना जारी की है. इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग की ओर से मांग की गई है कि जब तक सीएए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका अदालत में लंबित है, तब तक केंद्र को नागरिकता संबंधी नए आदेश पर रोक लगाने का निर्देश दिया जाए.
देश में पेट्रोल की कीमत 17 बार में 4.09 रुपये प्रति लीटर और डीज़ल 4.65 रुपये प्रति लीटर बढ़ी है. राजस्थान के श्रीगंगानगर ज़िले में कीमतें देश में सबसे ज़्यादा हैं, जहां पेट्रोल 105.52 रुपये प्रति लीटर और डीज़ल 98.32 रुपये प्रति लीटर है.
दिग्गज सोशल मीडिया मंचों और ऑनलाइन न्यूज़ मीडिया के साथ नये नियमों को लेकर विवादास्पद बहस ऐसे मौके पर हो रही है जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के तौर पर सामने आई अब तक की सबसे बड़ी चुनौती का सामना कर रहे हैं. ऐसे में आलोचनाओं के दमन में लगी सरकार ने टेक कंपनियों से दो-दो हाथ कर खु़ुद को अपने ही बुने चक्रव्यूह में फंसा लिया है.
केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में इस संबंध में हलफ़नामा दायर करने के तीन दिन बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने उन मीडिया रिपोर्ट पर कड़ी आपत्ति जताई थी, जिसमें कोरोना वायरस के एक स्वरूप ‘बी.1.617’ को ‘इंडियन वैरिएंट’ कहा गया था. सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों से कहा था कि वे अपने प्लेटफॉर्म से ‘इंडियन वैरिएंट’ संबंधी सामग्री को तुरंत हटा दें.
दिल्ली हाईकोर्ट ने सेंट्रल विस्टा का निर्माण कार्य जारी रखने की अनुमति देते हुए कहा कि यह एक अहम व आवश्यक राष्ट्रीय परियोजना है. अदालत ने इस पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका को 'किसी मक़सद से प्रेरित' बताते हुए याचिकाकर्ताओं पर एक लाख का जुर्माना लगाया है.
कोविड महामारी की दूसरी लहर का कृषि उत्पादन पर असर पड़ने के अलावा सप्लाई चेन भी महामारी की चपेट में आने लगी है, जिससे उत्पादन और वितरण दोनों पर प्रभाव पड़ने वाला है. आमदनी घटने और ख़र्च बढ़ने जैसे कई कारणों के चलते सरकार का नए कृषि क़ानूनों को वापस लेना ज़रूरी है.