केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को संसद में एक सवाल के जवाब में कहा कि सरकार ने तीन कृषि क़ानूनों के बारे में किसानों की आशंकाओं का पता लगाने के लिए कोई अध्ययन नहीं कराया है, पर केंद्र ने किसानों की आशंकाओं को दूर करने के लिए लगातार प्रयास किए हैं.
वीडियो: दिल्ली के सिंघू, टिकरी और ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर पिछले आठ महीनों से केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि क़ानून का विरोध कर रहे किसान अब दिल्ली के जंतर-मंतर पर नज़र आने लगे हैं. जंतर-मंतर में चल रही किसानो की संसद से याक़ूत अली की रिपोर्ट.
वीडियो: संसद में जारी मानसून सत्र भले ही हंगामे की भेंट चढ़ रहा हो, लेकिन जंतर-मंतर पर आयोजित किसान संसद दूसरे दिन भी चली. इस मुद्दे पर योगेंद्र यादव और अक्षय नरवाल से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
केंद्र सरकार के नए कृषि क़ानूनों के विरोध में प्रदर्शन करते हुए 200 किसानों के एक समूह ने दिल्ली के जंतर मंतर पर गुरुवार से किसान संसद शुरू की. इस बारे में एक पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए मीनाक्षी लेखी ने किसानों को मवाली कहा था, जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया.
दिल्ली सरकार द्वारा जारी बयान के अनुसार, बीते 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा और पिछले साल उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों से जुड़े मामलों में दिल्ली पुलिस के वकीलों की नियुक्ति करने संबंधी उपराज्यपाल अनिल बैजल की सिफ़ारिश को मंत्रिमंडल ने ख़ारिज कर दिया है. बताया जा रहा है कि इस क़दम से केंद्र और उपराज्यपाल के साथ दिल्ली सरकार का टकराव बढ़ सकता है.
वीडियो: संसद के मानसून सत्र से पहले भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने द वायर से ख़ास बातचीत में बताया कि किसान हार नहीं मानेंगे और आने वाले मानसून सत्र में किसान संसद का घेराव करने जा रहे हैं.
संयुक्त किसान मोर्चा ने हरियाणा भाकियू प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी को उनके एक बयान को लेकर निलंबित किया है. चढूनी ने कहा था कि किसान आंदोलन में शामिल पंजाब के किसान संगठनों को विधानसभा चुनाव लड़ना चाहिए. एसकेएम का कहना है वे कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ लड़ रहे हैं, राजनीति नहीं कर रहे.
बीते 11 जुलाई को प्रदर्शनकारी किसानों ने हरियाणा विधानसभा के उपाध्यक्ष रणबीर गंगवा की कार पर कथित तौर पर हमला कर दिया था जिससे उसका शीशा टूट गया था. संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ नेता दर्शन पाल ने कहा कि गाड़ी का शीशा टूटने पर राजद्रोह और हत्या के आरोप को कैसे न्यायोचित ठहराया जा सकता है.
संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से शुरू होगा. संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि इस दौरान संसद के बाहर केंद्र के तीनों कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ रोज़ क़रीब किसानों का एक समूह प्रदर्शन करेगा. साथ ही सत्र शुरू होने के दो दिन पहले सदन में क़ानूनों का विरोध करने के लिए सभी विपक्षी सांसदों को चेतावनी पत्र दिया जाएगा.
दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर बीते 30 जून को ग़ाज़ीपुर प्रदर्शन स्थल के पास भाजपा कार्यकर्ताओं और कृषि क़ानूनों का विरोध कर रहे आंदोलनकारी किसानों के बीच झड़प हुई थी. भारतीय किसान यूनियन की ओर से कहा गया है कि यह शांतिपूर्ण आंदोलन को कुचलने का प्रयास है. दोषियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं की गई तो किसान राज्यभर के थानों पर धरना देंगे. किसानों ने भी कथित भाजपा समर्थकों के एक समूह के ख़िलाफ़ इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई है.
दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर बुधवार को ग़ाज़ीपुर प्रदर्शन स्थल के पास भाजपा कार्यकर्ताओं और कृषि क़ानूनों का विरोध कर रहे आंदोलनकारी किसानों के बीच झड़प हुई थी. भाकियू नेता राकेश टिकैत ने आरोप लगाया कि यह प्रकरण सात महीने पुराने विरोध को दबाने के लिए भाजपा और आरएसएस की साज़िश है.
दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर स्थित ग़ाज़ीपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं और कृषि कानूनों का विरोध कर रहे आंदोलनकारी किसानों के बीच हुई झड़प के बाद किसान नेताओं ने आरोप लगाया है कि यह तीन विवादित कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कुचलने और इसे बदनाम करने की केंद्र सरकार की एक और साज़िश है.
कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसानों का नेतृत्व कर रहे संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने बीते 26 जून को प्रदर्शन के सात महीने पूरे होने पर मार्च निकाला था. इस दौरान चंडीगढ़ पुलिस ने कई आरोपों में तमाम किसानों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किए हैं.
केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ 26 जनवरी को किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान बहुत से प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर चलाते हुए लाल किले तक पहुंच गए थे और वहां एक धार्मिक झंडा लगा दिया था. इस संबंध में पुलिस ने अमृतसर से 21 वर्षीय किसान गुरजोत सिंह को गिरफ़्तार किया है.
केंद्र के तीन नए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ लगभग सात महीनों से किसान दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं. 40 यूनियनों के प्रधान संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि सिंघू, टिकरी और गाज़ीपुर बॉर्डर पर किसान 26 जून को ‘कृषि बचाओ, लोकतंत्र बचाओ दिवस’ के रूप में मनाएंगे.