ठाणे ज़िले के कशीमीरा इलाके का मामला. पुलिस ने धार्मिक भावना को आहत करने के उद्देश्य से दुर्भावनापूर्ण हरकत करने का मामला दर्ज किया है.
महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देखमुख ने कहा कि पालघर में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या करने के मामले में गिरफ्तार किए गए 101 लोगों में से कोई भी मुस्लिम नहीं है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस घटना के बाद साम्प्रदायिक राजनीति की जा रही है.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अनुरोध किया कि वे उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें जो पालघर जिले में भीड़ हत्या के मामले को सांप्रदायिक रंग दे रहे हैं.
मुंबई के वर्ली इलाके में हुई घटना में मृतक के परिवारवालों ने आरोप लगाया है कि आठ अस्पतालों बेड की कमी बताकर भर्ती करने से इनकार कर दिया था. नवी मुंबई में हुई घटना में दो अस्पतालों द्वारा मना करने के बाद एक वकील का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया.
मामला महाराष्ट्र के पालघर जिले का है. महाराष्ट्र पुलिस का कहना है कि सभी आरोपी पालघर जिले के विक्रमगढ़ तालुका के स्थानीय आदिवासी हैं. मामले की जांच कर रहे अधिकारी ने दावा किया कि गांव वालों ने तीनों पीड़ितों को चोर समझ लिया था.
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जाने-माने कार्यकर्ता और लेखक आनंद तेलतुम्बड़े ने 14 अप्रैल को राष्ट्रीय जांच एजेंसी के समक्ष आत्मसमर्पण किया था जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था.
यह घटना गुरुवार रात को पालघर के कासा पुलिस थाना इलाके में हुई. इस संबंध में 30 लोगों को हिरासत में लिया गया है.
पीपुल्स यूनियन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स ने कहा कि लॉकडाउन के बीच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं- आनंद तेलतुम्बड़े और गौतम नवलखा की गिरफ़्तारी भारत में मानवाधिकार उल्लंघन के मुद्दों को उठाने वाले कार्यकर्ताओं, वकीलों और पत्रकारों को चुप कराने के केंद्र सरकार के प्रयासों को मज़बूत करती है.
ट्रेन सेवा बहाल किए जाने की कथित ख़बर को लेकर बीते मंगलवार को मुंबई के बांद्रा बस डिपो पर घर जाने के लिए प्रवासी मज़दूर जुट गए थे. इस संबंध में मुंबई पुलिस ने दो अन्य एफआईआर भी दर्ज की है और एक युवक को गिरफ़्तार किया है.
नागरिक अधिकार कार्यकर्ता आनंद तेलतुम्बड़े और गौतम नवलखा पर 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में आयोजित एलगार परिषद की बैठक में भड़काऊ भाषण देने के आरोप हैं, जिसके बाद पुणे के भीमा कोरेगांव में हिंसा भड़की थी.
बीते मंगलवार को कोरोना वायरस के चलते लागू देशव्यापी लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाने की घोषणा के बाद हज़ारों की संख्या में प्रवासी मज़दूर घर जाने की मांग को लेकर मुंबई के बांद्रा इलाके में सड़क जमा हो गए थे. सूरत में ही बीते 10 अप्रैल को इसी मांग के साथ मजदूरों ने हंगामा किया था.
महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि हमने मज़दूरों को आश्वासन दिया है कि उनके रहने-खाने की व्यवस्था सरकार करेगी और स्थिति अब नियंत्रण में है, भीड़ हट गई है.
अशोक देसाई साल 1996 से 1998 तक देश के अटॉर्नी जनरल रहे. उन्हें समलैंगिकता को अपराध के दायरे से बाहर रखने, नर्मदा बांध प्रकरण और असम में ग़ैरक़ानूनी प्रवासी क़ानून जैसे कई महत्वपूर्ण मामलों के लिए जाना जाता है.
मुंबई में ब्रांदा स्थित बीएमसी के एक अस्पताल के मेडिकल स्टाफ ने ख़ुद को पृथक करने की मांग की है, क्योंकि उनमें से कुछ मृतक महिला के सीधे संपर्क में आए थे. उनका आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन में महिला के संक्रमित होने को लेकर उन्हें अंधेरे में रखा.
कुछ समय पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी कहा किया था कि स्वस्थ्य लोगों को मास्क लगाने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा था कि लोगों को तब तक मास्क पहनने की जरूरत नहीं है, जब तक वो बीमार न हों या किसी बीमार की देखभाल न कर रहे हों.