वीडियो: 24 फरवरी, 2023 को उत्तर-पूर्व दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगों के तीन साल पूरे हो गए. इस इलाके के शिव विहार में रहने वाले सलीम मलिक नामक एक व्यक्ति के लिए इस हिंसा ने उस याद को ताज़ा कर दिया था, जो उन्होंने साल 2002 के गुजरात दंगों के दौरान देखा था.
वीडियो: राजस्थान के भरतपुर ज़िले के रहने वाले जुनैद और नासिर बीते 14 फरवरी को किसी रिश्तेदार के यहां जाने के लिए निकले थे, लेकिन ज़िंदा वापस घर नहीं लौट सके. 16 फरवरी को ख़बर मिलती है कि उन्हें हरियाणा के भिवानी ज़िले में ज़िंदा जला दिया गया है. परिवार का दावा है कि बजरंग दल और मोनू मानेसर के लोगों ने उनकी हत्या की है.
वीडियो: हरियाणा के भिवानी में गाय के नाम पर होने वाली हिंसा के कथित मामले में जान गंवाने वाले जुनैद और नासिर राजस्थान के घाटमीका से थे. उनके गांव में शोक का माहौल है और लोग इंसाफ की मांग कर रहे हैं. द वायर के याक़ूत अली की रिपोर्ट.
वीडियो: हरियाणा के भिवानी में गाय के नाम पर होने वाली हिंसा का एक कथित मामला सामने आया है, जहां दो युवकों को अगवा कर उनकी गाड़ी में आग लगाकर मार देने का आरोप है. एफआईआर में मोनू मानेसर नाम के एक ‘गोरक्षक’ पर इस घटना को अंजाम देने का इल्ज़ाम है. क्या है मोनू मानेसर की कहानी, बता रहे हैं द वायर के ज़ीशान कासकर.
हरियाणा के भिवानी ज़िले का मामला. परिजनों ने गाय के नाम पर हिंसा का आरोप लगाया है. पुलिस के अनुसार, बीते बृहस्पतिवार एक वाहन के अंदर दो जले हुए शव मिले हैं. इससे एक दिन पहले राजस्थान में एक परिवार ने एफ़आईआर दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि दो युवक – जुनैद और दोस्त नासिर – लापता हो गए थे और बजरंग दल के सदस्यों द्वारा उनका अपहरण कर लिया गया था.
बीते दो फरवरी को बाड़मेर में संतों की एक सभा में बाबा रामदेव ने हिंदू धर्म की तुलना इस्लाम और ईसाई धर्म से करते हुए मुस्लिमों पर आतंक का सहारा लेने और हिंदू लड़कियों का अपहरण करने का आरोप लगाया था.
राजस्थान के बाड़मेर में हिंदू नेताओं की एक सभा में रामदेव को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि मुसलमानों का मानना है कि नमाज़ ‘हिंदू लड़कियों के अपहरण और आतंकवाद’ सहित सभी पापों को धो देती है. ईसाई धर्म के बारे में उन्होंने कहा कि चर्च में जाओ, मोमबत्ती जलानी हो, जलाओ और ईसा मसीह के सामने खड़े हो जाओ, सारे पाप नष्ट हो जाएंगे.
मध्य प्रदेश के इंदौर शहर का मामला. एक हिंदू महिला अपने दोस्तों के साथ एक फ्लैट में अपना जन्मदिन मना रही थी, जब कथित तौर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने यहां धावा बोल दिया. कार्यकर्ता मुस्लिम युवकों को पीटने के बाद उन्हें थाने ले गई, जहां पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया. कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
बीते कुछ समय में देश के कई राज्यों में कथित तौर पर मुस्लिम पुरुषों के हिंदू महिलाओं से शादी करने की बढ़ती घटनाओं के आधार पर ‘लव जिहाद’ से जुड़े क़ानून को जायज़ ठहराया गया है. लेकिन क्या इन दावों का समर्थन करने के लिए कोई वास्तविक सबूत मौजूद है?
टीवी कलाकार तुनीषा शर्मा की आत्महत्या के बाद बहस मानसिक स्वास्थ्य पर होनी चाहिए थी, इस पर कि इस उम्र में इतना काम करने का दबाव किसी के साथ क्या कर सकता है, वह भी उस दुनिया में जिसकी प्रतियोगिता असामान्य होती है. लेकिन बहस को ‘लव जिहाद’ का एंगल देते हुए सुविधाजनक दिशा में मोड़ दिया गया है.
लड़कियां अपनी मर्ज़ी से जीना चाहती हैं. अपनी मर्ज़ी से रिश्ते बनाना चाहती हैं. इसके लिए उन्हें भागना न पड़े अपने लोगों से, ऐसा समाज बनाने की ज़रूरत है. जब तक वह न बने, तब तक इन औरतों को अगर बचाया जाना है तो उनके परिवारों से, बाबू बजरंगी जैसे गुंडों से और बजरंग दल जैसे हिंसक संगठनों से. लेकिन अब इस सूची में जोड़ना पड़ेगा कि उन्हें राज्य से भी बचाने की ज़रूरत है.
मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने ‘लव जिहाद’ का आरोप लगाते हुए 24 वर्षीय मुस्लिम युवक को एक स्थानीय होटल से उस समय पकड़ा, जब वह कमरे में युवती के साथ था. बाद में युवक को पुलिस के हवाले कर दिया गया.
बीते 3 अक्टूबर को खेड़ा ज़िले के एक गांव में एक मस्जिद के पास गरबा कार्यक्रम का विरोध किए जाने के बाद हिंदू और मुस्लिम समुदाय के बीच विवाद हो गया था. घटना से संबंधित एक वीडियो में कुछ पुलिसकर्मी मुस्लिम युवकों को पोल से बांधकर उन्हें लाठियों से पीटते नज़र आए थे. पीड़ितों ने 15 पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.
मध्य प्रदेश के राजगढ़ ज़िले का मामला. भोपाल मध्य से कांग्रेस विधायक आरिफ़ मसूद ने आरोप लगाया है कि जेल में मुस्लिम समुदाय के इन लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया गया है. उन्होंने इस संबंध में प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से मुलाकात की और जेल अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की मांग की है.
मुस्लिमों की लानत-मलामत करना चुनाव जीतने का फॉर्मूला बन चुका है. और देश के हालात देखकर लगता नहीं है कि ये आने वाले समय में असफल होगा.