गुजरात भाजपा द्वारा साझा किए गए कार्टून से डरने की वजह है कि हम पहले भी एक धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाने वाली इस तरह की सनक भरी नफ़रत देख चुके हैं और यह जानते हैं कि इसका अंजाम क्या होता है.
हिंदुओं में अभी उदारता का ज्वार उमड़ पड़ा है, प्रगतिशीलता का भी. वे औरतों को हर परदे, हर बंधन से आज़ाद देखना चाहते हैं. वे कट्टरता के ख़िलाफ़ लड़ना चाहते हैं. लेकिन यह सब वे मुसलमान औरतों के लिए करना चाहते हैं. क्योंकि हिंदू औरतों को तो न कट्टरता और न धर्म के किसी बंधन का कभी शिकार होना होता है!
कर्नाटक के शिवमोगा में बजरंग दल के 28 वर्षीय एक कार्यकर्ता की हत्या के बाद अंतिम संस्कार के दौरान हिंसा भड़क उठी और पत्थरबाजी एवं आगजनी की घटना हुई, जिसमें एक फोटो पत्रकार और महिला पुलिसकर्मी समेत तीन लोग घायल हो गए. राज्य के भाजपा नेताओं ने हत्या की निंदा की है और इसमें कुछ इस्लामी संगठनों की भूमिका का आरोप लगाते हुए मामले की एनआईए से कराए जाने की मांग की है.
हरिद्वार धर्म संसद मामले में पिछले महीने गिरफ़्तार कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी नेता यति नरसिंहानंद ने जेल से रिहा होने के बाद कहा कि जितेंद्र नारायण त्यागी के बिना उनकी रिहाई का कोई मतलब नहीं है और उनकी रिहाई के लिए वह भूख हड़ताल फिर शुरू करने जा रहे हैं. जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ़ वसीम रिज़वी इस मामले के सह-अभियुक्त हैं.
इससे पहले इस महीने की शुरुआत में हरिद्वार की एक अदालत ने दिसंबर 2021 में शहर में आयोजित हुए विवादास्पद धर्म संसद में मुस्लिम समुदाय के ख़िलाफ़ नफ़रत भरे भाषण देने और उनके नरसंहार का आह्वान करने के मामले में यति नरसिंहानंद को ज़मानत दे दी थी.
वीडियो: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में एक सीट ऐसी भी है, जहां लड़ाई राजघरानों के बीच है. रामपुर सीट पर दो राजघराने आमने-सामने हैं. रामपुर के मोहम्मद आज़म ख़ान और नवाब काजिम अली उर्फ़ नावेद मियां के बीच चुनावी मुकाबला है.
कर्नाटक में जो भगवाधारी युवकों-युवतियों की हिंसक और नफ़रतबुझी भीड़ दिख रही है, उसे क्षणिक मानकर निश्चिंत हो जाना ख़तरनाक है. जो इन्हें इकट्ठा कर रहे हैं, वे इन्हें बस एक मौक़े के लिए इस्तेमाल नहीं करेंगे.
वीडियो: उत्तर प्रदेश के बिजनौर शहर में अधिकांश आबादी मुस्लिम समुदाय की है और उसके बाद दलित आबादी है. द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी ने यहां मुस्लिम समुदाय के लोगों से बातकर यह जानने की कोशिश की कि दूसरे चरण के चुनाव में यहां के लोगों का क्या रूझान है.
आतंकवाद के फ़र्ज़ी मामलों में फंसे लोगों के लिए लड़ने वाले सामाजिक कार्यकर्ता और रिहाई मंच के महासचिव राजीव यादव उत्तर प्रदेश में आज़मगढ़ से चुनाव में खड़े हुए हैं.
बीते साल दिसंबर में उत्तराखंड के हरिद्वार शहर में आयोजित ‘धर्म संसद’ में मुसलमान एवं अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ खुलकर नफ़रत भरे भाषण देने के साथ उनके नरसंहार का आह्वान भी किया गया था. कट्टर हिंदुत्ववादी नेता यति नरसिंहानंद इस धर्म संसद के आयोजकों में से एक थे. उन्होंने भड़काऊ बयानबाज़ी करते हुए कहा था कि वह ‘हिंदू प्रभाकरण’ बनने वाले व्यक्ति को एक करोड़ रुपये देंगे.
सरस्वती को विद्या की देवी कहकर हिंदुओं तक सीमित न रखने की अपील की जाती है. धर्म को संस्कृति का चोला ओढ़ाकर दूसरे धर्मावलंबियों को उसे मानने को बाध्य किया जाता है. ऐसे ही आशय से प्रेमचंद ने लिखा था कि सांप्रदायिकता को अपने असली रूप में निकलने में शर्म आती है, इसलिए वह संस्कृति की खाल ओढ़कर बाहर निकलती है.
उडुपी ज़िले में हिजाब विवाद के बीच कुंडापुर के दो जूनियर कॉलेज के छात्रों के एक समूह ने परिसरों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर भगवा शॉल पहनकर जुलूस निकाला. वहीं, राज्य सरकार ने ऐसे कपड़े पहनने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया, जो स्कूल-कॉलेजों में समानता और लोक व्यवस्था को बिगाड़ते हैं.
कांग्रेस, टीएमसी, वामपंथी दलों, राजद, एनसीपी और बसपा ने तर्क दिया कि संविधान नागरिकों को उनके धर्म का पालन करने के मौलिक अधिकार की गारंटी देता है. राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा ने कहा कि बाधा हिजाब नहीं है बल्कि इसका विरोध कर रहे लोगों की मानसिकता है.
बेंगलुरु के केएसआर रेलवे स्टेशन पर कुलियों के विश्राम के लिए बने पर इस्तेमाल में न आने वाले कमरे में लंबे समय से मुस्लिम श्रमिकों द्वारा नमाज़ पढ़ी जा रही थी. अब हिंदू जनजागृति समिति ने इस पर आपत्ति जताए हुए इसे 'साज़िश का हिस्सा' बताया है.
देश के लिए निराशा की बात है कि उसके पूर्व उपराष्ट्रपति तक को उसके धर्म के आधार पर देखा जाने लगा है और उनके कथनों से सबक लेने और आईने में हक़ीक़त की शक्ल देखने के बजाय उनसे ठकुरसुहाती की उम्मीद की जा रही है!