अदालत ने जांच की जानकारी लीक होने को लेकर नाराज़गी जताते हुए मीडिया को इसके प्रकाशन से परहेज करने को कहा है. साथ ही सीबीआई को अगली सुनवाई में जांच अधिकारी के तबादले का कारण बताने का आदेश दिया है.
बिहार में स्वतंत्रता दिवस के चलते जेलों में की गई ज़िला प्रशासन की छापेमार कार्रवाई में मुज़फ़्फ़रपुर जेल में ब्रजेश ठाकुर मुलाक़ातियों से मिलने वाले क्षेत्र में टहलते पाया गया. उसके पास से दो कागज भी बरामद हुए जिनमें एक मंत्री सहित कई रसूखदारों के फोन नंबर लिखे थे.
हाल ही में बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर और उत्तर प्रदेश के देवरिया के बालिका आश्रय गृहों में रहने वाली युवतियों के साथ बलात्कार और यौन शोषण के मामले सामने आए हैं.
शहादत दिवस पर विशेष: सामान्य युवा इतना भले ही जानते हैं कि भारत के स्वतंत्रता आंदोलन ने देश को सरदार भगत सिंह जैसा शहीद-ए-आज़म दिया, लेकिन सबसे कम उम्र के शहीद के बारे में कम ही लोग जानते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल सभी राज्यों के बाल आश्रय गृहों के सोशल ऑडिट का आदेश दिया था. बिहार और उत्तर प्रदेश के अलावा हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, केरल, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और दिल्ली भी सोशल ऑडिट का विरोध कर रहे हैं.
समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा कुशवाहा समाज से आती हैं, जिसका बिहार में ओबीसी समुदाय के वोटबैंक में आठ प्रतिशत का योगदान है. माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव नज़दीक होने की वजह से उन्हें हटाकर राजग अपने वोटबैंक का नुकसान नहीं करना चाह रहा था.
देश में बलात्कार से संबंधित राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों का हवाला देते हुए शीर्ष अदालत ने प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ सोशल मीडिया पर पीड़िताओं की धुंधली या संपादित तस्वीरें प्रकाशित न करने का निर्देश दिया.
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि पिछले दो सालों से मैं सांसदों से अनुरोध कर रही हूं कि वे अपने इलाकों के आश्रयगृहों का दौरा करें. हमने एनजीओ से आश्रयगृहों का ऑडिट कराया, उन्होंने कुछ भी असामान्य नहीं होने की बात कही.
मुज़फ़्फ़रपुर आश्रय गृह से कथित रूप से भागी चार में से एक लड़की उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मिली है. वह उन चार लड़कियों में शामिल थी जो भागने में कामयाब रहीं जबकि तीन अन्य की मौत हो चुकी है.
एक जून से 14 जून तक बिहार के सूचना व जनसंपर्क विभाग की ओर से मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के अख़बार ‘प्रातः कमल’ के नाम 14 विज्ञापन जारी किए गए. सूचना व जनसंपर्क विभाग ख़ुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार संभालते हैं.
मुज़फ़्फ़रपुर स्थित एक बालिका गृह में रह रहीं लड़कियों के बलात्कार और यौन उत्पीड़न मामले पर पहली बार प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दोषियों को न बख्शने की बात कही.
शीर्ष अदालत ने कहा कि मीडिया द्वारा पीड़िताओं का साक्षात्कार लेकर उन्हें बार-बार अपने अपमान को दोहराने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता. साथ ही, अदालत ने मामले में केंद्र और बिहार सरकार से जवाब मांगा है.
ब्रजेश के स्वामित्व वाले अख़बार 'प्रात: कमल' की 300 से अधिक प्रतियां प्रकाशित नहीं होती हैं लेकिन प्रसारण संख्या 60,862 प्रति रोजाना दिखाकर बिहार सरकार से हर वर्ष क़रीब 30 लाख रुपये के विज्ञापन लिए जाते थे.
ब्रजेश के स्वामित्व वाले एक हिंदी दैनिक की 300 से अधिक प्रतियां प्रकाशित नहीं होती हैं लेकिन प्रतिदिन 60,862 प्रतियां छपीं दिखाकर बिहार सरकार से प्रति वर्ष करीब 30 लाख रुपये के विज्ञापन मिलते थे. आरोपी राज्य जनसंपर्क विभाग से मान्यता प्राप्त पत्रकार था.
मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के सेवा संकल्प एवं विकास समिति नाम के एनजीओ द्वारा मुज़फ़्फ़रपुर के छोटी कल्याणी इलाके में संचालित स्वयं सहायता समूह का मामला. ठाकुर के ख़िलाफ़ एक और प्राथमिकी दर्ज.