नगालैंड के मोन ज़िले के ओटिंग और तिरु गांवों के बीच यह घटना उस समय हुई, जब कुछ दिहाड़ी मज़दूर शनिवार शाम पिकअप वैन से एक कोयला खदान से घर लौट रहे थे. पुलिस ने बताया कि प्रतिबंधित संगठन ‘एनएससीएन-के’ के युंग ओंग धड़े के उग्रवादियों की सूचना मिलने के बाद इलाके में अभियान चला रहे सैन्यकर्मियों ने वैन पर कथित रूप से गोलीबारी की थी. मामले की एसआईटी जांच के आदेश दे दिए गए हैं.
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में मिज़ोरम, असम, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश के प्रमुख समाचार.
म्यांमार के जुंटा सैन्य शासन के हथियारों की ख़रीद पर निगरानी रखने वाले कार्यकर्ताओं के एक फोरम ने दावा किया है कि भारत की सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड ने इस साल जुलाई में म्यांमार में रिमोट संचालित एयर डिफेंस स्टेशन का निर्यात किया है. फरवरी में म्यांमार में हुए तख़्तापलट के बाद से भारत इलेक्ट्रॉनिक्स यहां की सेना को कई खेप भेज चुकी है.
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में मिज़ोरम, मेघालय, असम, त्रिपुरा, नगालैंड और सिक्किम के प्रमुख समाचार.
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में मिज़ोरम, असम, त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय के प्रमुख समाचार.
म्यांमार के सैन्य शासन के विरोध में गठित नेशनल यूनिटी गवर्मेंट के कार्यकारी अध्यक्ष दुवा लाशी ला ने एक ही समय में पूरे देश के हर गांव, क़स्बे और शहर में विद्रोह का आह्वान किया. म्यांमार सेना ने एक फरवरी को आंग सान सू की की निर्वाचित सरकार का तख़्तापलट कर दिया था, जिसके बाद लोकतंत्र के समर्थक व्यापक प्रदर्शन कर रहे हैं.
मिज़ोरम सरकार ने 31 अगस्त के अपने पत्र में राज्य के शिक्षा अधिकारियों को म्यांमार शरणार्थियों के बच्चों को सरकारी स्कूलों में प्रवेश देने का निर्देश दिया है. इस साल फरवरी में म्यांमार में सैन्य तख़्तापलट के बाद इन्हें भागने को मजबूर होना पड़ा था. सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक, मिज़ोरम आए इन शरणार्थियों की संख्या 9,450 है.
रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने प्रेस स्वतंत्रता को नियंत्रित करने वाले 37 राष्ट्राध्यक्षों या सरकार के प्रमुखों की सूची जारी की है, जिसमें उत्तर कोरिया के किम जोंग-उन, पाकिस्तान के इमरान ख़ान के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम शामिल है. रिपोर्ट के अनुसार ये सभी वे हैं जो 'सेंसरशिप तंत्र बनाकर प्रेस की आज़ादी को रौंदते हैं, पत्रकारों को मनमाने ढंग से जेल में डालते हैं या उनके ख़िलाफ़ हिंसा भड़काते हैं.
म्यांमार के 29 नागरिकों को कथित तौर पर बिना उचित दस्तावेज़ों के मणिपुर में प्रवेश करने के लिए एक महीने पहले गिरफ़्तार किया गया था. इनमें से दो महिलाओं की हिरासत के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण मौत हो गई है. मणिपुर एडीजीपी (जेल) ने कहा है कि क़ैदियों की बेहतर तरीके से देखभाल की गई थी. एक अधिकार समूह ने मामले की जांच की मांग की है.
ऑल मणिपुर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन ने मिजिमा न्यूज़ म्यांमार से जुड़े तीन पत्रकारों को नई दिल्ली में शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त तक सुरक्षित पहुंच सुनिश्चित करने की अपील की है. म्यांमार में सैन्य तख़्तापलट के बाद तीनों पत्रकारों ने मणिपुर के सीमावर्ती शहर मोरेह में शरण ली है.
सीजेआई एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने उस याचिका पर यह आदेश पारित किया जिसमें जम्मू में हिरासत में लिए गए रोहिंग्या शरणार्थियों को म्यांमार प्रत्यर्पित करने से रोकने के लिए केंद्र को निर्देश देने के लिए अनुरोध किया गया था.
साल 2019 में 14 वर्षीय लड़की कछार ज़िले के सिलचर के रंगपुर इलाके में संदिग्ध परिस्थितियों में एक घर के अंदर बेहोशी की हालत में मिली थी. बाद में पता चला था कि उसके माता-पिता बांग्लादेश में कॉक्स बाज़ार के शरणार्थी शिविर में हैं.
बीते छह मार्च को जम्मू शहर में सत्यापन अभियान के दौरान क़रीब 168 रोहिंग्या मुसलमानों को अवैध रूप से रहते हुए पाए जाने पर उन्हें कठुआ जिले के एक विशेष केंद्र में भेज दिया गया था. आंकड़ों के अनुसार, जम्मू और सांबा ज़िलों में रोहिंग्या मुसलमानों एवं बांग्लादेशियों समेत 13,700 से अधिक विदेशी बसे हुए हैं और उनकी जनसंख्या में 2008 से 2015 के बीच छह हज़ार से अधिक की वृद्धि हुई.
सरकारी आकंड़ों के मुताबिक, रोहिंग्या मुस्लिमों और बांग्लादेशी नागरिकों समेत 13,700 विदेशी जम्मू और सांबा ज़िलों में रह रहे हैं, जहां 2008 से 2016 के बीच इनकी जनसंख्या में छह हज़ार से अधिक की वृद्धि हुई. कुछ राजनीतिक दलों और संगठनों का आरोप है कि देश में उनकी उपस्थिति क्षेत्र की शांति के लिए ख़तरा है.
डिजिटल अधिकार समूहों का कहना है कि दुनिया भर में इंटरनेट को बंद करना दमनकारी और निरंकुश शासनों और कुछ अनुदार लोकतंत्रों की एक लोकप्रिय रणनीति बन गई है. सरकारें इसका उपयोग असहमति की आवाज़, विरोधियों की आवाज़ दबाने या मानवाधिकारों के हनन को छुपाने के लिए करती हैं.