नगा शांति पर 2015 के समझौते को नहीं माना गया तो फिर सशस्त्र प्रतिरोध करेंगे: एनएससीएन-आईएम

एनएससीएन-आईएम के इसाक-मुइवा गुट ने संघर्ष विराम पर सहमति के 27 साल बाद केंद्र सरकार को अल्टीमेटम दिया है कि अगर केंद्र ने 2015 के नगा शांति को लेकर हुए फ्रेमवर्क समझौते का सम्मान नहीं किया तो वे फिर से भारत के ख़िलाफ़ हिंसक सशस्त्र प्रतिरोध शुरू करेंगे.

अलग राज्य की मांग: अधिक स्वायत्तता पर केंद्र के प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया को तैयार नगालैंड सरकार

पूर्वी नगालैंड के छह ज़िलों को मिलाकर अलग राज्य बनाने की मांग लंबे समय से चली आ रही है. बताया गया है कि हितधारकों और केंद्रीय गृह मंत्रालय की बैठकों में राज्य के भीतर ही ‘फ्रंटियर नगा टेरिटरी’ बनाने का प्रस्ताव रखा गया था. अब राज्य सरकार इसे लेकर केंद्र को जवाब देने को तैयार हुई है.

नगालैंड सीएम ने ब्रिटेन में नगा खोपड़ी की नीलामी की निंदा की, विदेश मंत्री से हस्तक्षेप की मांग

ब्रिटेन में 9 अक्टूबर को होने वाली नीलामी के लिए रखी गई वस्तुओं में 19वीं सदी की सींग वाली 'नगा खोपड़ी’ को सूचीबद्ध करते हुए इसकी क़ीमत 3,500-4,500 पाउंड आंकी गई थी. आपत्ति के बाद उसे सूची से हटा दिया गया. नगालैंड सीएम नेफ्यू रियो ने प्रस्तावित नीलामी को अमानवीय कहा है.

नगालैंड नागरिक हत्या: सुप्रीम कोर्ट ने 30 सैन्यकर्मियों के ख़िलाफ़ आपराधिक मामला बंद किया

दिसंबर 2021 में नगालैंड के मोन ज़िले के ओटिंग और तिरु गांवों के बीच सेना की गोलीबारी में 13 नागरिकों की मौत हो गई थी. इस मामले में नगालैंड पुलिस द्वारा मेजर रैंक के एक अधिकारी समेत 21 पैरा स्पेशल फोर्स के 30 जवानों के ख़िलाफ़ आरोप-पत्र दायर किया गया था.

नगालैंड: सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में सेना की गोलीबारी में नागरिकों की मौत पर केंद्र को नोटिस भेजा

दिसंबर 2021 में मोन ज़िले के ओटिंग और तिरु गांवों के बीच सेना की गोलीबारी में 14 नागरिकों की मौत हो गई थी, जिसकी जांच के लिए राज्य सरकार ने एसआईटी का गठन किया था. पुलिस ने 30 सैन्यकर्मियों के ख़िलाफ़ आरोप पत्र दायर किया था. केंद्र सरकार ने 2023 में आरोपी सैन्यकर्मियों पर मुक़दमा चलाने की मंज़ूरी देने से इनकार कर दिया था.

देश के पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ का क़हर, असम के काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का बड़ा हिस्सा जलमग्न

असम में इस साल बाढ़, भूस्खलन और तूफ़ान से अब तक 56 लोगों की जानें जा चुकी हैं. पिछले कुछ दिनों में नगालैंड में बारिश से जुड़ी घटनाओं में कम से कम पांच लोगों की मौत हुई है. वहीं, मणिपुर में लगातार बारिश के चलते सभी प्रमुख नदियां उफान पर हैं.

नगालैंड में बीस साल बाद निकाय चुनाव होने के क्या मायने हैं?

नगालैंड में चुनावी राजनीति ने महिलाओं का विरोध होता आया है. सरकार ने शहरी निकाय चुनावों में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिया था, जिसके बाद आदिवासी इकाइयों ने कड़ा विरोध किया है. इस हफ्ते दो दशकों में पहली बार यह चुनाव हुए हैं, जिसमें 80 प्रतिशत से अधिक मतदान दर्ज हुआ.

पूर्वोत्तर राज्यों ने आयुष्मान केंद्र का नाम बदलकर आरोग्य मंदिर करने को लेकर आपत्ति जताई

पिछले साल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आयुष्मान भारत स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्रों का नाम बदलकर 'आयुष्मान आरोग्य मंदिर' किया था. मिज़ोरम और नगालैंड ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इससे लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत होंगी और चर्च व नागरिक समाज की ओर से विरोध हो सकता है.

लोकसभा चुनाव: मतदान के दौरान मणिपुर में गोलीबारी, बंगाल में झड़पें

पिछले 11 महीने से जातीय हिंसा की आग में झुलस रहे मणिपुर की इनर मणिपुर लोकसभा सीट पर मतदान के दौरान हिंसा होने के साथ-साथ बूथ कैप्चरिंग के भी आरोप लग रहे हैं.

पूर्वोत्तर विशेष: किन मुद्दों पर लड़ा जाएगा नगालैंड और मिज़ोरम लोकसभा चुनाव

नगालैंड और मिज़ोरम में लोकसभा की एक-एक सीट है, जिसके लिए 19 अप्रैल को मतदान होना है. जहां नगालैंड में अलग राज्य की मांग प्रभावी है, वहीं मिज़ोरम में विधानसभा में करिश्मे की तरह उभरी ज़ोराम पीपल्स मूवमेंट आदिवासी समुदाय के मुद्दों की बात कर रही है. इस बारे में द वायर की वरिष्ठ पत्रकार संगीता बरुआ पिशारोती से चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.

स्थानीय जनता से परामर्श के बिना भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ नहीं लगा सकता केंद्र: नगालैंड सीएम

नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने कहा है कि भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने के निर्णय पर गहन चर्चा और लोगों से परामर्श की ज़रूरत है. जरूरत पड़ने पर हमें एक फॉर्मूला बनाना होगा कि जनता की समस्या कैसे सुलझाई जाए और घुसपैठ कैसे रोकी जाए. मिज़ोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा भी बाड़ लगाने के फैसले को ‘अस्वीकार्य’ बता चुके हैं.

नगालैंड में ‘रैट-होल’ खदान में आग लगने से छह की मौत, दो लोग गिरफ़्तार

नगालैंड के वोखा ज़िले में एक ‘रैट-होल’ कोयला खदान में हुआ हादसा. पुलिस के अनुसार, खदान में किसी भी सुरक्षा उपाय का पालन नहीं किया जा रहा था. ज़िले के रुचानियां गांव में हुई इस घटना के वक्त अग्निशमन यंत्र भी उपलब्ध नहीं थे. मृतक असम के गोलाघाट ज़िले के विभिन्न गांवों से थे, जो नगालैंड सीमा पर स्थित हैं.

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