मणिपुर टेप्स पड़ताल के तीसरे हिस्से में कथित तौर पर मुख्यमंत्री बीरेन सिंह कहते हैं कि राज्य की सरकारी नौकरियों में अधिकतर कुकी हैं, जो एसटी कोटे की मदद वहां पहुंचे हैं. वे कथित तौर पर पंद्रह महीने से जारी जातीय संघर्ष को शुरू करने का दावा भी करते हैं.
नगालैंड विधानसभा में मानसून सत्र के पहले दिन एनपीएफ विधायक कुझोलुज़ो निएनु ने कहा कि नगाओं को अनुच्छेद 371ए के तहत विशेष सुरक्षा प्राप्त है और इसलिए समान नागरिक संहिता और वन संरक्षण संशोधन अधिनियम पर चर्चा की ज़रूरत है.
नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (इसाक-मुइवा) का यह बयान केंद्र सरकार द्वारा विद्रोही समूह के साथ बातचीत फिर से शुरू करने के कुछ दिनों बाद आया है. एनएससीएन-आईएम समेत नगा समूहों का दावा है कि नगा कभी भी भारत का हिस्सा नहीं थे और उन्होंने 14 अगस्त 1947 को ‘स्वतंत्रता’ की घोषणा की थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में समान नागरिक संहिता की पुरज़ोर वकालत के बाद मेघालय, मिज़ोरम और नगालैंड में विभिन्न संगठनों ने इसके ख़िलाफ़ विरोधी तेवर अपना लिए हैं. एक नगा संगठन ने विधानसभा द्वारा यूसीसी के समर्थन में विधेयक पारित करने की स्थिति में हिंसा की चेतावनी दी है.
मणिपुर विधानसभा के पूर्व सभापति और पूर्व कांग्रेस विधायक हेमोचेंद्र सिंह ने राज्य में भड़की हिंसा को शांत करने, क़ानून व्यवस्था बहाल करने के साथ-साथ लोगों के बीच विश्वास एवं सद्भाव बनाने के लिए अपनाए जाने योग्य ज़रूरी क़दमों के बारे में वरिष्ठ पत्रकार करण थापर के साथ चर्चा की है.
नगालैंड के 16 ज़िलों में प्रभावशाली सात नगा समूहों का प्रतिनिधित्व करने वाला ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन बीते कुछ समय से पूर्वी हिस्से को अलग राज्य बनाने की मांग कर रहा है. यह मांग पूरी न होने पर संगठन ने अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों का बहिष्कार करने की धमकी दी है.
पूर्वी नगालैंड में अलग राज्य की मांग अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले तेज़ हो गई है. क्षेत्र के प्रभावी संगठन ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन ने आगामी हॉर्नबिल महोत्सव में हिस्सा न लेने का फैसला किया है. उसने क्षेत्र के 20 विधायकों से अलग राज्य की स्थापना की अपनी मांग के समर्थन में इस्तीफ़ा देने के लिए भी कहा है.
मणिपुर के चूराचांदपुर के जिला अस्पताल के मुर्दाघर में पिछले करीब 550 दिनों से आठ लाशें दफनाए जाने का इंतजार कर रही हैं. इस बार के विधानसभा चुनाव में यह प्रमुख मुद्दा है.
मणिपुर की साठ सदस्यीय विधानसभा के लिए पहले चरण का मतदान चार मार्च यानी आज है. पहले चरण में 38 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे.