एके जोती एक अहम संवैधानिक पद पर नियुक्त होने के बाद भी गुजरात सरकार के बंगले में रहते रहे, जबकि यह पद राजनीतिक पार्टियों और सरकारों से पूर्ण स्वतंत्रता की मांग करता है.
लगता है कि घोषणा रस में विह्वल प्रधानमंत्री जी भूल गए कि वे दिल्ली में एक संवैधानिक सरकार चलाते हैं कोई दरबार-ए-ख़ास नहीं कि जिसे जी चाहा अशर्फ़ियों से लाद दिया और जिसे जी चाहा कालकोठरी में डाल दिया.
मुख्यमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी ने वादा किया था कि ग़रीबों के लिए 50 लाख घर बना कर देंगे. क्या इस चुनाव में वे इस वादे की बात करेंगे?
जन गण मन की बात की 142वीं कड़ी में विनोद दुआ भाजपा द्वारा 8 नवंबर को नोटबंदी का जश्न मनाते हुए कालाधन विरोधी दिवस मनाने और महाराष्ट्र में किसानों की कर्ज़ माफ़ी में हुए फर्ज़ीवाड़े पर चर्चा कर रहे हैं.
स्टार प्लस ने अपने नए शो द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज में शामिल हुए राजस्थान के कॉमेडियन श्याम रंगीला के मोदी के मिमिक्री वाले एक्ट का प्रसारण नहीं किया.
जन गण मन की बात की 141वीं कड़ी में विनोद दुआ गुजरात विधानसभा चुनाव और सरकारी बैंकों में पूंजी निवेश पर चर्चा कर रहे हैं.
ढांचागत परियोजनाओं में 6.92 लाख करोड़ ख़र्च होंगे और 2.11 लाख करोड़ रुपये एनपीए के बोझ से दबे सरकारी बैंकों का आधार मजबूत करने के लिए होंगे.
जन गण मन की बात की 140वीं कड़ी में विनोद दुआ अर्थव्यवस्था पर अरुण जेटली की प्रेस कॉन्फ्रेंस और गुजरात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रो-रो फेरी सेवा शुरू करने पर चर्चा कर रहे हैं.
राहुल गांधी ने कहा, नरेंद्र मोदी जी ने पूरे देश की अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया. इससे छोटे दुकानदार समाप्त हो गए हैं और लाखों युवक बेरोज़गार हो गए हैं.
कांग्रेस नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद ने कहा, मनमोहन सिंह ने नोटबंदी के कारण जीडीपी में दो प्रतिशत कमी आने की आशंका जताई थी, वह सही साबित हुई.
प्रशांत भूषण ने कहा, इस दागी अधिकारी को पदोन्नत करने के लिए प्रधानमंत्री की हड़बड़ी तो देखिए. सरकार ने रविवार को एसीसी की बैठक होने की बात कही, जबकि प्रधानमंत्री गुजरात में थे.
मेरे किसान भाइयों! तुम्हें तो अब ख़ुदकुशी भी करने की ज़रूरत नहीं है. सरकार आजकल तुम्हें ख़ुद गोली मार देती है. चलो इस बहाने ज़हर का ख़र्चा भी ख़त्म हुआ.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमने कड़े फैसले लिए हैं और ऐसा करना जारी रखेंगे. कठोर सुधारों के बाद अर्थव्यवस्था सही दिशा में आगे बढ़ रही है.’
अगर प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति की जगह प्रधानमंत्री बनाया जाता तो उनकी राजनीतिक कुशलता 2014 में नरेंद्र मोदी की आसान जीत के रास्ते में अवरोध बन कर खड़ी होती.
साक्षात्कार: गुजरात के पूर्व सीएम सुरेश मेहता के अनुसार, मोदी ने ‘वाइब्रेंट गुजरात’ को प्रोपेगेंडा में बदल दिया. बढ़ते क़र्ज़ व स्पष्ट नीतियों के बिना गुजरात रसातल में चला गया है.