सरकार ऐसी सोशल मीडिया गतिविधियों पर नज़र रख रही हैं, जिसका उद्देश्य ग़लत सूचना और अफ़वाह फैलाकर ‘अग्निपथ’ विरोधी हिंसक प्रदर्शनों के लिए भीड़ को जुटाना है. केंद्र ने दशकों पुरानी भर्ती प्रक्रिया में बदलाव करते हुए थलसेना, नौसेना और वायुसेना में भर्ती संबंधी अग्निपथ योजना की घोषणा की है, जिसके तहत भर्ती सिर्फ चार साल की कम अवधि के लिए संविदा आधार पर की जाएगी.
अगर मोदी सरकार हर साल दो करोड़ नौकरियां देने के 2014 के लोकसभा चुनाव के अपने वादे पर ईमानदारी से अमल करती, तो इन आठ सालों में सोलह करोड़ युवाओं को नौकरियां मिल चुकी होतीं! अब एक ओर बेरोज़गारी बेलगाम होकर एक के बाद एक नए कीर्तिमान बना रही है, दूसरी ओर उसके प्रति सरकार की ‘गंभीरता’ का आलम यह है कि समझ में नहीं आता कि उसे लेकर सिर पीटा जाए या छाती.
फेडरेशन ऑफ इंडियन पेट्रोलियम इंडस्ट्री ने निजी ईंधन खुदरा विक्रेताओं को राहत प्रदान करने, उनके लिए एक अधिक व्यवहार्य निवेश वातावरण बनाने और इस क्षेत्र में निवेश, रोज़गार सृजन को आकर्षित करने के लिए पेट्रोलियम मंत्रालय के हस्तक्षेप की मांग की है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी छत्तीसगढ़ को पर्याप्त ईंधन देने के लिए केंद्र को पत्र लिखा है.
नौकरी को लेकर युवाओं का कोई भी प्रदर्शन केवल उनकी अपनी नौकरी को लेकर है. इसलिए नौकरी और युवाओं का कथित आक्रोश राजनीतिक मुद्दा होते हुए भी वोट का मुद्दा नहीं है. जिस लड़ाई को आप लड़ने चले हैं, उसे आप बहुत पहले रौंद चुके हैं. आपने दूसरों की ऐसी अनेक लड़ाइयां ख़त्म की, मैदान तक ख़त्म दिए. अब जब मैदान दलदल में बदल गया है, तब उसमें लड़ाई के लिए उतरे हैं. आप फंसते चले जाएंगे.
पिछले हफ़्ते सीलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड के अध्यक्ष ने एक संसदीय समिति के सामने कहा था कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंकाई राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को मन्नार के एक पावर प्रोजेक्ट को अडानी समूह को देने को कहा था. इसके बाद उन्होंने बयान वापस ले लिया और अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया. अब लोगों ने अडानी समूह को परियोजना देने में पारदर्शिता की कमी पर सवाल उठाए हैं.
एनसीईआरटी ने कक्षा 12वीं की राजनीतिक विज्ञान की किताब से जिन पृष्ठों को हटाया है उनमें दंगों से निपटने में गुजरात सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए गए थे, साथ ही तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को 'राजधर्म' की सीख देने का ज़िक्र था.
केंद्र सरकार द्वारा रक्षाकर्मियों की भर्ती संबंधी 'अग्निपथ' योजना के विभिन्न राज्यों में व्यापक विरोध के बीच विपक्ष ने इस योजना को देश की सुरक्षा और युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ बताया है. बिहार में भाजपा की सहयोगी जदयू और पंजाब में भाजपा के साथ जुड़े अमरिंदर सिंह ने भी योजना पर पुनर्विचार की मांग की है.
मांग में अचानक आए उछाल की वजह से मध्य प्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक जैसे कई राज्यों में कुछ पेट्रोल पंप तेल की कमी का सामना कर रहे हैं. सरकार ने कहा है कि ईंधन की अधिक मांग को पूरा करने के लिए पेट्रोल और डीज़ल की आपूर्ति पर्याप्त है, लेकिन सरकारी पेट्रोल पंपों पर भीड़ ने ग्राहकों के इंतज़ार की अवधि को बढ़ा दिया है.
केंद्र सरकार दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में बदलाव करके 'अग्निपथ' योजना लेकर आई है, जिसके तहत युवाओं को चार साल के अनुबंध पर सेना में नौकरी पर रखा जाएगा. इसके विरोध में सेना भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं ने बिहार, यूपी और राजस्थान में विरोध प्रदर्शन किए हैं. पूर्व सैन्य अधिकारियों और विपक्ष ने भी योजना पर सवाल उठाए हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विभिन्न सरकारी विभागों और मंत्रालयों को अगले डेढ़ साल में 10 लाख लोगों की भर्ती करने का निर्देश दिया गया है. राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी नौकरियां बनाने में नहीं, नौकरियों पर ‘न्यूज़’ बनाने में एक्सपर्ट हैं. बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि आम चुनाव से पहले भर्ती की घोषणा, नया चुनावी छलावा तो नहीं है. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह घोषणा इसलिए की गई, क्योंकि लोकसभा के अलावा राजस्थान, मध्य प्रदेश और
सीलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड के अध्यक्ष एमएमसी फर्डिनेंडो ने शुक्रवार को एक संसदीय समिति के सामने कहा था कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंकाई राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को मन्नार के एक पावर प्रोजेक्ट को अडानी समूह को देने को कहा था. राष्ट्रपति के इससे इनकार के बाद उन्होंने बयान वापस ले लिया था.
पैगंबर मोहम्मद के बारे में निलंबित भाजपा नेताओं नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल की टिप्पणियों को लेकर पैदा हुए आक्रोश के बीच कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि हाल के वर्षों में भारत सरकार ने इस्लामी देशों के साथ संबंधों को मज़बूत करने के लिए जो प्रभावशाली क़दम उठाए हैं, उनके कमज़ोर होने का ख़तरा पैदा हो गया है. कुछ लोग प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी को, जो कुछ हो रहा है, उसके समर्थन के तौर पर देख रहे हैं.
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने जयपुर में जाट समाज के एक कार्यक्रम को में एमएसपी क़ानून लाने का समर्थन करते हुए कहा कि धरना ख़त्म हुआ है, आंदोलन नहीं. उन्होंने यह भी कहा कि राज्यपाल के बतौर उनके कार्यकाल के चार महीने बाकी हैं, जिसके बाद वे किसानों के लिए काम करेंगे.
एक संसदीय समिति ने एक सुनवाई के दौरान सीलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड के प्रमुख से श्रीलंका के उत्तरी तट पर 500 मेगावाट का पवन ऊर्जा संयंत्र बनाने के लिए अडानी समूह को चुनने के बारे में सवाल किया था, जहां उन्होंने यह बयान दिया. राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने प्रोजेक्ट को किसी व्यक्ति या समूह विशेष को देने की बात कहने से इनकार किया है. इसके बाद बोर्ड प्रमुख अपने बयान से मुकर गए.
भाजपा देर से ही सही नूपुर शर्मा व नवीन जिंदल के विरुद्ध इतनी सख़्त हो गई कि पैगंबर मोहम्मद को लेकर दिए उनके बयानों से ख़ुद को अलग करती हुई उन्हें ‘शरारती तत्व’ क़रार दे रही है. सवाल ये है कि क्या वह अब तक उनका बचाव करते आ रहे नेताओं के साथ भी ऐसी सख़्ती बरतेगी और इनकी तरह उन्हें भी माफ़ी मांगने को मजबूर करेगी?