मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के अगले दिन 4 मई को थौबल ज़िले में आदिवासी कुकी समुदाय की दो महिलाओं को भीड़ द्वारा नग्न कर घुमाने के अलावा उनके साथ मारपीट और एक महिला के साथ सार्वजनिक तौर पर बलात्कार किया गया था. इसका विरोध करने पर महिला के पिता और भाई की भीड़ ने हत्या कर दी थी.
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रेखा शर्मा का कहना है कि उन्होंने महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा के संबंध में मणिपुर के मुख्य सचिव और डीजीपी को तीन पत्र लिखे थे, जिस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया. इससे पहले एक रिपोर्ट में पता चला था कि राज्य की दो कुकी महिला के क्रूर और अमानवीय उत्पीड़न के संबंध में बीते 12 जून को एनसीडब्ल्यू से शिकायत की गई थी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला था.
पैगंबर मोहम्मद को लेकर निलंबित भाजपा नेताओं नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के बयानों के विरोध में इलाहाबाद में हुई हिंसा के संबंध में उत्तर प्रदेश पुलिस ने वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के नेता और सीएए विरोधी प्रदर्शनों में एक प्रमुख चेहरा रहे जावेद मोहम्मद को 10 अन्य लोगों के साथ ‘मुख्य साजिशकर्ता’ बताया है. वह छात्र कार्यकर्ता आफ़रीन फ़ातिमा के पिता हैं. जावेद फिलहाल पुलिस हिरासत में हैं.
भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय ने पुलिस-प्रशासन को हेयर स्टाइलिस्ट जावेद हबीब के इंदौर स्थित वाणिज्यिक प्रतिष्ठान 48 घंटे के भीतर बंद कराने का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि उन्होंने शहर में हबीब के प्रतिष्ठान नहीं चलने देने का संकल्प लिया है. वहीं, जयपुर की पूर्व महापौर एवं कांग्रेस नेता ज्योति खंडेलवाल ने महिला के बालों में थूकने के मामले में हबीब के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई है.
उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर का मामला. राष्ट्रीय महिला आयोग ने यूपी पुलिस से उस कथित वीडियो की सत्यता की जांच करने को कहा है, जिसमें वे ऐसा करते नज़र आ रहे हैं. हेयर स्टाइलिस्ट जावेद हबीब ने कहा कि ये पेशेवर कार्यशालाएं लंबी होती हैं तो हमें उन्हें हास-परिहास वाला बनाना पड़ता है. अगर आपको ठेस पहुंची है तो मैं दिल से माफ़ी मांगता हूं.
राष्ट्रीय महिला आयोग ने कहा है कि साल 2021 के गत आठ महीनों में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध की 19,953 शिकायतें मिलीं, जिनमें सर्वाधिक 10,084 उत्तर प्रदेश से आईं. इसके बाद दिल्ली से 2,147, हरियाणा से 995 और महाराष्ट्र से 974 शिकायतें मिलीं.
लॉकडाउन ख़त्म होने के एक साल बाद भी आयोग को हर महीने महिलाओं के विरुद्ध अपराध की दो हज़ार से अधिक शिकायतें मिल रही हैं, जिनमें से लगभग एक चौथाई घरेलू हिंसा से संबंधित हैं. राष्ट्रीय महिला आयोग को वर्ष 2019 में आयोग को घरेलू हिंसा से संबंधित 2,960 शिकायतें मिली थीं, जबकि 2020 में 5,297 शिकायतें प्राप्त हुई हैं.
राष्ट्रीय महिला आयोग के आंकड़ों के अनुसार साल 2020 में मिली कुल शिकायतों में से एक चौथाई घरेलू हिंसा से जुड़ी थीं. सर्वाधिक शिकायतें उत्तर प्रदेश से मिलीं, इसके बाद दिल्ली, हरियाणा और महाराष्ट्र रहे.
कोरोना संकट के दौरान देश-विदेश से महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ती घरेलू हिंसा की ख़बरें आ रही हैं. कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच घर में बंद रहने के अलावा कोई चारा भी नहीं है. लेकिन अफ़सोस कि टीवी पर आ रहे निर्देशों में पारिवारिक हिंसा पर जागरूकता के संदेश नदारद हैं. महिलाओं पर पड़े कामकाज के बोझ को भी चुटकुलों में तब्दील किया जा चुका है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि हिंसा महज़ रणक्षेत्र तक ही सीमित नहीं है और कई महिलाओं व लड़कियों के लिए सबसे ज़्यादा ख़तरा तब होता है जब उन्हें अपने घरों में सबसे सुरक्षित होना चाहिए.
राष्ट्रीय महिला आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा के 69, विवाहित महिलाओं की प्रताड़ना के 15, दहेज की वजह से हत्या के दो और बलात्कार या बलात्कार के प्रयास के 13 मामले दर्ज हुए हैं.
उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति रतन लाल हंगलू वित्तीय और प्रशासनिक अनियमितताओं को लेकर 2016 से निगरानी में थे. उन्हें यौन उत्पीड़न की शिकायतों को उपयुक्त ढंग से नहीं निपटाने और छात्राओं के लिए शिकायत निवारण प्रणाली की कमी को लेकर पिछले सप्ताह राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी तलब किया था.