पीट-पीटकर हत्या की घटनाओं के बारे में केंद्र के पास नहीं है कोई आंकड़ा: गृह मंत्रालय

गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर का कहना है कि क़ानून व्यवस्था बनाए रखना और जान माल की रक्षा राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है. मॉब लिंचिंग के संबंध में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो कोई आंकड़े नहीं रखता है.

यूआईडीएआई ने आपराधिक जांच के लिए आधार डेटा साझा करने से किया इनकार

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण से अपराधिक जांच के लिए पुलिस को आधार डेटा की सीमित उपलब्धता दिए जाने का प्रस्ताव रखा था. गृह राज्य मंत्री ने कहा कि इस बारे में मंत्रालय से चर्चा कर विचार किया जाएगा.

बच्चियों से बलात्कार के दोषी को मौत की सजा देने संबंधी अध्यादेश को राष्ट्रपति की मंजूरी

बाल अधिकार कार्यकर्ताओं ने अध्यादेश के विरोध में कहा है कि मौत की सज़ा के प्रावधान के बाद बच्चियों से बलात्कार के ज्यादातर मामले दर्ज ही नहीं कराए जाएंगे. क्योंकि ज्यादातर मामलों में परिवार के सदस्य ही आरोपी होते हैं.

झारखंड में जारी बलात्कार की घटनाएं सुर्ख़ियों में क्यों नहीं हैं?

जम्मू कश्मीर के कठुआ और उत्तर प्रदेश के उन्नाव में गैंगरेप की घटनाओं के बीच झारखंड में बलात्कार की घटनाएं लगातार जारी हैं.

देश के प्रति कृषि परिवार पर औसत 47 हज़ार रुपये का क़र्ज़: केंद्र सरकार

लोकसभा में कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने बताया कि साल 2014 से 2016 के दौरान ऋण, दिवालियापन एवं अन्य कारणों से क़रीब 36 हज़ार किसानों एवं कृषि श्रमिकों ने आत्महत्या की.

वर्ष 2016 के बाद किसानों की आत्महत्या का कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं: सरकार

कृषि राज्यमंत्री ने बताया कि कृषि ऋण के कारण किसानों की आत्महत्या के बारे में वर्ष 2016 के बाद से कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, क्योंकि गृह मंत्रालय ने अभी तक इसके बारे में रिपोर्ट प्रकाशित नहीं किया है.

अल्पसंख्यकों को भीड़ द्वारा मारने से जुड़ी घटनाओं का आंकड़ा नहीं रखता एनसीआरबी: सरकार

लोकसभा में एक प्रश्न के जवाब में गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो देश में भीड़ द्वारा अल्पसंख्यकों की हत्या की घटनाओं के संबंध में विशिष्ट आंकड़े नहीं रखता है.

संस्कृति का बखान करने वाले आधी आबादी के मुद्दों पर चुप्पी क्यों साध लेते हैं?

यह कैसा समाज है जहां जीवित इंसान की कोई कीमत नहीं पर मृत व्यक्ति के सम्मान की रक्षा के नाम पर लोग सड़क पर उतर आते हैं, तोड़-फोड़ करते हैं, यहां तक कि हिंसा करने से भी नहीं चूकते.

भारत की बदहाल जेलों पर कोई बात क्यों नहीं करता?

जेलों पर ज़रूरत से ज़्यादा बोझ और कर्मचारियों की कमी के चलते भारतीय जेलें राजनीतिक रसूख वाले अपराधियों के लिए एक आरामगाह और सामाजिक-आर्थिक तौर पर कमज़ोर विचाराधीन कैदियों के लिए नरक हैं.

यूपी, बिहार, कर्नाटक और राजस्थान समेत 19 राज्यों में नहीं दर्ज हुआ कार्यस्थल पर यौन-उत्पीड़न का एक भी मामला

बजट सत्र के दौरान सदन में पूछे गए एक सवाल के जवाब में महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री कृष्णा राज ने देश के सभी राज्यों में साल 2014 और 2015 में कार्यस्थल पर यौन-उत्पीड़न के दर्ज मामलों की जानकारी दी.

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