आॅस्कर जाएगी ‘न्यूटन’

फिल्म एक सरकारी क्लर्क न्यूटन कुमार की कहानी है जिसे छत्तीसगढ़ के हिंसा प्रभावित क्षेत्र में चुनावी ड्यूटी पर लगा दिया जाता है.

नोएडा में सीवर की सफाई करने उतरे तीन मजदूरों की दम घुटने से मौत

नोएडा के सेक्टर-110 में सीवर की सफाई करने उतरे तीन मजदूरों की दम घुटने से मौत हो गई. घटना के बाद से नोएडा विकास प्राधिकरण का ठेकेदार फरार.

आॅनलाइन गुंडागर्दी: ‘ट्रोल्स के अच्छे दिन आ गए हैं’

ट्रोलिंग पर विशेष सीरीज़: वरिष्ठ पत्रकार और ‘आई एम अ ट्रोल: इनसाइड द सीक्रेट डिजिटल आर्मी ऑफ द बीजेपी’ किताब की लेखिका स्वाति चतुर्वेदी से कृष्णकांत की बातचीत.

अगर अपशब्दों के स्कूल में वे पास हो जाएंगे तो हमारा समाज फेल हो जाएगा

समाज की नैतिकताएं कमज़ोर हुई हैं. उन्हें कमज़ोर किया गया है. क्योंकि इन्हीं कमज़ोरियों ने जाने कितनों को मज़बूत किया हुआ है.

दोषी सिद्ध होते ही अयोग्य न घोषित हों सांसद और विधायक: केंद्र

सुप्रीम कोर्ट में दायर एक हलफनामे में केंद्र ने कहा है कि ऐसे सांसदों और विधायकों को खुद को दोषी ठहराए जाने के फैसले के ख़िलाफ़ अपील करने का एक अवसर मिलना चाहिए.

अकाउंट से सूचना हटवाने के लिए सरकार द्वारा भेजे गए अनुरोधों में हुई बढ़ोतरी: ट्विटर

2014 के आखिरी छह महीनों में सरकार ने 15 ट्विटर अकाउंट को रिपोर्ट किया था, वहीं 2017 के पहले छह महीनों में रिपोर्ट किये गए अकाउंट की संख्या बढ़कर 341 पहुंच गयी है.

त्रिपुरा में शांतनु भौमिक की हत्या के ख़िलाफ़ पत्रकारों का प्रदर्शन, सीबीआई जांच की मांग

अगरतला में पत्रकारों ने बुधवार रात त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार के सरकारी आवास के सामने प्रदर्शन किया.

डुसू चुनाव में एनएसयूआई उम्मीदवार का आपराधिक रिकॉर्ड छुपाना गंभीर: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने एबीवीपी उम्मीदवार रजत चौधरी की याचिका पर संज्ञान लेते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय और नवनिर्वाचित छात्रसंघ अध्यक्ष रॉकी तुसीद को नोटिस जारी किया है.

रोहिंग्या शरणार्थी नहीं, अवैध प्रवासी हैं: राजनाथ सिंह

केेंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जब म्यांमार रोहिंग्या लोगों को वापस लेने के लिए तैयार है, तो कुछ लोग क्यों उन्हें वापस भेजे जाने पर आपत्ति जता रहे हैं.

दास कैपिटल के 150 साल: कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं इसकी

गुज़रे ज़माने की चीज़ क़रार दिए जाने के बाद भी न सिर्फ ‘दास कैपिटल’ बल्कि मार्क्स भी जीवित हो उठे हैं. इस बार उनका अवतार किसी धर्मशास्त्र या गुरु की तरह नहीं हुआ है, बल्कि पूंजीवाद के समकालीन संकट की व्याख्या करने के उपयोगी औज़ार के तौर पर हुआ है.