राज्यसभा के सदस्य एवं केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत को कर्नाटक का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया. गुजरात भाजपा के नेता मंगुभाई छगनभाई पटेल को मध्य प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया है. मिज़ोरम के राज्यपाल पीएस पिल्लई को स्थानांतरित कर गोवा का राज्यपाल नियुक्त किया गया है.
मध्य प्रदेश के खरगोन ज़िले का मामला. ज़िला खनन अधिकारी की शिकायत के आधार पर यह एफ़आईआर दर्ज की गई है, जिन्होंने छह पत्रकारों पर अभद्रता करने और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. पत्रकारों ने इससे इनकार किया है. पत्रकार दो ठेकेदारों से संबंधित अवैध रेत खनन के मामले को लेकर उनसे बयान लेने गए थे.
चार मई के बाद से पेट्रोल के दाम 35 बार और डीज़ल के 33 बार बढ़ाए गए हैं. इस दौरान पेट्रोल 9.46 रुपये प्रति लीटर और डीज़ल 8.63 रुपये प्रति लीटर महंगा हुआ है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मोदी को पत्र लिखकर पेट्रोल और डीज़ल पर कर घटाने का आग्रह किया. वहीं, केरल के कांग्रेस नेता वीडी सतीशन ने केंद्र से कहा कि रोजाना ईंधन के दाम बढ़ाकर नागरिकों को प्रताड़ित करना बंद करे.
ओडिशा के मयूरभंज ज़िले का मामला. पुलिस ने बताया कि मृतक की पहचान बालीभोल गांव की 62 वर्षीय जमुना हंसदा के रूप में हुई है. इस संबंधमें दो युवकों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने 24 मार्च 2015 को आईटी एक्ट की धारा 66ए रद्द कर दिया था. इसके तहत कंप्यूटर या कोई अन्य संचार उपकरण जैसे मोबाइल फोन या टैबलेट के माध्यम से संदेश भेजने के लिए दंड निर्धारित किया गया और दोषी को अधिकतम तीन साल की जेल हो सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने इस धारा के ख़त्म किए जाने के बाद भी राज्यों द्वारा इसके तहत केस दर्ज किए जाने पर केंद्र सरकार नोटिस जारी किया है.
पंजाब में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं लेकिन उससे पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच खींचतान बढ़ती जा रही है. हालात ये हैं कि इस विवाद को ख़त्म करने के लिए पार्टी आलाकमान ने तीन सदस्यों की समिति गठित की है. वहीं मंगलवार को कैप्टन दिल्ली पहुंच गए हैं.
ज़िला पंचायत चुनाव में मिली विजय पर फूली न समा रही भाजपा भूल रही है कि ज़िला पंचायत अध्यक्षों के अप्रत्यक्ष चुनाव में जीत किसी भी अन्य अप्रत्यक्ष चुनावों की तरह किसी पार्टी की ज़मीनी पकड़ या लोकप्रियता का पैमाना नहीं होती. कई बार तो संबंधित पार्टी को इससे मनोवैज्ञानिक बढ़त तक नहीं मिल पाती.
उत्तराखंड की स्थापना करने वाली भाजपा के माथे पर सबसे बड़ा दाग़ यह लगा है कि भारी बहुमत से सरकार चलाने के बावजूद उसने दस साल के शासन में राज्य पर सात मुख्यमंत्री थोप डाले. पार्टी की नाकामी यह भी है कि अब तक उसका कोई भी मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका.
राजभवन में एक जुलाई को आयोजित राज्यपाल कलराज मिश्र की जीवनी के विमोचन कार्यक्रम में शामिल राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के वाहनों में प्रकाशक ने पुस्तक की प्रतियां रख दीं और उनका बिल उनके वाहन चालकों को थमा दिया था. राजभवन ने अपने स्पष्टीकरण में कहा कि पुस्तक के विपणन और इससे संबंधित किसी व्यावसायिक गतिविधि में उसकी कोई भूमिका नहीं है.
देश के शीर्ष मौसम वैज्ञानिकों द्वारा प्रकाशित शोध पत्र में कहा गया है कि लू अति प्रतिकूल मौसमी घटनाओं में से एक है. अध्ययन के मुताबिक, 1971-2019 में ऐसी ने 141,308 लोगों की जान ली है. इनमें से 17,362 लोगों की मौत लू की वजह से हुई है. लू से अधिकतर मौत आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा में हुईं.
बीते 27 जून को जम्मू में भारतीय वायुसेना केंद्र पर ड्रोन से हमला किया गया था, जिसे किसी सैन्य प्रतिष्ठान पर इस तरह से हुए हमले की पहली घटना माना जा रहा है. इसके बाद जम्मू क्षेत्र के सीमावर्ती राजौरी और कठुआ ज़िलों में ड्रोन पर पाबंदी लगा दी गई थी.
बीते 10 मई को हिमंता बिस्वा शर्मा के नेतृत्व में भाजपा की सरकार के दोबारा सत्ता में आने के बाद से ऐसी घटनाओं की संख्या में वृद्धि पर विपक्ष ने आरोप लगाया है कि पुलिस नई सरकार के सामने ख़ुद को साबित करने की कोशिश कर रही है. वहीं, असम पुलिस ने दावा किया है कि उग्रवादियों और अपराधियों ने ही उसके कर्मचारियों को गोलियां चलाने पर मजबूर किया था.
शुरुआत में भारत ने नव-उपनिवेशवाद और इज़राइल द्वारा फ़िलिस्तीनी ज़मीन के अतिक्रमण की मुखर तौर पर निंदा की, लेकिन यह विरोध धीरे-धीरे कम हो गया. भारत का रुख कमज़ोर हुआ क्योंकि इज़राइल के साथ आर्थिक और सैन्य संबंध जुड़ गए. अब ये रिश्ते हिंदुत्व व यहूदीवाद की लगभग समान विचारधारा पर फल-फूल रहे हैं.
घटना गाज़ियाबाद की है. आरोप है कि मांसाहार का सेवन करने के संदेह के चलते युवक पर हमला किया गया था. हालांकि पुलिस ने इससे इनकार किया है.
संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से शुरू होगा. संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि इस दौरान संसद के बाहर केंद्र के तीनों कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ रोज़ क़रीब किसानों का एक समूह प्रदर्शन करेगा. साथ ही सत्र शुरू होने के दो दिन पहले सदन में क़ानूनों का विरोध करने के लिए सभी विपक्षी सांसदों को चेतावनी पत्र दिया जाएगा.