क्या पीएम मोदी गारंटी दे सकते हैं कि नीतीश कुमार एक और यू-टर्न नहीं लेंगे: तेजस्वी यादव

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को विधानसभा में विश्वास मत जीत लिया. इस दौरान राजद नेता और पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि ‘बिना किसी वैध कारण के’ साथ छोड़ने के नीतीश कुमार के क़दम से महागठबंधन आश्चर्यचकित और निराश है.

बिहार: सीतामढ़ी ज़िले में कथित ज़हरीली शराब पीने से 24 घंटे में कम से कम पांच लोगों की मौत

बिहार के सीतामढ़ी ज़िले के बाजपट्टी पुलिस थाना क्षेत्र का मामला. अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने ज़हरीली शराब के अवैध कारोबार में शामिल होने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ़्तार किया है. साल 2016 में नीतीश कुमार सरकार द्वारा बिहार में शराब की बिक्री और खपत पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था.

बिहार में ढहे पुल का निर्माण करने वाली कंपनी गुजरात में बड़ी परियोजनाओं से जुड़ी है: रिपोर्ट

बिहार के भागलपुर ज़िले में गंगा नदी पर बने पुल का एक हिस्सा ढह गया था. हालांकि अधिकारियों ने कहा ​था कि निर्माण में ख़ामियों को देखते हुए इसे योजनाबद्ध तरीके से गिराया गया है. इसके निर्माण का ठेका एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शंस प्राइवेट लिमिटेड को मिला था, जो गुजरात में पुल समेत कई निर्माण परियोजनाओं से भी जुड़ी है.

बिहार: गंगा नदी पर निर्माणाधीन पुल ढहा, सरकार ने कहा- सुनियोजित तरीके से ढहाया गया

बिहार के भागलपुर जिले में रविवार शाम को गंगा नदी पर निर्माणाधीन पुल का 200 मीटर का हिस्सा ढह गया. पिछले साल 30 अप्रैल को भी इसी पुल का एक हिस्सा गिर गया था. अधिकारियों ने दावा किया कि पुल निर्माण में कई खामियां हैं, इसलिए इसे ढहाया गया.

बिहार में ज़हरीली शराब पीने से पांच लोगों की मौत, सात अन्य बीमार

बिहार के सीवान ज़िले का मामला. अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाकर्मियों की एक टीम को इलाके में तैनात कर दिया गया है. संबंधित थाने में केस दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है. अब तक कुल 16 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.

नकली शराब के सेवन से पिछले छह वर्षों में 7,000 लोगों की मौत: लोकसभा में पेश आंकड़े

एक मीडिया रिपोर्ट बताती है कि बिहार में वर्ष 2016 में लागू हुई शराबबंदी के बाद से पांच सालों में राज्य में कम से कम 20 ज़हरीली शराब की घटनाएं सामने आईं, जिनमें 200 से अधिक मौतें हुईं. अकेले 2021 में ही 9 घटनाएं हुईं और 106 लोगों की मौत हुई. इसके विपरीत, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो पांच सालों में केवल 23 मौतें दिखाता है.

ज़हरीली शराब त्रासदी: बिहार के दो अन्य ज़िलों में आठ और लोगों की मौत

अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि कथित तौर पर ज़हरीली शराब पीने से छपरा से सटे सिवान ज़िले में छह लोगों की मौत हो गई, जबकि बेगूसराय में दो अन्य लोगों की मौत हो गई. बीते दिनों ज़हरीली शराब पीने से छपरा में कम से कम 39 लोगों की मौत हो गई थी.

बिहार शराब त्रासदी: मुख्यमंत्री के मुआवज़े से इनकार के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका

बिहार के एक संगठन द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें एसआईटी द्वारा ज़हरीली शराब त्रासदी की स्वतंत्र जांच के साथ ही राज्य सरकार को पीड़ित परिवारों को पर्याप्त मुआवज़ा देने का निर्देश देने की भी मांग की गई है. बिहार के छपरा ज़िले में हुई शराब त्रासदी के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुआवज़ा देने से इनकार कर दिया है.

नीतीश के ‘जो पिएगा, वो मरेगा’ बयान की आलोचना, विभिन्न नेताओं ने शर्मनाक और असंवेदनशील क़रार दिया

बिहार के छपरा ज़िले ज़हरीली शराब पीने की वजह से बीते कुछ दिनों में कम से कम 39 लोगों की मौत हो गई है. इस घटना के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान को लेकर विभिन्न नेताओं ने उन पर निशाना साधा है. उनका कहना है कि बिहार में शराब का अवैध कारोबार एक ‘समानांतर अर्थव्यवस्था’ बन गया है.

बिहार में ज़हरीली शराब पीने से कम से कम 39 लोगों की मौत

बिहार के छपरा ज़िले का मामला. बीते अगस्त महीने में भी इस ज़िले में कथित ज़हरीली शराब पीने से कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई थी. नीतीश कुमार नीत सरकार ने अप्रैल, 2016 से बिहार में शराब उत्पादन, खरीद, बिक्री, सेवन आदि पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था.

बिहार के छपरा ज़िले में कथित ज़हरीली शराब पीने से फिर सात लोगों की मौत

बीते चार जुलाई को बिहार के छपरा ज़िले में ही कथित ज़हरीली शराब पीने से 13 लोगों की मौत हो गई थी और कुछ लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी. बिहार सरकार ने अप्रैल 2016 में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन पिछले साल नवंबर के बाद से राज्य में ज़हरीली शराब से जुड़ी कई घटनाएं हुईं, जिनमें 60 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.

बिहार में कथित ज़हरीली शराब पीने से कम से कम 13 लोगों की मौत

बिहार के छपरा ज़िले का मामला. कथित ज़हरीली शराब पीने वाले कुछ लोगों की आंखों की रोशनी भी चली गई है. पुलिस ने बताया कि पांच लोगों को कथित रूप से अवैध शराब बनाने और उसकी बिक्री में शामिल होने को लेकर गिरफ़्तार किया गया है, जबकि संबंधित थाने के एसएचओ और स्थानीय चौकीदार को निलंबित किया गया है. राज्य में अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू है.

बिहार के औरंगाबाद में संदिग्ध ज़हरीली शराब पीने से पांच लोगों की मौत

औरंगाबाद पुलिस ने बताया कि सभी मौतें ज़िले के मदनपुर ब्लॉक से हुई हैं. 23 मई को तीन लोगों की मौत हुई थी, जबकि एक दिन पहले 22 मई दो लोगों की मौत हुई थी. बिहार में अप्रैल 2016 में नीतीश कुमार सरकार द्वारा शराब की बिक्री और खपत पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था. हालांकि राज्य में अक्सर कथित तौर पर शराब से मौत के मामले सामने आते रहते हैं.

कोरोना से मरने वालों की संख्या सार्वजनिक करने को लेकर बिहार की अनिच्छा सही नहीं: पटना हाईकोर्ट

पटना हाईकोर्ट ने कोविड-19 प्रबंधन को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की. अदालत ने कहा कि जो भी कारण हो, बिहार सरकार कोविड-19 से मरने वालों की संख्या को सार्वजनिक करने को लेकर अनिच्छुक है, जो सही नहीं है. हमारे नज़रिये से सरकार का यह रवैया न ही किसी क़ानून द्वारा संरक्षित है और न ही सुशासन के स्थापित सिद्धांतों के अनुरूप है.

बिहार: समीक्षा के बाद बढ़ी कोविड-19 मौतों की संख्या, 5458 से बढ़कर 9429 हुई

संक्रमण और मौतों के आंकड़े छिपाने के आरोप लगने के बाद पिछले महीने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने नीतीश कुमार सरकार से महामारी की दूसरी लहर के दौरान गांवों में कोविड-19 से हुईं मौतों का हिसाब देने को कहा था. न्यायालय ने ज़िलावार मौतों के आंकड़े भी पेश करने को कहा था.