दिल्ली दंगा: नए आरोपों और कई बार ज़मानत ख़ारिज होने के बीच तीन साल से जेल में बंद हैं गुलफ़िशा

वर्ष 2020 की शुरुआत में पूर्वोत्तर दिल्ली के जाफ़राबाद में हुए दंगों के दौरान हुई झड़पों में कथित संलिप्तता के लिए दिल्ली पुलिस ने तीन साल पहले 9 अप्रैल को गुलफ़िशा फ़ातिमा को गिरफ़्तार किया था. 13 मई 2020 को जब मामले में उन्हें ज़मानत मिल गई तो उन पर एक नई एफआईआर दर्ज कर ली गई.

एमसीडी चुनाव: दंगा प्रभावित उत्तर-पूर्वी दिल्ली की 19 सीटों में से भाजपा ने 12 पर जीत दर्ज की

साल 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के बाद से 2022 के एमसीडी चुनाव इस क्षेत्र में होने वाले पहले बड़े चुनाव थे. चुनाव में दक्षिण दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में दो वार्ड में कांग्रेस की महिला प्रत्याशियों को जीत मिली है.

दिल्ली दंगा: मामले में अप्रासंगिक गवाहों को लेकर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को चेताया

दिल्ली की एक अदालत ने 2020 के दिल्ली दंगों से जुड़े एक मामले में संबंधित गवाहों को तलब न करने को लेकर दिल्ली पुलिस को सचेत होने की ‘अंतिम चेतावनी’ देते हुए कहा कि पूर्व में कई बार निर्देश देने के बावजूद ऐसा नहीं किया गया है.

दिल्ली दंगा: पूर्व आप पार्षद ताहिर हुसैन के ख़िलाफ़ दंगा, हत्या के प्रयास के आरोप तय करने का आदेश

अदालत ने यह आदेश दिल्ली दंगों से जुड़े एक मामले में अजय झा नाम के एक व्यक्ति द्वारा दर्ज कराए गए केस की सुनवाई करते हुए दिया, जिन पर 25 फरवरी, 2020 को चांद बाग के पास भीड़ द्वारा कथित रूप से गोली चलाई गई थी. अदालत ने कहा कि भीड़ के पास हिंदुओं को मारने का स्पष्ट उद्देश्य था.

दिल्ली दंगा: आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या का आरोपी तेलंगाना से गिरफ़्तार

दिल्ली पुलिस ने शहर के उत्तर-पूर्वी हिस्सों में फरवरी 2020 में हुए दंगों के दौरान आईबी के अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या में कथित रूप से शामिल 34 वर्षीय मुंतजिम उर्फ मूसा क़ुरैशी फरवरी 2020 से ही फ़रार था. 25 फरवरी 2020 को दंगों के दौरान चांद बाग की पुलिया पर भीड़ ने शर्मा की बर्बर हत्या कर दी थी.

दिल्ली: राजद्रोह मामले में शरजील इमाम को ज़मानत मिली

दिल्ली की एक अदालत ने जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम को राजद्रोह के उस मामले में ज़मानत दी है, जिसमें उन पर 2019 में जामिया मिलिया इस्लामिया में दिए भाषण के ज़रिये दंगे भड़काने का आरोप लगाया गया था. हालांकि, दिल्ली दंगों से जुड़े मामलों के चलते उन्हें अभी जेल में ही रहना होगा.

दिल्ली दंगा: पुलिस ने शिकायतकर्ता को ही आरोपी बनाया, अदालत ने जांच को नकारा

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 2020 के दंगे से जुड़े एक मामले में साजिद नामक व्यक्ति ने गोली लगने की शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस ने उन्हें ही दंगाई भीड़ का हिस्सा बताते हुए मामले में आरोपी बना दिया. अदालत ने हैरानी जताते हुए कहा है कि साजिद के घायल होने से उन्हें दंगाई भीड़ का हिस्सा माना जा सकता है, इस तर्क से तो दंगों में घायल हर व्यक्ति आरोपी बनाया जा सकता है.

दिल्ली दंगाः जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम को अंतरिम ज़मानत देने से अदालत का इनकार

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र शरजील इमाम को दिल्ली के उत्तर-पूर्वी हिस्से में वर्ष 2020 में भड़के दंगे के कथित षड्यंत्र के मामले में जनवरी 2020 में गिरफ़्तार किया गया था. तब से वे जेल में हैं.

दिल्ली दंगा: जेल में जान को खतरा बताकर शरजील इमाम अदालत पहुंचे

साल 2020 के दिल्ली दंगा मामले में जेल में बंद जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम ने अपने आवेदन में आरोप लगाया गया है कि सहायक जेल अधीक्षक ने हाल ही में तलाशी की आड़ में आठ-दस लोगों के साथ उसके सेल में प्रवेश किया, उससे मारपीट की और ‘आतंकवादी’ तथा ‘राष्ट्र-विरोधी’ कहकर संबोधित किया.

दिल्लीः कोर्ट ने 2015 के एक मामले में ताहिर हुसैन को बरी करते हुए कहा- उनके ख़िलाफ़ साक्ष्य नहीं

यह मामला नववर्ष की शुभकामनाएं देने के लिए ताहिर हुसैन द्वारा एक खंभे पर बोर्ड लगाकर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का था. चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अपने फ़ैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष के पास यह साबित करने के लिए रत्तीभर भी सबूत नहीं हैं कि हुसैन या उनकी तरफ से किसी ने वह होर्डिंग लगाया था.

दिल्ली दंगे की चश्मदीद ने पुलिस पर लगाया धमकाने का आरोप, बच्चों के लिए मांगी सुरक्षा

दिल्ली के चांदबाग इलाके की रहने वाली दंगा पीड़ित महिला का आरोप है कि उन्होंने दिल्ली पुलिस के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज करवाई थी, इसलिए पुलिस अब बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है.

दिल्ली दंगा: चुनाव आयोग पर पुलिस से मतदाता सूची साझा करने का आरोप, आयोग ने किया इनकार

चुनाव आयोग ने एक स्पष्टीकरण जारी कर कहा कि वे अन्य सरकारी विभागों के साथ मतदाता सूची और फोटो परिचय पत्र साझा करने के साल 2008 के अपने दिशा-निर्देशों से किसी भी तरह नहीं भटका है.

दिल्ली दंगों की साज़िश तो ज़रूर रची गई, लेकिन वैसी नहीं जैसी पुलिस कह रही है

फरवरी महीने में हुए दंगे और उसके बाद हुई 'जांच' का मक़सद सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा के लिए ज़िम्मेदार ठहराना है, जिससे उनके आंदोलन को बदनाम किया जा सके. साथ ही भविष्य में ऐसा कोई प्रदर्शन करने के बारे में आम नागरिकों में डर बैठाया जा सके.

दिल्ली दंगा: दोहरे मानदंडों और पक्षपातपूर्ण कार्रवाई की कहानी

दिल्ली हिंसा से जुड़े मामलों में दिल्ली पुलिस के पक्षपाती रवैये को लेकर लगातार उंगलियां उठीं. इस धारणा को इसलिए भी बल मिला क्योंकि पुलिस ने गिरफ़्तार किए गए लोगों के बारे में अधिक जानकारी सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया.

दिल्ली पुलिस के पास ताहिर हुसैन को दंगों से जोड़ने का कोई सबूत नहीं: वकील

बीते दिनों दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि पूर्व आप पार्षद ताहिर हुसैन ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में शामिल होने की बात स्वीकार ली है. हुसैन के वकील जावेद अली का कहना है कि उनके मुवक्किल ने कभी इस तरह का कोई बयान नहीं दिया. पुलिस के पास अपने दावों की पुष्टि के लिए कोई साक्ष्य नहीं हैं.