Notebandi

New Delhi: A view of the Supreme Court of India in New Delhi, Monday, Nov 12, 2018. (PTI Photo/ Manvender Vashist) (PTI11_12_2018_000066B)

नोटबंदी के फैसले को सही ठहराने के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की समीक्षा के लिए याचिका दायर

सुप्रीम कोर्ट ने बीते दो जनवरी को 4:1 के बहुमत के फैसले में नोटबंदी के फैसले पर अपनी मुहर लगाते हुए कहा था कि 1000 रुपये और 500 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने की निर्णय प्रक्रिया न तो त्रुटिपूर्ण थी और न ही जल्दबाजी में लिया गया फैसला.

नोटबंदी निर्णय: असहमत जज ने कहा- आरबीआई ने स्वतंत्र होकर विचार नहीं किया

नोटबंदी पर अपने अल्पमत के फैसले में जस्टिस बीवी नागरत्ना ने मोदी सरकार के इस क़दम पर कई सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि अधिसूचना की बजाय इसके लिए संसद में चर्चा होनी चाहिए थी. उन्होंने यह भी जोड़ा कि इसे लेकर आरबीआई ने स्वतंत्र रूप से सोच-विचार नहीं किया और पूरी कवायद 24 घंटे में कर दी गई.

नोटबंदी को लेकर सरकार ने आरबीआई को कभी भी लूप में नहीं रखा: रिपोर्ट

एक मीडिया रिपोर्ट ने नोटबंदी की निर्णय संबंधी प्रक्रिया का हिस्सा रहे एक उच्चस्तरीय सूत्र के हवाले से दावा किया है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड में इस मुद्दे पर उचित चर्चा नहीं हुई थी. सुप्रीम कोर्ट ने बीते सोमवार मोदी सरकार द्वारा 2016 में लिए गए नोटबंदी के निर्णय के ख़िलाफ़ दायर कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए इस फैसले को 4:1 के बहुमत से वैध क़रार दिया था.

अर्थव्यवस्था में नकदी बढ़ने पर फिर नोटबंदी करने की कोई योजना नहीं: सरकार

राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि ‘कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था और डिजिटल भुगतान इकोसिस्टम की ओर बढ़ना’ सरकार की नीति है.

नोटबंदी: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, आरबीआई को फैसले से संबंधित रिकॉर्ड पेश करने का निर्देश दिया

मोदी सरकार के नोटबंदी के निर्णय के ख़िलाफ़ कई याचिकाएं सुन रहे सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालत सरकार के फैसले के गुण-दोष पर नहीं जाएगी, लेकिन वह हमेशा निर्णय लेने के तरीके पर गौर कर सकती है. सिर्फ इसलिए कि यह एक आर्थिक नीति है, इसका मतलब यह नहीं होगा कि अदालत चुपचाप बैठ जाएगी.

नोटबंदी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के सुनवाई स्थगित करने के आग्रह को ‘शर्मनाक’ बताया

मोदी सरकार के नोटबंदी के निर्णय को चुनौती देने वाली 58 याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ से केंद्र की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल ने हलफ़नामा तैयार न होने की बात कहते हुए कार्रवाई स्थगित करने को कहा था. कोर्ट ने कहा कि संविधान पीठ ऐसे काम नहीं करती और यह बहुत असहज करने वाली स्थिति है.

भाजपा से ज़्यादा हिंदुत्ववादी होकर क्या पाएगी आम आदमी पार्टी

कई जानकार कह रहे हैं कि अरविंद केजरीवाल के नोट-राग ने ज़रूरी मुद्दों व जवाबदेहियों से देशवासियों का ध्यान भटकाकर लाभ उठाने में भाजपा की बड़ी मदद की है. ये जानकार सही सिद्ध हुए तो केजरीवाल की पार्टी की हालत ‘माया मिली न राम’ वाली भी हो सकती है.

केजरीवाल ‘प्रो-हिंदू’ या ‘एंटी-हिंदू’ हो न हों, मोदी के नक़्शे-क़दम पर ज़रूर हैं

अरविंद केजरीवाल के ‘देश की तरक्की के लिए लक्ष्मी-गणेश का चित्र नोटों पर छापने’ की सलाह से पहले देश ने पैसों के बारे में ऐसा अहमक़ाना प्रस्ताव 2016 में देखा था, जब देश के प्रधानमंत्री ने अचानक चलन में रहे अस्सी फीसदी नोटों को रातोंरात अवैध बताकर भ्रष्टाचार और काले धन पर अंकुश लगाने का दावा किया था.

दिल्ली: आप नेता संजय सिंह ने उपराज्यपाल द्वारा भेजे गए मानहानि नोटिस को फाड़ा

आम आदमी पार्टी का आरोप है कि खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष के रूप में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने 2016 में अपने कर्मचारियों पर 1400 करोड़ रुपये के पुराने नोटों को बदलने के लिए दबाव डाला था और एक खादी लाउंज की साज-सज्जा का ठेका अपनी बेटी को दिया था. राज्यपाल ने बीते पांच सितंबर को आप नेताओं को मानहानि नोटिस भेजा था.

दिल्ली: उपराज्यपाल ने घोटाले के आरोप लगाने को लेकर ‘आप’ नेताओं को क़ानूनी नोटिस भेजा

आम आदमी पार्टी के ने आरोप लगाया है कि खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष के रूप में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने 2016 में अपने कर्मचारियों पर 1,400 करोड़ रुपये के पुराने नोटों को बदलने के लिए दबाव डाला था और एक खादी लाउंज की साज-सज्जा का ठेका अपनी बेटी को दिया था.

दिल्ली: पद के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए आम आदमी पार्टी की एलजी को बर्ख़ास्त करने की मांग

आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना पर खादी विकास एवं ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष पद पर रहते हुए उनकी बेटी को अवैध तरीके से एक खादी लाउंज की डिज़ाइनिंग का ठेका देने का आरोप लगाया है. इससे पहले पार्टी ने दावा किया था कि नोटबंदी के बाद सक्सेना ने खादी ग्रामोद्योग के कर्मचारियों पर 1,400 करोड़ रुपये के चलन से बाहर हो चुके नोट बदलवाने का दबाव डाला था.

क्या सरकार ही देश में अराजकता फैला रही है?

वीडियो: अग्निपथ से लेकर सीएए, कृषि क़ानून और नोटबंदी के कारण देश में विरोध की लहर को लेकर नरेंद्र मोदी के शासन के बारे में द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन और दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद की बातचीत.

नोटबंदी के पांच साल बाद मोदी सरकार के पास इसकी सफलता बताने के लिए कुछ भी नहीं है

नोटबंदी के अप्रत्याशित फ़ैसले के ज़रिये बात चाहे काले धन पर अंकुश की हो, आर्थिक प्रणाली से नकद को कम करने या टैक्स-जीडीपी अनुपात बढ़ाने की, आंकड़े मोदी सरकार के पक्ष में नहीं जाते.

नोटबंदी के पांच साल बाद भी नकद राशि अपने उच्चतम स्तर पर पहुंची: रिपोर्ट

पिछले महीने आठ अक्टूबर को समाप्त हुए पखवाड़े पर नकदी 28.30 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर रही, जो कि नोटबंदी से पहले चार नवंबर 2016 की तुलना में 57.48 फीसदी अधिक है. उस समय जनता के हाथों में 17.97 लाख करोड़ रुपये की नकद राशि उपलब्ध थी.

कोरोना लॉकडाउन: वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की आर्थिक विकास दर 1.6 फीसदी पर आ सकती है

वैश्विक बैंकिंग समूह गोल्डमैन सैश के अर्थशास्त्रियों ने कहा कि भारत सरकार ने अभी तक आर्थिक संकट को लेकर आक्रामक रवैया नहीं दिखाया है. प्रयासों को तेज करने की जरूरत है.