केंद्र की मोदी सरकार के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था इस समय संकट में है. उसे मंदी झेलने को तैयार रहना चाहिए.
चुनाव आयोग द्वारा मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव के दौरान कालेधन की व्यापक पैमाने पर धरपकड़ हुई है. अवैध रकम के अलावा शराब, मादक द्रव्य और कीमती जेवरात बरामद किए गए हैं.
ओपी रावत ने कहा कि चुनावों के दौरान भारी मात्रा में पैसे पकड़े गए हैं. मौजूदा समय में, पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में लगभग 200 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं.
अपनी आने वाली किताब ‘ऑफ काउंसल: द चैलेंजेस ऑफ द मोदी-जेटली इकोनॉमी’ में पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा है कि आईएलएंडएफएस की ताजा विफलता से न केवल वाणिज्यिक बल्कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां भी प्रभावित हुईं. इन विफलताओं के लिए रिज़र्व बैंक को ज़िम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नए नोटों के काग़ज़ की गुणवत्ता पुराने नोटों से काफी ख़राब है इसलिए ये नोट जल्दी ख़राब होने लगे हैं.
नोटबंदी के समय देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे अरविंद सुब्रमण्यम ने बताया कि नोटबंदी से पहले दर्ज हुई 8% की आर्थिक वृद्धि इस फैसले के बाद 6.8 % पर पहुंच गई थी. उन्होंने यह भी कहा कि इस बात पर कोई संदेह नहीं है कि नोटबंदी से अर्थव्यवस्था की रफ़्तार धीमी हुई.
कृषि मंत्रालय ने 20 नवंबर को संसदीय समिति को दी गई वह रिपोर्ट वापस ले ली, जिसमें कहा गया था कि नोटबंदी के चलते किसान खाद और बीज नहीं खरीद सके थे. समिति को दी गई नई रिपोर्ट में मंत्रालय ने कहा है कि नोटबंदी का कृषि क्षेत्र पर अच्छा असर पड़ा.
अगर कुल संभावित एनपीए का क़रीब 40 प्रतिशत 10 के करीब बड़े कारोबारी समूहों में फंसा हुआ है, तो बैंक इसका समाधान किए बगैर क़र्ज़ देना शुरू नहीं कर सकते हैं. यह बात स्पष्ट है लेकिन सरकार बड़े बकाये वाले बड़े कारोबारी समूहों के लिए अलग नियम चाहती है, जो उनके हितों का ख्याल रखते हों.
कृषि मंत्रालय ने स्वीकार किया है कि नोटबंदी की वजह से किसानों को खाद और बीज खरीदने में गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ा था.
मुद्दा ये नहीं है कि आप किसका समर्थन करते हैं. आप बिल्कुल उन्हीं को चुने जिसका आपको मन है, लेकिन ये उम्मीद ज़रूर है कि आप अपने विवेक पर पर्दा न डालें.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के शहडोल में हुई चुनावी सभा में कहा कि दबे पैसे का उपयोग सरकार जनहित के कार्यों में कर रही है. वहीं राहुल गांधी ने सागर ज़िले में हुई सभा में कहा कि नोटबंदी देश के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला है.
साठ सेवानिवृत्त अधिकारियों ने एक पत्र में कहा है कि ऐसी धारणा बनाने का आधार बढ़ रहा है कि कैग 2019 के आम चुनाव के पहले नोटबंदी और राफेल सौदे पर अपनी ऑडिट रिपोर्ट में जान-बूझकर देरी कर रहा है ताकि मौजूदा सरकार की किरकिरी न हो.
आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि बहुत सारे निर्णयों के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय की सहमति लेनी होती है. भारत एक केंद्र से काम नहीं कर सकता है. भारत तब काम करता है जब कई लोग मिलकर बोझ उठा रहे हों.
आरबीआई के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन ने कहा कि देश की वृद्धि दर ऐसे समय में गिरने लगी जब वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर गति पकड़ रही थी. मौजूदा आर्थिक वृद्धि दर संतोषजनक नहीं है.
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि नोटबंदी का लक्ष्य सरकार द्वारा नकदी को ज़ब्त करना नहीं, संगठित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ना और करदाताओं की संख्या बढ़ाना था. पी. चिदंबरम ने कहा कि नोटबंदी से पहले का अपना बयान याद करें जेटली.