शीर्ष अदालत ने एनआरसी समन्वयक और भारत के महापंजीयक के मीडिया को बयान देने के अधिकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें भविष्य में एनआरसी मुद्दे पर मीडिया से बात करने से पहले अनुमति लेनी होगी.
राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर को लेकर असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आमने-सामने. ममता के ख़िलाफ़ पांच और सोनोवाल के ख़िलाफ़ दो केस दर्ज.
असम के राज्यपाल प्रो. जगदीश मुखी ने कहा कि एनआरसी को आधार से जोड़ा जाना चाहिए जिससे भारत में विदेशी नागरिकों का एक राज्य से दूसरे राज्य में जाकर बसना भी मुमकिन न हो पाए.
असम की पहली महिला मुख्यमंत्री सैयदा तैमूर पिछले कुछ सालों से आॅस्ट्रेलिया में रह रही हैं. उन्होंने कहा कि यह निराशाजनक है कि मेरा नाम सूची में नहीं है.
असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर को लेकर भाजपा पूरे देश में अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने को तैयार है. लेकिन सही मायने में केंद्र सरकार को देश की जनता एवं संसद को यह बताना चाहिए कि उसकी कार्ययोजना इस सूची से बाहर किए गए 40 लाख लोगों को लेकर क्या रहेगी.
असम में एनआरसी मसौदा जारी होने के बाद से भाजपा नेता देश के विभिन्न राज्यों में एनआरसी की मांग कर रहे हैं. वहीं भाजपा महासचिव राम माधव का कहना है कि देश भर से रोहिंग्या घुसपैठियों को डिपोर्ट किया जाएगा.
असम देश का इकलौता राज्य है, जहां राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर यानी एनआरसी बनाया जा रहा है. एनआरसी क्या है? असम में ही इसे क्यों लागू किया गया है और इसे लेकर विवाद क्यों है?
मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि जनप्रतिनिधित्व कानून 1950 के तहत मतदाता के पंजीकरण के लिए तीन जरूरी अनिवार्यताओं में आवेदक का भारत का नागरिक होना, न्यूनतम आयु 18 साल होना और संबद्ध विधानसभा क्षेत्र का निवासी होना शामिल है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वह राजनीतिक फ़ायदे के लिए असम में लाखों लोगों को राज्य विहीन करने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस ने कहा, भारी संख्या में भारतीयों को अपने ही देश में शरणार्थी बना दिया गया.
एनआरसी को लेकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बयान पर राज्यसभा में हंगामा, कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित हुई.
एनआरसी को लेकर विपक्ष भाजपा सरकार पर हमलावर. ममता बनर्जी ने पूछा, जिन 40 लाख लोगों के नाम रजिस्टर में नहीं है वे कहां जाएंगे? क्या केंद्र के पास इन लोगों के लिए कोई पुनर्वास कार्यक्रम है?
30 जुलाई को जारी होने वाले एनआरसी के फाइनल ड्राफ्ट को लेकर सरकार का आश्वासन, मिलेंगे नागरिकता साबित करने के पर्याप्त अवसर. इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में असम, त्रिपुरा, मणिपुर, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश के प्रमुख समाचार.
साक्षात्कार: पूर्वोत्तर राज्यों पर लिखी संजय हज़ारिका की नई किताब 'स्ट्रेंजर्स नो मोर' पिछली किताब ‘स्ट्रेंजर्स ऑफ द मिस्ट’ के करीब 25 साल बाद आई है. इस बीच इस क्षेत्र ने कई बदलाव देखे, लेकिन हज़ारिका का मानना है कि यहां के मूल मुद्दे अब भी वही हैं, जो तब थे.
30 जून को सौंपा जाना था मसौदा, लेकिन राज्य में बाढ़ के हालात के चलते हुई देरी. कोर्ट ने 30 जुलाई तक समय सीमा बढ़ाई.
राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर में कई प्रतिष्ठित सियासतदानों के नाम नहीं. असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि जिनका नाम नहीं उन्हें नागरिकता साबित करने का मौका मिलेगा.