केंद्रीय एजेंसियों के कथित ‘दुरुपयोग’ पर विपक्षी दलों की याचिका पर कार्रवाई नहीं करेगा चुनाव आयोग

चुनाव के पहले महीने में आदर्श आचार संहिता लागू करने पर अपना रिपोर्ट कार्ड सार्वजनिक करते हुए निर्वाचन आयोग ने कहा कि वह सीबीआई, ईडी और एनआईए जैसी केंद्रीय एजेंसियों के कथित दुरुपयोग पर कार्रवाई की विपक्षी दलों की याचिका पर कोई क़दम नहीं लेगा क्योंकि वह क़ानूनी प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करना चाहता.

भारत में कौन जनतंत्र को ज़िंदा रखना चाहता है

चुनाव के साफ़ सुथरा और निष्पक्ष होने में विपक्ष के अलावा जनता को दिलचस्पी होनी चाहिए. आशा की जाती है कि जब शासक दल निरंकुश होने लगे तो राज्य की बाक़ी संस्थाएं मिलकर जनतांत्रिक प्रक्रियाओं की हिफ़ाज़त करेंगी. लेकिन जान पड़ता है राज्य की सभी संस्थाओं ने भाजपा में अपना विलय कर दिया है.

मोदी सरकार को ख़ामियों वाली अग्निवीर योजना के लिए युवाओं से माफ़ी मांगनी चाहिए: कांग्रेस अध्यक्ष

हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि सरकार ज़रूरत पड़ने पर अग्निवीर योजना में बदलाव करने के लिए तैयार है. इस पर प्रतिक्रिया देते हए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि इससे पता चलता है कि मोदी सरकार द्वारा लाखों देशभक्त युवाओं पर थोपी गई अग्निवीर योजना अब काम नहीं कर रही है.

‘एनडीए अब गठबंधन नहीं भाजपा के वर्चस्व वाला जमावड़ा है, जिसमें अधिकतर घटक दल मजबूरी में हैं’

साक्षात्कार: डाॅ. रामबहादुर वर्मा जाने-माने राजनीति विज्ञानी, लेखक व स्तंभकार हैं, जो राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय राजनीति के दो टूक विश्लेषण के लिए जाने जाते हैं. 2024 लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र उनसे बातचीत.

क्या चुनाव आयोग वाकई में निष्पक्ष है?

वीडियो: 18वीं लोकसभा के लिए चुनावों की घोषणा करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कई बार दोहराया कि लोकतंत्र के लिए निष्पक्षता ज़रूरी है, लेकिन क्या देश के सभी राजनीतिक दलों के लिए आगामी लोकसभा चुनाव 'लेवल प्लेयिंग फील्ड' है? इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान का नज़रिया.

सीएए के विरोध में बंद का आह्वान करने वाली पार्टियों का रजिस्ट्रेशन रद्द हो सकता है: असम सीएम

असम में विपक्षी दलों, छात्रों और अन्य संगठनों ने सीएए के ख़िलाफ़ तीव्र विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है. मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि हर किसी को विरोध करने का अधिकार है, पर यदि कोई राजनीतिक दल हाईकोर्ट के बंद पर रोक के आदेश की अवहेलना करता है, तो उसका पंजीकरण रद्द किया जा सकता है.

एक देश, एक चुनाव के विरोध में बसपा, कोविंद की अध्यक्षता वाले पैनल से नहीं की मुलाकात

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अगुवाई वाली समिति ने बीते अक्टूबर में सभी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों को पत्र लिखकर एक साथ चुनाव कराने पर अपने विचार भेजने को कहा था. पार्टियों के लिए अपना लिखित जवाब भेजने की आखिरी तारीख 18 जनवरी थी, जिसके बाद कई पार्टियों के नेताओं ने कोविंद से मुलाकात की थी.

अछूत का मतलब दलित नहीं है, कांग्रेस हर बात का राजनीतिकरण करती है: केसी त्यागी

वीडियो: बिहार में नीतीश कुमार फिर एक बार दल बदलकर सरकार बनाने के बाद उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कांग्रेस को 'अछूत' कहा था. इस बदलाव और उनकी टिप्पणी को लेकर उनसे द वायर की श्रावस्ती दासगुप्ता की बातचीत.

वीवीपैट पर इंडिया गठबंधन दलों से मिलने से चुनाव आयोग का इनकार दुर्भाग्यपूर्ण है: जयराम रमेश

विपक्ष के इंडिया गठबंधन की ओर से ईवीएम और वीवीपैट को लेकर चुनाव आयोग को एक और पत्र लिखकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि यह सभी पार्टियों के लिए ‘गंभीर चिंता’ का विषय है. विपक्ष आयोग से ईवीएम पर अपने संदेहों पर चर्चा और वीवीपैट (वोटर वेरि​फिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) की ‘100% गिनती’ करने की मांग लगातार कर रहा है.

अहंकारी भाजपा सरकार के ख़िलाफ़ न्याय की जीत: बिलक़ीस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर विपक्ष

बीते सोमवार को बिलक़ीस बानो के सामूहिक बलात्कार और उनके परिजनों की हत्या के 11 दोषियों की सज़ामाफ़ी और रिहाई को रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि गुजरात सरकार के पास दोषियों को समय से पहले रिहा करने का हक़ नहीं है. अदालत ने दोषियों को दो हफ्ते के अंदर वापस जेल में आत्मसमर्पण करने का भी निर्देश दिया था.

अरुणाचल सरकार ने ‘धोखाधड़ी’ के आरोप में शिक्षा विभाग में नियुक्त 256 लोगों को बर्ख़ास्त किया

इन 256 लोगों को अरुणाचल प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा 2018 और इस साल की शुरुआत के बीच शिक्षा विभाग में विभिन्न पदों पर नियुक्त किया गया था. सबसे अधिक 101 कर्मचारियों को सियांग ज़िले में बर्ख़ास्त किया गया है. इसके बाद चांगलांग ज़िले में 72 और अंजाव ज़िले में 26 कर्मचारियों को बर्ख़ास्त किया गया है.

जब सांप्रदायिकता और पत्रकारिता में भेद मिट जाए, तब इसका विरोध कैसे करना चाहिए?

जब पत्रकारिता सांप्रदायिकता की ध्वजवाहक बन जाए तब उसका विरोध क्या राजनीतिक के अलावा कुछ और हो सकता है? और जनता के बीच ले जाए बग़ैर उस विरोध का कोई मतलब रह जाता है? इस सवाल का जवाब दिए बिना क्या यह समय बर्बाद करने जैसा नहीं है कि 'इंडिया' गठबंधन का तरीका सही है या नहीं.

‘इंडिया’ गठबंधन के नफ़रती एंकरों का बहिष्कार करने से क्या फ़र्क़ पड़ेगा?

वीडियो: विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन ने चौदह न्यूज़ एंकरों के नामों की घोषणा करते हुए कहा है कि इनके शो पर गठबंधन में शामिल कोई भी दल अपना प्रतिनिधि नहीं भेजेगा. इस बारे में कांग्रेस प्रवक्ता आलोक शर्मा से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

‘भड़काऊ बहसें’ आयोजित करने वाले टीवी शो का बहिष्कार करेगा ‘इंडिया’ गठबंधन

इंडिया 'गठबंधन' की समन्वय समिति की पहली बैठक बुधवार को नई दिल्ली में एनसीपी प्रमुख शरद पवार के आवास पर हुई थी, जहां 12 दलों के नेताओं के बीच जाति जनगणना के मुद्दे पर आम सहमति बनी.

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