द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने हाल ही में संसद में बताया कि हरियाणा और गुजरात ने परंपरागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) के तहत पिछले तीन वर्षों में जैविक खेती के लिए प्राप्त राशि में से एक भी पैसा ख़र्च नहीं किया. हरियाणा और गुजरात को क्रमशः 5.05 लाख रुपये और 10.10 लाख रुपये मिले थे.
नीति आयोग की एक रिपोर्ट में सिफ़ारिश की गई है कि केंद्र गोशालाओं को पूंजी सहायता के माध्यम से मदद करे, ताकि वे कृषि में अनुप्रयोगों के लिए गाय के गोबर और गोमूत्र-आधारित फॉर्मूलों का विपणन कर सकें.
एक्सक्लूसिव: जिस समय किसान आंदोलन शुरू हुआ, तब वित्त मंत्रालय ने कृषि से जुड़ी खाद्य सुरक्षा मिशन, सिंचाई, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना जैसी कई महत्वपूर्ण योजनाओं के बजट घटाने को कहा था. व्यय विभाग ने राज्यों को दालें वितरित करने वाली योजना को कृषि मंत्रालय के बजट में शामिल करने पर सवाल उठाए थे.
भाजपा सांसद मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 तक चावल के उत्पादन में चार से छह प्रतिशत, आलू में 11 प्रतिशत, मक्का में 18 प्रतिशत और सरसों के उत्पादन में दो प्रतिशत तक की कमी संभावित है. इसके अलावा एक डिग्री सेल्सियस तक तापमान वृद्धि के साथ गेंहू की उपज में 60 लाख टन तक कमी आ सकती है.
विशेष रिपोर्ट: कृषि मंत्रालय ने वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता वाली संसद की प्राक्कलन समिति को बताया कि अगर समय रहते प्रभावी कदम नहीं उठाए गए तो धान, गेहूं, मक्का, ज्वार, सरसों जैसी फसलों पर जलवायु परिवर्तन का काफी बुरा प्रभाव पड़ सकता है. समिति ने इस समस्या को हल करने के लिए सरकार की कोशिशों को नाकाफी बताया है.