कश्मीर से ग्राउंड रिपोर्ट: ‘अब यहां मरने से कोई नहीं डरता’

साक्षात्कार: एनकाउंटर में मारे गए आतंकी संगठन हिज़बुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी के पिता मुज़फ़्फ़र अहमद वानी से बातचीत.

भाजपा ने कारगिल के शहीदों का इस्तेमाल अपने राजनीतिक फ़ायदे के लिए किया

बहादुर सैनिकों की शहादत पवित्र श्रद्धांजलि की हक़दार है, लेकिन अगर सरकार ने हालात को ज़्यादा सक्षम तरीके से संभाला होता, तो शायद आज वे ज़िंदा होते.

पनामा पेपर मामले में नवाज़ शरीफ़ दोषी, छोड़ना होगा प्रधानमंत्री पद

पाकिस्तान की सर्वोच्च अदालत ने शुक्रवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए मामले में नवाज़ शरीफ़ को प्रधानमंत्री पद और इशाक़ डार को वित्त मंत्री पद के लिए अयोग्य ठहराया.

मोदी के अमेरिका दौरे से देश को क्या हासिल हुआ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया अमेरिका दौरे से देश को क्या कोई फायदा होगा? द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.  

साक्षात्कार: पुरुषों को यह समझना होगा कि पितृसत्ता ने उन्हें अमानवीय बना दिया है

भूमंडलीकरण, भारत-पाक संबंध, दक्षिण एशिया में नारीवाद व पितृसत्ता आदि विषयों पर समाजविज्ञानी व नारीवादी​ चिंतक कमला भसीन से विस्तृत बातचीत.

अरुंधति रॉय वाली ख़बर फ़र्ज़ी थी तो भी मुझे कोई खेद नहीं है: परेश रावल

परेश रावल ने कहा, 'अगर उन्हें सेना की जीप से बांधा जाता तो पथराव करने वाला कोई भी व्यक्ति उन पर हमला नहीं करता क्योंकि वह उनकी विचारधारा का समर्थन करती हैं.'

जिस ख़बर के आधार पर परेश रावल और मीडिया ने अरुंधति पर हमला बोला, वो फर्ज़ी थी

परेश रावल और उनके समर्थकों का कहना था कि उनका गुस्सा अरुंधति रॉय की कश्मीर पर की गई हालिया टिप्पणी पर था. पर असलियत ये है कि अरुंधति ने ये टिप्पणी कभी की ही नहीं थी.

हिंदुस्तान-पाकिस्तान के बीच 1947 में हुआ बंटवारा आज भी जारी है

निदा किरमानी मूल रूप से हिंदुस्तान और पाकिस्तान दोनों देशों से हैं. वे सोचती थीं कि क्यों कभी उन्हें इनमें से किसी एक को चुनना होगा? पर बीते दिनों उन्हें एक देश चुनने पर मजबूर होना पड़ा.

सीमा पर 42 गांवों में पाकिस्तानी गोलीबारी, लगातार चौथे दिन संघर्ष विराम का उल्लंघन

सर्जिकल स्ट्राइक को चुनावों में ख़ूब भुनाया गया. सरकार का दावा था कि अब पाकिस्तान की ओर से हमलों और पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद पर लगाम लग जाएगी. लेकिन हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं.

मंटो: हम लिखने वाले पैग़ंबर नहीं…

‘पहले तरक़्क़ीपसंद मेरी तहरीरों को उछालते थे कि मंटो हममें से है. अब यह कहते हैं कि मंटो हम में नहीं है. मुझे ना उनकी पहली बात का यक़ीन था, ना मौजूदा पर है. अगर कोई मुझसे पूछे कि मंटो किस जमायत में है तो अर्ज़ करूंगा कि मैं अकेला हूं...’

टोबा टेक सिंह: जहां आज भी बसती है सांप्रदायिक सद्भाव की विरासत

भारत में हम टोबा टेक सिंह को महान कहानीकार सआदत हसन मंटो के मार्फ़त जानते हैं. ‘टोबा टेक सिंह’ विभाजन पर मंटो की सबसे प्रसिद्ध और त्रासद कहानियों में से एक है.

हर दिन कम से कम एक बार पाकिस्तानी सेना कर रही है संघर्षविराम का उल्लंघन: गृह मंत्रालय

सरकार भले ही ये दावा करे कि आतंकी घटनाओं में कमी आई है, लेकिन एक आरटीआई के मुताबिक देश में हर दूसरे दिन एक आतंकी वारदात को अंजाम दिया गया है.

दक्षिण एशिया उपग्रह: अंतरिक्ष कूटनीति की यह जीत हाथी पालने के बराबर तो नहीं?

इसमें संदेह नहीं कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की क्षमताएं उच्च स्तर की हैं, इसके बावजूद कई संचार उपग्रह जैसे एडुसैट कई साल बाद भी अपने लक्ष्यों को पूरा नहीं कर सका है.