जम्मू कश्मीर प्रशासन ने एक आदेश में कहा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत भूमिहीनों के लिए भूमि केवल इस केंद्रशासित प्रदेश के निवासियों को ही दी जाएगी. वहीं पीडीपी ने प्रशासन पर भूमिहीनों को ज़मीन देने की इस योजना की आड़ में बाहरी लोगों को बसाने का आरोप लगाया है.
पीडीपी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती की यह प्रतिक्रिया जम्मू कश्मीर बैंक द्वारा अपने मुख्य प्रबंधक सज्जाद अहमद बज़ाज़ को कथित तौर पर ‘राज्य की सुरक्षा के लिए ख़तरा’ होने के आरोप में बर्ख़ास्त करने के एक दिन बाद आई है.
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महबूबा मुफ़्ती के नेतृत्व वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने अपने मासिक न्यूज़लेटर में कहा है कि यहां की मुख्यधारा की राजनीति को ख़त्म करने के साथ कश्मीर के प्रति भारत सरकार का कठोर रवैया कट्टरता के लिए उपजाऊ ज़मीन तैयार कर रहा है, जहां आज़ादी की भावना पहले से कहीं अधिक मज़बूत हुई है.
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) का अधिकारी बनकर जम्मू कश्मीर के दौरे कर रहे गुजरात के ठग किरण पटेल की ठगी का तो पर्दाफ़ाश हो गया है, लेकिन बड़ी ठगी जम्मू कश्मीर में स्थिति को सामान्य रूप में पेश करने की है, जबकि वास्तविक हालात अलग हैं.
जम्मू कश्मीर में विधानसभा और लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्निर्धारण के लिए परिसीमन आयोग के गठन के सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं में कहा गया था कि परिसीमन की कवायद संविधान की भावनाओं के विपरीत की गई थी और इस प्रक्रिया में सीमाओं में परिवर्तन तथा विस्तारित क्षेत्रों को शामिल नहीं किया जाना चाहिए था.
जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख हाईकोर्ट ने पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की मां गुलशन नज़ीर की याचिका पर सुनवाई करते हुए पासपोर्ट जारी करने से मना करने पर अधिकारियों को फटकार लगाई. अदालत ने कहा कि जब एक प्राधिकार को शक्ति दी गई है तब इसका उपयोग न्यायपूर्ण तरीके से होना चाहिए, मनमाने तरीके से नहीं.
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने प्रधान न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया कि 2019 के बाद से जम्मू कश्मीर के प्रत्येक निवासी के मौलिक अधिकारों को मनमाने ढंग से निलंबित कर दिया गया है और विलय के समय दी गई संवैधानिक गारंटी को अचानक असंवैधानिक रूप से निरस्त कर दिया गया.
जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा है कि हर परिवार के लिए एक यूनिक आईडी पेश की जाएगी. इससे परिवारों के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ लाभार्थियों तक अपने आप पहुंच जाएगा. विपक्षी दलों ने कहा कि प्रशासन कर्मचारियों को डेटा संग्रह में व्यस्त रख रहा है, जबकि लोगों मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं.
जम्मू प्रशासन ने मंगलवार को अधिकृत तहसीलदारों को एक वर्ष से अधिक समय से शीतकालीन राजधानी में रहने वाले लोगों को आवासीय प्रमाणपत्र जारी कर ख़ुद को मतदाता के तौर पर रजिस्टर कराने का अधिकार दिया था. भाजपा को छोड़कर सूबे के सभी दलों ने इसका विरोध किया था.
शहरी क्षेत्रों में बीयर और रेडी-टू-ड्रिंक पेय बेचने के लिए विभिन्न डिपार्टमेंटल स्टोर को अधिकृत करने के जम्मू कश्मीर प्रशासन के फैसले का ज़िक्र करते हुए पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि यह मुसलमानों की भावनाएं आहत करने के लिए किया गया है. भाजपा और कांग्रेस ने भी इस क़दम की आलोचना की है.
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि हमारे हज़ारों युवा जेलों में हैं, धार्मिक विद्वानों के यहां छापा डाला जाता है. सरकार दावा करती रहती है कि जम्मू कश्मीर में स्थिति सुधर गई है. अगर स्थिति सुधर गई होती तो इतने अधिक मानवाधिकार उल्लंघन नहीं होते.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू कश्मीर की मतदाता सूची में ग़ैर-स्थानीय लोगों को शामिल किया जाना यहां के राजनीतिक दलों को स्वीकार्य नहीं है और यह यहां की पहचान को ख़त्म कर देगा. विधानसभा बाहरी लोगों के हाथों में होगी और यहां के लोग वंचित होंगे.
बीते दिनों गिरफ़्तार किए गए लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर तालिब शाह के भाजपा के जम्मू प्रांत का आईटी और सोशल मीडिया सेल प्रभारी होने की ख़बर के बाद पार्टी ने जम्मू कश्मीर अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष को नोटिस जारी कर इस बारे में जवाब देने को कहा है. वहीं, विभिन्न दलों ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है.
केंद्रीय क़ानून मंत्रालय ने एक गजट अधिसूचना में कहा है कि परिसीमन आयोग के आदेश 20 मई से प्रभावी हो गए हैं. जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के तहत गठित आयोग के आदेशों के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश में 90 विधानसभा क्षेत्र होंगे, जिनमें से जम्मू संभाग में 43 और कश्मीर में 47 होंगी. इनमें से नौ सीट अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित होंगी. पूर्ववर्ती विधानसभा में 87 सीटें थीं, जिनमें से कश्मीर में 46, जम्मू में 37 और