उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाथरस जाने के रास्ते में केरल के एक पत्रकार और कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया के तीन सदस्यों को गिरफ़्तार किया था. इन पर राजद्रोह और यूएपीए के तहत पहले ही मामला दर्ज किया गया है.
हाथरस गैंगरेप को लेकर विरोध-प्रदर्शन करने के लिए पीएफआई द्वारा फंडिंग किए जाने के दावे किए गए थे. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ईडी ने कहा है कि संगठन द्वारा 100 करोड़ रुपये की फंडिंग किए जाने की बात सच नहीं है.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने सोमवार को हाथरस जाने के रास्ते में केरल के एक पत्रकार, दो सीएफआई सदस्यों और एक अन्य व्यक्ति को गिरफ़्तार किया था. स्थानीय अदालत में पेश किए जाने के बाद इन सभी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने सोमवार को हाथरस जा रहे केरल के एक पत्रकार सिद्दीकी कप्पन समेत चार लोगों को गिरफ़्तार करते हुए उनके पीएफआई से जुड़े होने की बात कही थी. पत्रकार संगठनों ने कप्पन की अविलंब रिहाई की मांग करते हुए कहा है कि मीडिया को उसका काम करने से रोकने का प्रयास हो रहा है.
बीते 22 दिसंबर को एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि पिछले पांच सालों की उनकी सरकार में एनआरसी पर कोई चर्चा नहीं हुई है. उन्होंने कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों पर लोगों में भ्रम पैदा करने का आरोप लगाया था.
एक साक्षात्कार में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि एनपीआर आंकड़ों का इस्तेमाल कभी भी एनआरसी के लिए नहीं किया जा सकता है. यहां तक कि कानून भी अलग-अलग हैं…मैं सभी लोगों, खासकर अल्पसंख्यकों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि एनपीआर का इस्तेमाल एनआरसी के लिए नहीं किया जाएगा. यह एक अफवाह है.
वीडियो: केंद्र सरकार ने बीते दिनों नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर यानी एनपीआर अपडेट करने और जनगणना 2021 की शुरुआत करने को मंज़ूरी दे दी है. इसके बाद ही बहस शुरू हो गया कि यह देशभर में एनआरसी लाने का पहला क़दम है, जिसका विरोध हो रहा है. इस बारे में विस्तृत जानकारी दे रहे हैं सुप्रीम कोर्ट के वकील शादान फरासत.
एक तरफ सरकार जहां इस बात से इनकार कर रही है कि एनपीआर और एनआरसी में कोई संबंध है, वहीं अपने पहले कार्यकाल में नरेंद्र मोदी सरकार ने संसद में कम से कम नौ बार बताया था कि एनआरसी को एनपीआर आंकड़ों के आधार पर पूरा किया जाएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को अपडेट करने की मंज़ूरी दे दी है. विपक्ष ने इसे देशव्यापी एनआरसी की तरफ सरकार का पहला कदम बताया है.
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को लेकर राज्यों के विरोध के बीच गृह मंत्रालय ने इसे अपडेट करने के लिए कैबिनेट से करीब चार करोड़ करोड़ रुपये मांगे हैं. साथ ही अब से इस प्रक्रिया में माता-पिता का जन्मस्थान और जन्मतिथि भी बतानी होगी, जो पिछले एनपीआर में नहीं पूछा जाता था.
सुप्रीम कोर्ट के कहने पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने केरल में कथित लव जिहाद के मामलों की जांच करते हुए 11 अंतरधार्मिक शादियों की पड़ताल की थी. एजेंसी का कहना है कि किसी भी मामले में जबरन धर्म परिवर्तन नहीं हुआ है.
झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के 21 फरवरी, 2018 के उस फैसले को ख़ारिज कर दिया जिसमें पीएफआई पर यह तर्क देते हुए प्रतिबंध लगाया गया था कि संगठन आईएसआईएस की विचारधारा से प्रेरित है.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हादिया ने कहा कि संविधान हर किसी को अपना धर्म चुनने की आज़ादी देता है, लेकिन मेरे साथ यह सब इसलिए हुआ क्योंकि मैंने इस्लाम को अपनाया.