उत्तर प्रदेश के कासगंज ज़िले में एक नाबालिग लड़की के गुमशुदगी के सिलसिले में हिरासत में लिए गए अल्ताफ़ बीते साल नवंबर में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई थी. पुलिस ने इसे ख़ुदकुशी बताया था जबकि मृतक के परिजनों ने पुलिस द्वारा बेरहमी से पीटे जाने से अल्ताफ़ की मौत होने का आरोप लगाया था.
मामला लखीमपुर खीरी ज़िले की संपूर्णानगर कोतवाली के कमलापुरी गांव का है, जहां के एक 17 वर्षीय युवक को मोबाइल चोरी के आरोप में खजुरिया चौकी में हिरासत में लिया गया था. आरोप है कि वहां उसकी बेरहमी से पिटाई की गई, जिसके बाद युवक ने एक निजी अस्पताल में दम तोड़ दिया.
तमिलनाडु के सेलम ज़िले के रहने वाले प्रभाकर और उनकी पत्नी को चोरी के संदेह में तीन थानों की पुलिस उनके घर से मारपीट करके जबरन उठा ले गई थी. चार दिन बाद पुलिस ने उनके परिवार को सूचित किया कि प्रभाकर अस्पताल में हैं और उसकी हालत गंभीर है. हिरासत में प्रताड़ना के आरोपों के बीच तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है.
इस महीने की शुरुआत में लूट के एक आरोपी के शरीर पर चोटों के निशान देखने के बाद एक जज ने बेगमपुर पुलिस थाने के कर्मचारियों के ख़िलाफ़ जांच शुरू करने का आदेश दिए थे. अब अदालत ने आरोपी को हिरासत में प्रताड़ित करने, उनके परिवार की महिलाओं से छेड़छाड़ के लिए कई पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है.
एनसीआरबी और क्राइम इन इंडिया की 2001-2020 की रिपोर्ट्स से तैयार किया गया डेटा बताता है कि कुल 1,888 में से 893 में पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किए गए और 358 के ख़िलाफ़ आरोपपत्र दायर हुए. हालांकि इन सालों में केवल छब्बीस पुलिसकर्मियों को दोषी साबित किया जा सका.
उत्तर प्रदेश के कासगंज में एक नाबालिग लड़की के 'गुमशुदगी' के सिलसिले में अल्ताफ़ नाम के युवक को हिरासत में लिया गया था, जहां उनकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. पुलिस ने बताया है कि लड़की 12 नवंबर को कासगंज रेलवे स्टेशन पर मिली.
वीडियो: उत्तर प्रदेश के कासगंज ज़िले में एक ‘गुमशुदा’ लड़की के मामले में हिरासत में लिए गए 22 वर्षीय युवक अल्ताफ़ की पुलिस थाने में बीते 8 नवंबर को मौत हो गई थी. इसे लेकर एक एसएचओ समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. पुलिस का दावा है कि अल्ताफ़ ने शौचालय के नल की टोटी से फांसी लगाकर आत्महत्या की है.
नौ नवंबर को कासगंज में अल्ताफ़ नाम के युवक की पुलिस हिरासत में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. पुलिस ने इसे ख़ुदकुशी बताया है जबकि मृतक के परिजनों ने पुलिस द्वारा बेरहमी से पीटे जाने से मौत होने का आरोप लगाया है.
नौ नवंबर को कासगंज में अल्ताफ़ नाम के युवक की पुलिस हिरासत में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. पुलिस ने इसे ख़ुदकुशी बताया है जबकि मृतक के परिजनों ने पुलिस द्वारा बेरहमी से पीटे जाने से मौत होने का आरोप लगाया है. अल्पसंख्यक आयोग ने मामले में यूपी प्रशासन से रिपोर्ट तलब की है.
दिल्ली हाईकोर्ट दो लोगों की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिन्हें कथित तौर पर अवैध रूप से हिरासत में लिया गया और दिल्ली पुलिस के कर्मचारियों ने इस दौरान उन्हें बेरहमी से पीटा था. उनका यह भी आरोप है कि पुलिस की ज़्यादती को लेकर की गई उनकी शिकायत पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई.
नागरिक समाज संगठनों द्वारा मार्च 2017 और मार्च 2018 के बीच में उत्तर प्रदेश में पुलिस एनकाउंटर की 17 घटनाओं का अध्ययन किया गया है, जिसमें 18 लोगों की मौत हुई थी. इसमें से किसी में भी किसी पुलिसकर्मी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इन मामलों की जांच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी की थी. इनमें से 12 मामलों में आयोग ने पुलिस को क्लीनचिट दे दी है.
वीडियो: उत्तर-पूर्व दिल्ली की हामिदा इदरीसी का आरोप है कि बीते 30 अगस्त को उनके किरायेदार और पड़ोसियों के बीच झगड़ा हुआ था. उन्होंने बीच-बचाव कर मामला शांत करा दिया था. बाद में दयालपुर थाने के एसएचओ गिरीश जैन और अन्य पुलिसकर्मी उन्हें जबरन थाने ले गए और उनकी बेरहमी से पिटाई की गई. हालांकि पुलिस ने इन आरोपों का खंडन किया है.
मुस्लिम महिला का आरोप है कि बीते 30 अगस्त को उनके किरायेदार और पड़ोसियों के बीच झगड़ा हुआ था. उन्होंने बीच-बचाव कर मामला शांत करा दिया था. बाद में उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दयालपुर थाने के एसएचओ गिरीश जैन और अन्य पुलिसकर्मी उन्हें जबरन थाने ले गए और उनकी बेरहमी से पिटाई की गई. एचएचओ ने आरोपों का खंडन किया है.
एक पूर्व सैन्य अधिकारी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पीलीभीत ज़िले के पुलिसकर्मियों पर उन्हें और उनके परिवार से मारपीट और प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था. सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी ने पुलिसकर्मियों पर उन्हें अपमानित करने और आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाने के इरादे से उनके निजी अंग में डंडा डालकर उन्हें प्रताड़ित कर सभी हदें पार करने का आरोप लगाया है.
उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर ज़िले का मामला. एक नाबालिग लड़की के अपहरण के आरोपी दलित युवक की मां की शिकायत के आधार पर तीनों पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ हत्या का मामला दर्ज करने के साथ उन्हें निलंबित कर दिया गया है. शिकायतकर्ता का कहना है कि तीनों पुलिसकर्मियों ने उनके बेटे को मारने की मंशा से उसका गला घोंटा और डंडे से बेरहमी से उसकी पिटाई की, जिससे उसकी मौत हो गई.