क्या नया हिंदू पूरी तरह धर्म-विहीन हो चुका है?

इस नए हिंदू अधिकार के सहारे कोई हिंदू किसी मुसलमान से किसी भी विषय में पूछताछ कर सकता है. उसे ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाने को बाध्य कर सकता है, किसी मुसलमान का टिफ़िन खोलकर देख सकता है, उसके फ्रिज की जांच कर सकता है, उसकी नमाज़ को बाधित कर सकता है.

बहराइच हिंसा: पांच आरोपियों की गिरफ़्तारी, पुलिस की गोली लगने से दो आरोपी घायल

उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बयान में कहा है कि जब पुलिस सुराग के आधार पर हत्या में इस्तेमाल हथियारों की बरामदगी के लिए गई तो बहराइच हिंसा के आरोपी मोहम्मद सरफराज़ और मोहम्मद तालिब ने गोलियां चलाना शुरू कर दीं. जवाबी कार्रवाई में दोनों घायल हो गए.

उत्तराखंड: बाबा तरसेम सिंह की हत्या के मुख्य आरोपी की पुलिस एनकाउंटर में मौत

नानकमत्ता गुरुद्वारे के 'कारसेवा' प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की 28 मार्च को उधम सिंह नगर के नानकमत्ता गुरुद्वारे में दो बाइक सवार हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. हत्या के कुछ दिनों बाद पुलिस ने पूर्व आईएएस अधिकारी हरबंश सिंह चुघ और दो अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.

यूपी: अतीक़ अहमद के बेटे का पुलिस एनकाउंटर योगी सरकार में हुई 183वीं ऐसी घटना है

19 मार्च 2017 को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद से योगी आदित्यनाथ ने पुलिस एनकाउंटर को अपना राजनीतिक समर्थन दिया है. मुख्यमंत्री के लिए यह अपराध पर नकेल कसने, जो उनकी सरकार का प्रमुख मुद्दा है, का सबसे शक्तिशाली हथियार है. उन्होंने इसे एक निवारक उपाय भी माना है.

बीते दो सालों में पुलिस हिरासत में 4,484 मौतें, उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक: केंद्र सरकार

लोकसभा में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि देश भर में साल 2020 में हिरासत में मौत के 1,940 और साल 2021 में 2,544 मामले दर्ज किए गए. सरकारी डेटा के अनुसार, साल 2020 में पुलिस एनकाउंटर में मौत के 82 और साल 2021 में 151 मामले दर्ज किए गए.

असम: हिरासत से कथित तौर पर भागने की कोशिश कर रहे दो लोगों की पुलिस गोलीबारी में मौत

असम के कछार ज़िले का मामला. बीते जून महीने में असम सरकार ने गुवाहाटी हाईकोर्ट को बताया था कि मई 2021 में हिमंता बिस्वा शर्मा के असम का मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद से 13 महीनों में पूरे राज्य में हिरासत से कथित तौर पर भागने के प्रयास के दौरान पुलिस कार्रवाई की कुल 161 घटनाएं हुईं, जिनमें 51 आरोपियों की मौत हो गई.

13 महीनों में असम पुलिस की कार्रवाई में 51 लोगों की मौत, 139 घायल: राज्य सरकार

असम सरकार ने गुवाहाटी हाईकोर्ट को बताया कि मई 2021 में मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा के कार्यभार संभालने के बाद 13 महीनों में पूरे राज्य में पुलिस कार्रवाई या मुठभेड़ की कुल 161 घटनाएं हुईं, जिनमें 51 आरोपियों की मौत हो गई और 139 अन्य घायल हो गए. हाईकोर्ट एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें अदालत की निगरानी में किसी स्वतंत्र एजेंसी से मुठभेड़ों की जांच कराने का अनुरोध किया गया है.

बांदा के आरटीआई कार्यकर्ता को यूपी पुलिस द्वारा एनकाउंटर किए जाने का डर

वीडियो: उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले में पत्रकार और आरटीआई कार्यकर्ता आशीष सागर दीक्षित को पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर बना दिया है. उनका आरोप है कि अब उन्हें गिरफ़्तार करने की साज़िश रची जा रही है.

असम: पूर्व छात्र नेता को पुलिस ने गोली मारी, परिजनों के ज़्यादती के आरोपों के बीच जांच के आदेश

पुलिस का आरोप है कि नागांव कॉलेज के पूर्व सचिव कीर्ति कमल बोरा एक ड्रग रैकेट में शामिल थे और उन्होंने पुलिस पर हमला किया, इसलिए उन पर आत्मरक्षा में गोली चलाई गई. बोरा के परिजनों का कहना है कि उन्हें फ़र्ज़ी आरोप में फंसाया जा रहा है. विपक्ष ने इस घटना को राज्य में 'पुलिसराज का ख़तरनाक नतीजा' कहा है.

असम: हिमंता सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के बाद पुलिस कार्रवाई में हुई 28 आरोपियों की मौत

हिमंता बिस्वा सरकार की अपराध को लेकर 'नरमी न बरतने' की नीति अपनाने के बाद मई से अब तक कम से कम 46 कथित अपराधी घायल हुए हैं. पुलिस आंकड़ों के मुताबिक़, मारे गए 28 आरोपियों में चार ड्रग तस्कर, सरकार के बेदख़ली अभियान के ख़िलाफ़ उतरे दो प्रदर्शनकारी, 11 'चरमपंथी' व 11 'अपराधी' शामिल हैं.

श्रीनगरः एनकाउंटर में तीन संदिग्ध आतंकियों की मौत, चश्मदीदों ने पुलिस के दावों पर संदेह जताया

श्रीनगर में 24 नवंबर की शाम पुलिस मुठभेड़ में तीन संदिग्ध आतंकियों को मार गिराया गया था, लेकिन स्थानीय लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि जिन लड़कों को पुलिस ने मुठभेड़ में मारा, वे निहत्थे थे और सड़क किनारे खड़े थे.

2002 एनकाउंटर: यूपी सरकार ने कोर्ट में कहा- देरी व निष्क्रियता के लिए नौ पुलिसकर्मी ज़िम्मेदार

यह मामला उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा साल 2002 में एक व्यक्ति की कथित मुठभेड़ से संबंधित है. शीर्ष अदालत ने इस साल सितंबर में इसे ‘बहुत गंभीर मामला’ क़रार देते हुए कहा था कि राज्य ने जिस ढिलाई के साथ मामले में कार्रवाई की ‘यह बताता है कि राज्य मशीनरी अपने पुलिस अधिकारियों का बचाव या सुरक्षा कैसे कर रही है.’

असम पुलिस को क़ानून के दायरे में अपराधियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की आज़ादीः मुख्यमंत्री

असम विधानसभा में राज्य में मुठभेड़ों की बढ़ती संख्याओं पर विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने बताया कि गत दो महीनों के दौरान पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में 15 कथित अपराधी मारे गए, जबकि 23 अन्य घायल हुए. ये मुठभेड़ कथित अपराधियों द्वारा पुलिस के हथियार छीनकर हमला करने और भागने की कोशिश के दौरान हुई. 

असम में पुलिस मुठभेड़ जारी, वकील ने एनएचआरसी में शिकायत दर्ज कर जांच की मांग की

वकील ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को दी गई अपनी शिकायत में दावा किया है कि पुलिस ने फ़र्ज़ी मुठभेड़ों में छोटे अपराधियों को गोली मारी है. हाल में ऐसी 20 से अधिक मुठभेड़ हुई हैं. सभी कथित अपराधी ड्रग डीलर, पशु तस्कर, डकैत जैसे छोटे किस्म के अपराधी थे, आतंकवादी नहीं थे. इनके हथियार चलाने के लिए प्रशिक्षित होने की संभावना भी नहीं थी.

हिमंता बिस्वा शर्मा के ‘अपराधियों को गोली मारो’ बयान के गंभीर नतीजे होंगे: कांग्रेस

असम में बीते दो महीने में कथित तौर पर हिरासत से भागने का प्रयास कर रहे क़रीब 12 संदिग्ध अपराधियों को मार गिराया गया है, जिसे लेकर विपक्ष के सवालों के बाद इन्हें उचित ठहराते हुए मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा था कि आरोपी पहले गोली चलाए या भागने की कोशिश करे, तो क़ानूनन पुलिस को गोली चलाने की अनुमति है.