देश के नेता विगत कोई बीस सालों के अथक प्रयास से समाज का इतना ध्रुवीकरण पहले ही कर चुके हैं कि आने वाले अनेक वर्षों तक उनकी चुनावी जीत सुनिश्चित है. फिर कुछ लोग अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न और उन्हें अपमानित करने के लिए जोशो-ख़रोश से क्यों जुटे हुए हैं?
इससे पहले धार्मिक नेता और ग़ाज़ियाबाद के डासना देवी मंदिर के प्रमुख पुजारी नरसिंहानंद सरस्वती के ख़िलाफ़ मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को कथित तौर पर आहत करने के लिए राजधानी दिल्ली में आप विधायक और दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष अमानतुल्ला ख़ान द्वारा बीते तीन अप्रैल को प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.
आप विधायक अमानतुल्ला ख़ान ने हिंदुत्वादी नेता और ग़ाज़ियाबाद स्थित डासना देवी मंदिर के पुजारी नरसिंहानंद सरस्वती के ख़िलाफ़ पैंगबर मुहम्मद और मुस्लिमों के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणी के आरोप में शिकायत दर्ज कराई है. नरसिंहानंद पिछले महीने तब चर्चा में आए थे, जब डासना मंदिर में पानी पीने के चलते 14 वर्षीय एक मुस्लिम लड़के की बर्बर पिटाई की गई थी.
ये बैनर दक्षिणपंथी समूह हिंदू युवा वाहिनी द्वारा लगाए गए जिसके सदस्यों का दावा है कि वे उत्तराखंड के सभी मंदिरों में ऐसे बैनर लगाएंगे. यह क़दम गाज़ियाबाद के डासना देवी मंदिर में एक मुस्लिम किशोर को पानी पीने के लिए प्रताड़ित किए जाने के बाद सामने आया है.
डासना की घटना से मालूम होता है कि जो हिंसा का निशाना बनाया गया है, पुलिस उसके साथ खड़ी हो सकती है. जिसने हिंसा की, पुलिस उसे खोजकर उसके साथ इंसाफ की प्रक्रिया शुरू कर सकती है. इंसानियत के बचे रहने की उम्मीद क़ानून या संविधान के बोध के जीवित और सक्रिय रहने पर ही निर्भर है.
उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद शहर के मंदिर से पानी पीने के लिए 14 वर्ष के एक मुस्लिम लड़के को गालियां देने और उसकी बर्बर पिटाई करने के आरोपी और उसके एक सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया गया है. मंदिर प्रबंधन की ओर से कहा गया है कि वह आरोपी की क़ानूनी मदद करेंगे.
ग़लत तरीके से बिना गुनाह के एक लंबा समय जेल में गुज़ारने वाले लोगों द्वारा झेली गई पीड़ा की जवाबदेही किस पर है? क्या यह वक़्त नहीं है कि देश में पुलिस प्रणाली और अपराध न्याय प्रणाली को लेकर सवाल खड़े किए जाएं?
कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन द्वारा के अध्ययन के अनुसार हर साल बाल यौन उत्पीड़न के क़रीब तीन हज़ार मामले सुनवाई के लिए अदालत नहीं पहुंच पाते क्योंकि पुलिस पर्याप्त सबूत न होने के कारण आरोपपत्र दायर करने से पहले ही जांच बंद कर देती है. इसमें 99 फीसदी मामले बच्चियों के यौन शोषण के ही होते हैं.
कोलकाता के कूधघाट इलाके में एक क्लब के पास ड्रेनेज सिस्टम के मरम्मत के दौरान यह घटना हुई. सात मज़दूर मेनहोल की सफाई के लिए उतरे थे. तीन घायल श्रमिकों का इलाज अस्पताल में चल रहा है.
मद्रास हाईकोर्ट ने साल 2013 में भूख हड़ताल में भाग लेने वाले शख़्स के ख़िलाफ़ आपराधिक कार्यवाही रद्द करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता ने भूख हड़ताल पर बैठकर केवल विरोध किया है जो आईपीसी की धारा 309 के तहत अपराध नहीं बनता है. आईपीसी की धारा 309 के तहत आत्महत्या का प्रयास अपराध है.
देश के 72वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर नगालैंड की राजधानी कोहिमा में आयोजित समारोह में राज्यपाल आरएन रवि ने कहा कि बंदूक द्वारा राजनीति के लिए कोई जगह नहीं है और जो लोग ऐसी राजनीति में विश्वास रखते हैं वह हमेशा लोकतंत्र से बाहर रहेंगे.
चित्तूर ज़िले में एक दंपति ने अपनी 22 और 27 वर्षीय बेटियों की कथित तौर पर इस उम्मीद में हत्या कर दी कि कलयुग, सतयुग में बदलने वाला है और दैवीय शक्ति से कुछ घंटों में वे वापस ज़िंदा हो जाएंगी. पुलिस ने बताया है कि यह दंपति काफ़ी शिक्षित हैं और स्थानीय संस्थानों में पढ़ाते हैं.
ग्राउंड रिपोर्ट: मुरैना ज़िले के मानपुर, छैरा समेत आसपास के कुछ गांवों में बीते हफ़्ते ज़हरीली शराब से 24 लोगों की मौत हो गई. इसके बाद ज़िले के ही तीन अन्य गांवों में पांच और लोगों की जान गई. ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में फल-फूल रहे अवैध शराब के धंधे के बारे में कई शिकायतें कीं, लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया.
मध्य प्रदेश के मुरैना ज़िले के बागचीनी और सुमावली थाना क्षेत्र का मामला. राज्य सरकार ने इस घटना के सभी पहलुओं पर जांच के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया है. मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि ऐसे मामलों में सीधे तौर पर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को ज़िम्मेदार ठहराया जाएगा.
घटना मुरैना ज़िले के बागचीनी और सुमावली थाना क्षेत्र की है. पुलिस के अनुसार कुछ ग्रामीणों ने सफ़ेद रंग की शराब का सेवन किया, जिसके बाद उनकी तबियत बिगड़ी. मामले में संबंधित थाना प्रभारी को सस्पेंड कर दिया गया है.