हाल ही में सामने आए एक वायरल वीडियो में दिल्ली पुलिस के सब-इंस्पेक्टर मनोज तोमर को शहर के इंद्रलोक इलाके में मक्की जामा मस्जिद के पास नमाज पढ़ने वालों को लात मारते देखा गया था. इस घटना से उपजे आक्रोश के बीच उन्हें निलंबित कर दिया गया था.
लोकसभा में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि देश भर में साल 2020 में हिरासत में मौत के 1,940 और साल 2021 में 2,544 मामले दर्ज किए गए. सरकारी डेटा के अनुसार, साल 2020 में पुलिस एनकाउंटर में मौत के 82 और साल 2021 में 151 मामले दर्ज किए गए.
गुजरात के वडोदरा शहर के नंदेसरी बाज़ार की घटना. एक पुलिसकर्मी सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में 13 वर्षीय बच्चे को कई बार थप्पड़ मारते दिखा था. वडोदरा के पुलिस उपायुक्त ने कहा कि इस तरह का दुर्व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. जांच के बाद सख़्त कार्रवाई की जाएगी.
एनसीआरबी और क्राइम इन इंडिया की 2001-2020 की रिपोर्ट्स से तैयार किया गया डेटा बताता है कि कुल 1,888 में से 893 में पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ केस दर्ज किए गए और 358 के ख़िलाफ़ आरोपपत्र दायर हुए. हालांकि इन सालों में केवल छब्बीस पुलिसकर्मियों को दोषी साबित किया जा सका.
फैक्ट चेक: बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले की घटनाओं के बाद से त्रिपुरा में बीते कुछ दिनों से मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाकर हिंसा के मामले सामने आ रहे हैं. इस बीच भगवा झंडा लिए लोगों के समूह में शामिल जय श्री राम का नारा लगा रहे एक पुलिसकर्मी के वीडियो को सोशल मीडिया पर साझाकर यह अफ़वाह उड़ाई जा रही है कि त्रिपुरा पुलिस मुस्लिमों को निशाना बनाने के लिए हिंदुओं की भीड़ की मदद कर रही है. हालांकि
उत्तर प्रदेश के जौनपुर ज़िले में 24 वर्षीय एक व्यक्ति की कथित तौर पर पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. इस मामले में अजय कुमार यादव ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया है कि पुलिस उनके भाई को 11 फरवरी, 2021 को जबरदस्ती अपने साथ ले गई और उन्हें थाने में रखा था. अगले दिन बताया गया कि उनके भाई की मौत हो गई है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 1997 में एक व्यक्ति की हिरासत में मौत के मामले में पुलिसकर्मी को ज़मानत देने से इनकार करते हुए यह टिप्पणी की. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि 28 दिसंबर, 1997 को कुछ पुलिसकर्मी उनके घर आए और उनके पिता को अपने साथ ले गए. उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके पिता को बेरहमी से पीटा गया, जिसकी वजह से थाने में ही उनकी मृत्यु हो गई.
मामला हरियाणा के फ़रीदाबाद ज़िले के बल्लभगढ़ का है. युवक-युवती ने परिवार की मर्ज़ी के बिना बीते फरवरी माह में प्रेम विवाह कर लिया था. दोनों ने अदालत से सुरक्षा की मांग भी की थी.