उत्तर प्रदेश के ज़िला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में तिकड़म, धनबल, दबाव आदि के सहारे मिली जीत को जिस तरह 'जनता-जर्नादन का आशीर्वाद' और 'जनविश्वास की जीत' बताया जा रहा है, उससे लगता है कि हमें लोकतंत्र के लिए नई परिभाषा ढूंढना शुरू कर देना चाहिए.
उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ जिले के रौनापार के पलिया गांव में बीते 29 जून को एक व्यक्ति से कुछ लोगों का विवाद हो गया था. इस दौरान वहां पहुंचे पुलिस के जवानों पर भी कथित रूप से हमला किया गया. आरोप है कि उसके बाद मुख्य आरोपी बताए जा रहे ग्राम प्रधान के मकान में तोड़फोड़ की व मकान को पुलिस द्वारा गिरा दिया. भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर ने न्याय की मांग पर 19 जुलाई को आज़मगढ़ जाने की
पंजाब में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं लेकिन उससे पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच खींचतान बढ़ती जा रही है. हालात ये हैं कि इस विवाद को ख़त्म करने के लिए पार्टी आलाकमान ने तीन सदस्यों की समिति गठित की है. वहीं मंगलवार को कैप्टन दिल्ली पहुंच गए हैं.
ज़िला पंचायत चुनाव में मिली विजय पर फूली न समा रही भाजपा भूल रही है कि ज़िला पंचायत अध्यक्षों के अप्रत्यक्ष चुनाव में जीत किसी भी अन्य अप्रत्यक्ष चुनावों की तरह किसी पार्टी की ज़मीनी पकड़ या लोकप्रियता का पैमाना नहीं होती. कई बार तो संबंधित पार्टी को इससे मनोवैज्ञानिक बढ़त तक नहीं मिल पाती.
उत्तराखंड की स्थापना करने वाली भाजपा के माथे पर सबसे बड़ा दाग़ यह लगा है कि भारी बहुमत से सरकार चलाने के बावजूद उसने दस साल के शासन में राज्य पर सात मुख्यमंत्री थोप डाले. पार्टी की नाकामी यह भी है कि अब तक उसका कोई भी मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका.
पुष्कर सिंह धामी बीते चार महीनों में उत्तराखंड भाजपा की ओर से चुने गए तीसरे मुख्यमंत्री हैं. 45 वर्षीय धामी राज्य के अब तक के सबसे युवा मुख्यमंत्री हैं. धामी के अलावा 11 मंत्रियों ने भी शपथ ली है. मंत्रिमंडल में सभी पुराने चेहरों को बरक़रार रखा गया है और एकमात्र बदलाव यही किया गया है कि सभी को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है. मंत्रिमंडल में अभी कोई भी राज्य मंत्री नहीं है.
भारतीय उच्चायोग ने बीते 24 जून को मालदीव के विदेश मंत्रालय को एक नोट भेजा था, जिसमें वहां तैनात राजनयिक कर्मचारियों की गरिमा पर हमला करने वाले दुर्भावनापूर्ण समाचार लेखों और सोशल मीडिया पोस्ट के बारे में शिकायत की गई थी.
खटीमा से भाजपा विधायक पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री होंगे. उनका शपथ ग्रहण समारोह रविवार को होगा. उत्तराखंड भाजपा ने पिछले चार महीने में राज्य के लिए तीसरा मुख्यमंत्री चुना है. इससे पहले बीते शुक्रवार को तीरथ सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. बीते नौ मार्च को उत्तराखंड भाजपा में उपजे असंतोष के कारण त्रिवेंद्र सिंह रावत को भी मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा था.
अदालत के आदेश के बाद हरिद्वार ज़िले के ज्वालापुर से भाजपा विधायक सुरेश राठौर के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया गया. विधायक ने कहा कि उनकी जान को ख़तरा है. रंगदारी के आरोप में जेल गए लोग उनके ख़िलाफ़ साज़िश रच रहे हैं. बीते 26 मई को विधायक ने शिकायतकर्ता महिला, उसके पति और तीन अन्य के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराकर उन पर ब्लैकमेल करने और 30 लाख रुपये की रंगदारी मांगने का आरोप लगाया था.
पौड़ी से लोकसभा सांसद तीरथ सिंह रावत को भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा त्रिवेंद्र सिंह रावत के स्थान पर मुख्यमंत्री चुना गया था. उत्तराखंड भाजपा में उपजे असंतोष के कारण त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बीते नौ मार्च को पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. नियमों के मुताबिक निर्वाचन आयोग संसद के दोनों सदनों और राज्यों के विधायी सदनों में ख़ाली सीटों के रिक्त होने की तिथि से छह माह के भीतर उपचुनाव द्वारा भरने के लिए अधिकृत है. तीरथ सिंह
बिहार सरकार में समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने इससे पहले आरोप लगाया था कि उनके द्वारा तैयार की गई विभागीय अधिकारियों के तबादले एवं पदस्थापन की सूची तीन दिनों से एक विभागीय अधिकारी लेकर बैठे हैं और उसे जारी नहीं कर रहे हैं. मंत्री के आरोपों को लेकर समाज कल्याण विभाग के अधिकारी टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं हो सके.
खेड़ा ज़िले के मातर से भाजपा विधायक केसरी सिंह सोलंकी को पुलिस ने पावागढ़ क़स्बे के पास एक रिजॉर्ट में छापेमारी के दौरान पकड़ा. गिरफ़्तार किए गए पच्चीस लोगों में सात महिलाएं हैं. अधिकारियों ने बताया कि सोलंकी औरअन्य को जुआ खेलते हुए पाया गया. उनके पास शराब की बोतलें भी बरामद हुई हैं.
यह मामला फरवरी 2020 में हुए दंगों के दौरान उत्तर-पूर्वी दिल्ली के ब्रह्मपुरी इलाके में हुई एक कथित हत्या से संबंधित है. कोर्ट ने आरोपियों को ज़मानत देते हुए इस तथ्य को रेखांकित किया कि अधिकतर आरोपी एक साल से ज़्यादा वक़्त से जेल में हैं.
एआईएडीएमके नेता और तमिलनाडु के पूर्व कानून मंत्री सीवी षणमुगम ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि अपदस्थ नेता शशिकला को पार्टी में कभी भी वापस नहीं आने देने संबंधी बयान के बाद शशिकला ने अपने गुंडों को उन्हें मौत की धमकी देने के लिए उकसाया है.
राज्य के बाकी 53 ज़िलों में आगामी तीन जुलाई को मतदान होगा. उसी मतगणना शुरू होगी. उत्तर प्रदेश के इन ज़िलों में उम्मीदवारों की जीत विपक्ष के आरोपों के बीच हुई है कि भाजपा सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर रही है. वहीं, सपा पर अनुचित साधनों का प्रयोग करने का आरोप लगाते हुए भगवा पार्टी ने पलटवार किया है.