लक्षद्वीप प्रशासन के हालिया आदेश में कहा गया कि सार्वजनिक स्थानों, घरों के आसपास नारियल के छिलके, पेड़ की पत्तियां, नारियल के खोल, टहनियां आदि मिलने पर जुर्माना लगाया जाएगा. स्थानीयों का कहना है कि प्रशासन को जुर्माने की बजाय उचित अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली को लागू करना चाहिए.
सर्वदलीय बैठक को समझने के लिए जम्मू कश्मीर का विशेषज्ञ होने की ज़रूरत नहीं, मामूली राजनीतिक और नैतिक सहज बोध काफी है. भारत सरकार ने क्यों उन्हीं नेताओं को बुलाया, जिन्हें वह खुद अप्रासंगिक कहती रही है? कारण साफ है. वह ऐसी बैठकों के ज़रिये 5 अगस्त 2019 को उठाए असंवैधानिक कदम को एक तरह की सार्वजनिक वैधता दिलाना चाहती है.
बीते 24 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने यह टिप्पणी की है. उन्होंने जम्मू कश्मीर का परिसीमन देश के बाकी राज्य के साथ 2021 की जनगणना के बजाय 2011 की जनगणना पर कराने पर भी सवाल उठाए. नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने उन चर्चाओं को ख़ारिज कर दिया कि प्रधानमंत्री के साथ बैठक गुपकर घोषणा-पत्र गठबंधन (पीएजीडी) के अंत का संकेत है.
बीते गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में शामिल रहीं पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि जम्मू कश्मीर में ज़मीनी स्थिति वैसी नहीं है जैसी दुनिया के सामने पेश की जा रही है. किसी के ख़िलाफ़ शिकायत हो है, तो उसे ऐहतियाती हिरासत में डाल दिया जाता है, ट्विटर पर असल भावना लिखने पर जेल हो जाती है. क्या इसे ही लोकतंत्र कहा जाता है.
लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ा पटेल को लेकर एक टीवी बहस में स्थानीय कार्यकर्ता आयशा सुल्ताना ने कथित तौर पर कहा था कि केंद्र पटेल को लक्षद्वीप पर ‘जैविक-हथियार’ के रूप में इस्तेमाल कर रहा है. इस पर भाजपा की स्थानीय इकाई ने उनके ख़िलाफ़ मामला दर्ज करवाया था.
वीडियो: केंद्र द्वारा जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधान हटाए जाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटे जाने के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 24 जून को सर्वदलीय बैठक हुई. इस बारे में श्रीनगर से वरिष्ठ पत्रकार गौहर गिलानी, जम्मू से वरिष्ठ पत्रकार अनुराधा भसीन और द वायर के संपादक सिद्धार्थ वरदराजन से आरफ़ा ख़ानम़ शेरवानी की बातचीत.
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधान हटाए जाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटे जाने के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में अधिकतर दलों ने राज्य का पूर्ण दर्जा बहाल करने की मांग उठाई. बैठक के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि परिसीमन की प्रक्रिया और शांतिपूर्ण चुनाव जम्मू कश्मीर में पूर्ण राज्य की बहाली के प्रमुख मील के पत्थर हैं.
बीते कुछ समय से लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ा पटेल द्वारा लाए कुछ प्रावधानों का विरोध हो रहा है, जिसमें इस मुस्लिम बहुल द्वीप से शराब के सेवन से रोक हटाने, गोवंश उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने और तटीय इलाकों में मछुआरों के झोपड़े तोड़ने की बात कही गई थी.
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने सहित राजनीतिक प्रक्रियाओं को मज़बूत करने की केंद्र की पहल के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 जून को वहां के सभी राजनीतिक दलों के साथ बैठक की अध्यक्षता करेंगे. नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और माकपा के गठबंधन ‘गुपकर’ ने भी इस बैठक में शामिल होने की बात कही है.
लक्षद्वीप प्रशासन द्वारा विधिक न्यायाधिकार क्षेत्र को कर्नाटक हाईकोर्ट में करने का यह प्रस्ताव ऐसे समय में किया गया है, जब लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ा पटेल के कुछ निर्णयों के ख़िलाफ़ कई याचिकाएं केरल हाईकोर्ट में दाखिल की गई हैं.
एके शर्मा गुजरात कैडर के 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, जिन्होंने लंबे समय तक नरेंद्र मोदी के साथ काम किया है. स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर भाजपा में आने के बाद उन्हें पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधान परिषद का सदस्य बनाया था.
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने सहित राजनीतिक प्रक्रियाओं को मज़बूत करने की केंद्र की पहल के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 जून को वहां के सभी राजनीतिक दलों के साथ बैठक की अध्यक्षता कर सकते हैं. यह बैठक केंद्र द्वारा अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को निरस्त करने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजन करने की घोषणा के बाद से इस तरह की पहली कवायद होगी.
लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ा पटेल कुछ प्रावधान लेकर आए हैं, जिसके तहत इस मुस्लिम बहुल द्वीप से शराब के सेवन से रोक हटाने, गोवंश उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने और तटीय इलाकों में मछुआरों के झोपड़े तोड़े जाने हैं. इनमें बेहद कम अपराध क्षेत्र वाले लक्षद्वीप में एंटी-गुंडा एक्ट लाना और दो से अधिक बच्चों वालों को पंचायत चुनाव लड़ने से रोकने का भी प्रावधान भी शामिल है.
लक्षद्वीप की कार्यकर्ता और फिल्मकार आयशा सुल्ताना ने कहा था कि इस केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल खोड़ा एक जैविक-हथियार हैं, जिनका इस्तेमाल केंद्र सरकार द्वारा यहां के लोगों पर किया जा रहा है. मुस्लिम बहुल आबादी वाला लक्षद्वीप हाल ही में लाए गए कुछ प्रस्तावों को लेकर विवादों में घिरा हुआ है. वहां के प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ा पटेल को हटाने की मांग की जा रही है.
लक्षद्वीप प्रशासन ने फरवरी में तटरक्षक डोर्नियर विमान में प्रफुल्ल पटेल और तीन अधिकारियों की दमन से वापसी यात्रा के लिए किराये के रूप में 23,21,280 रुपये मंज़ूर किए थे. एक स्थानीय नेता ने बताया कि इसे लेकर व्यापक आक्रोश है, क्योंकि पटेल ने ख़र्चों में कमी का हवाला देते हुए सैकड़ों अस्थायी श्रमिकों और अनुबंध वाले कामगारों को काम से निकालने के लिए कदम उठाए हैं.