पुलित्ज़र पुरस्कार विजेता कश्मीरी फोटो पत्रकार सना इरशाद मट्टू ने मंगलवार को कहा कि उन्हें वैध वीज़ा और टिकट होने के बावजूद दिल्ली हवाई अड्डे पर रोक दिया गया. वे पुलित्ज़र पुरस्कार समारोह में हिस्सा लेने के लिए न्यूयॉर्क जा रही थीं. इससे पहले जुलाई में उन्हें पेरिस जाने से रोका गया था.
साल 2022 के ‘फीचर फोटोग्राफी श्रेणी’ में प्रतिष्ठित पुलित्ज़र पुरस्कार जीत चुकीं कश्मीरी फोटो जर्नलिस्ट सना इरशाद मट्टू भारत से फ्रांस के लिए उड़ान भरने वाली थीं. उनके पास यहां का वैध वीज़ा भी था, बावजूद इसके आव्रजन अधिकारियों ने बिना कोई कारण बताए उनसे कहा कि वे अंतरराष्ट्रीय यात्राएं नहीं कर सकती हैं.
समाचार एजेंसी ‘रॉयटर्स’ के फोटो पत्रकार रहे दानिश सिद्दीक़ी के अलावा उनके सहयोगियों अदनान आबिदी, सना इरशाद मट्टू और अमित दवे को ‘फीचर फोटोग्राफी श्रेणी’ में प्रतिष्ठित पुलित्ज़र पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. सिद्दीक़ी की पिछले साल अफ़ग़ानिस्तान में अफ़ग़ान सैनिकों और तालिबान के बीच गोलीबारी की तस्वीरें लेते समय मौत हो गई थी. 2018 में भी उन्हें रोहिंग्या शरणार्थी संकट संबंधी तस्वीरों के लिए पुलित्ज़र पुरस्कार मिल चुका है.
16 जुलाई को अफ़ग़ानिस्तान के कंधार शहर के स्पिन बोल्डक में अफ़ग़ान सैनिकों और तालिबान के बीच संघर्ष को कवर करते समय पुलित्ज़र पुरस्कार विजेता फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीक़ी की मौत हो गई थी. अब अंतरराष्ट्रीय न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स ने उनकी मौत को लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की है.
न्यूयॉर्क टाइम्स ने कई भारतीय एवं अफ़ग़ान अधिकारियों के हवाले लिखा है कि पुलित्ज़र पुरस्कार विजेता फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीक़ी का शव जब प्राप्त हुआ था तो वह पहचाने जाने लायक नहीं रह गया था. बीते 16 जुलाई को दानिश की मौत अफ़ग़ानिस्तान के कंधार शहर स्पिन बोल्डक में अफ़ग़ान सैनिकों और तालिबान के बीच संघर्ष को कवर करते समय हुई थी.
अमेरिका की एक पत्रिका वाशिंगटन एक्जामिनर के मुताबिक़, तालिबान ने रॉयटर्स के पत्रकार दानिश सिद्दीकी की पहचान की पुष्टि करने के बाद उन्हें और उनके साथ के लोगों को मारा था. पुलित्जर विजेता दानिश कंधार शहर के स्पिन बोल्डक में अफगान सैनिकों और तालिबान के बीच संघर्ष को कवर करने गए हुए थे.
अफ़ग़ानिस्तान के कंधार ज़िले में स्पिन बोल्डक के मुख्य बाज़ार क्षेत्र पर फ़िर से क़ब्ज़ा करने के लिए अफ़ग़ान विशेष बल तालिबान आतंकियों के साथ लड़ रहे थे, जब समाचार एजेंसी रॉयटर्स के फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीक़ी और एक वरिष्ठ अफ़ग़ान अधिकारी मारे गए. बीते कुछ दिनों से यहां पर भीषण लड़ाई चल रही है. देश से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बीच सरकार और तालिबान लड़ाकों के बीच लड़ाई तेज़ हो गई है.
अंतरराष्ट्रीय न्यूज़ एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस के लिए काम करने वाले तीनों कश्मीरी फोटो पत्रकारों- यासीन डार, मुख़्तार ख़ान और चन्नी आनंद ने 2019 में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म किए जाने के बाद की स्थितियों की तस्वीरें ली थीं.
गृह मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि रॉयटर्स के पत्रकार कैथल मैकनॉटन ने अपनी पिछली यात्रा में जम्मू कश्मीर के प्रतिबंधित और संरक्षित क्षेत्रों में बिना अनुमति के जाकर वीजा शर्तों का उल्लंघन किया है.