27 दिसंबर, 1988 को पटियाला में हुई रोड रेज़ की इस घटना के समय कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के साथ उनके दोस्त रूपिंदर सिंह संधू उर्फ बनी भी थे. दोनों ने कथित तौर पर 65 वर्षीय गुरनाम सिंह के साथ मारपीट की थी, जिनकी बाद में मौत हो गई थी. शुक्रवार को सिद्धू ने पटियाला की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया. वहीं भाजपा में शामिल होने के बाद सुनील जाखड़ ने कांग्रेस पर पंजाब को बांटने की कोशिश का
कांग्रेस ने कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए पिछले महीने सुनील जाखड़ को सभी पदों से हटा दिया था. पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख जाखड़ 11 अप्रैल को उन्हें मिले ‘कारण बताओ’ नोटिस को लेकर पार्टी से नाराज़ थे. इस्तीफ़ा देते समय उन्होंने पार्टी नेतृत्व और ख़ासकर अंबिका सोनी पर निशाना साधा.
उत्तर प्रदेश में भाजपा और बसपा ने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है. वहीं, पंजाब में कांग्रेस ने भी 86 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की है.
वीडियो: पंजाब में विधानसभा चुनाव नज़दीक आने के साथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस के पुराने ‘पंजाब मॉडल’, अरविंद केजरीवाल, प्रधानमंत्री मोदी की रैली समेत विभिन्न मुद्दों पर हमला बोला है. नवजोत सिंह सिद्धू के साथ द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी के मुख्यमंत्री पद संभालने के साथ ही नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख के पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. अब इसे वापस लेते हुए उन्होंने यह शर्त भी रखी है कि जब तक राज्य के नए महाधिवक्ता को हटा नहीं दिया जाता वह पद की ज़िम्मेदारी फिर से नहीं संभालेंगे.
पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नवजोत सिंह सिद्धू के साथ मतभेद और प्रदेश कांग्रेस में अंदरूनी कलह के बाद अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री पद से बीते 18 सितंबर को इस्तीफ़ा दे दिया था. इस्तीफ़ा देने के बाद सिंह ने कहा था कि वह खुद को ‘अपमानित’ महसूस कर रहे हैं. उन्होंने संकेत दिया था कि वह पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले एक राजनीतिक दल बनाएंगे.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ ने इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर अख़बारों में विज्ञापन नहीं देने पर पंजाब की चरणजीत सिंह चन्नी सरकार की आलोचना की है. उन्होंने एक अन्य ट्वीट में दिल्ली कांग्रेस की नई कार्यकारिणी समिति में एक स्थायी आमंत्रित सदस्य के तौर पर जगदीश टाइटलर की नियुक्ति की ओर इशारा किया और हैरानी जताई कि इंदिरा गांधी को याद करने के लिए पंजाब सरकार का विज्ञापन नहीं जारी करने का क्या इससे कोई संबंध है.
वीडियो: कांग्रेस की पंजाब इकाई में गुटबाज़ी और पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू से तनातनी की वजह से बीते सितंबर माह में पंजाब के मुख्यमंत्री पद से अमरिंदर सिंह के इस्तीफ़ा देने के बाद चरणजीत सिंह चन्नी ने पंजाब के 27वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. चन्नी पंजाब में मुख्यमंत्री बनने वाले दलित समुदाय के पहले व्यक्ति हैं. इस बीच सिद्धू ने भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. इन घटनाक्रमों पर पंजाब के
पंजाब कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने साल 2022 के विधानसभा चुनाव घोषणा-पत्र में शामिल किए जा सकने वाले 13 मुद्दों को प्रस्तुत करने के लिए पार्टी आलाकमान सोनिया गांधी से मिलने का समय मांगा है. पत्र में उन्होंने बेअदबी के मामलों में न्याय, ड्रग्स, कृषि, रोज़गार, रेत खनन और पिछड़े वर्गों के कल्याण से संबंधित मुद्दों को शामिल किया है.
भाजपा में शामिल होने की अटकलों को नकारते हुए पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि वह ऐसी पार्टी में नहीं रह सकते, जहां उनका अपमान हो और उन पर विश्वास न किया जाए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नीचे की ओर जा रही है. वरिष्ठ नेताओं की पूरी तरह अनदेखी की जा रही है. कांग्रेस नेतृत्व को ‘जी 23’ नेताओं की बात सुननी चाहिए.
नवजोत सिंह सिद्धू ने इसी साल जुलाई में पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष का पद संभाला था. अपने त्यागपत्र में उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति के चरित्र का पतन समझौतों से शुरू होता है और वे पंजाब के भविष्य और राज्य के कल्याण के एजेंडा को लेकर कोई समझौता नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि वे पार्टी में बने रहेंगे.
बीते दिनों पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत की बृहस्पतिवार को की गई टिप्पणी का जवाब दे रहे थे, जिसमें श्रीनेत ने कहा था कि पार्टी के अंदर गुस्सा करने के लिए कोई जगह नहीं है. अमरिंदर द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को कथित तौर पर ‘अनुभवहीन’ बताए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए श्रीनेत ने यह बात कही थी.
वीडियो: अमरिंदर सिंह के इस्तीफ़ा देने के बाद उनकी जगह कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब का मुख्यमंत्री बनाया है. वह इस राज्य का मुख्यमंत्री बनने वाले दलित समुदाय के पहले व्यक्ति हैं. चन्नी अमरिंदर सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री थे. वह रूपनगर ज़िले के चमकौर साहिब क्षेत्र से विधायक हैं. इस सियासी बदलाव पर चर्चा कर रही हैं आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि मीडिया के ज़रिये पता चला है कि पंजाब में आगामी विधानसभा चुनाव चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व में नहीं, बल्कि ग़ैर-दलित के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा, जिससे यह साफ़ ज़ाहिर है कि कांग्रेस को अब भी दलितों पर पूरा भरोसा नहीं है. ‘जातिवादी दल’ दलितों को जो भी दे रहे हैं, वह उनके वोट पाने के लिए और स्वार्थ सिद्धि के लिए है, न कि उनके उत्थान के लिए. दलितों को इससे सावधान
कांग्रेस विधायक दल के नेता चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब का मुख्यमंत्री बनने वाले दलित समुदाय के पहले व्यक्ति हैं. चन्नी दलित सिख समुदाय से आते हैं और अमरिंदर सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री थे. वह रूपनगर ज़िले के चमकौर साहिब विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. वह इस क्षेत्र से साल 2007 में पहली बार विधायक बने और इसके बाद लगातार जीत दर्ज की.