कांग्रेस की कार्यशैली से नाख़ुशी ज़ाहिर करने के हफ्तेभर बाद पार्टी नेता हार्दिक पटेल ने कहा कि वे किसी व्यक्ति से नहीं बल्कि राज्य इकाई के नेतृत्व से नाराज़ हैं. उन्होंने कहा कि अगर पार्टी लोगों की आवाज़ नहीं बन सकेगी, उनके हितों को प्राथमिकता नहीं देगी तो वे लोग अन्य विकल्प तलाशना शुरू कर देंगे.
जी-23 के बैनर तले असंतुष्ट खेमे के पुराने वफ़ादार नेताओं के साथ सोनिया गांधी से संवाद की कड़ियां भले ही जुड़ गई हों पर लाख टके का सवाल यह है कि बीच का रास्ता निकालने के फार्मूलों से क्या कांग्रेस के अस्तित्व को लेकर पैदा हुआ संकट टल सकेगा.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्विटर पर ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ अख़बार की एक रिपोर्ट साझा किया है, जिसमें दावा किया गया है कि भारत दुनियाभर में कोविड-19 से हुई मौत के आंकड़े सार्वजनिक करने के विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रयासों में बाधा डाल रहा है. गांधी ने कहा है कि मोदी जी न सच बोलते हैं, न बोलने देते हैं. वो तो अब भी झूठ बोलते हैं कि ऑक्सीजन की कमी से कोई नहीं मरा!
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक अंग्रेज़ी अख़बार के लिए लिखे अपने लेख में कहा है कि भारतीयों को भारतीयों के ख़िलाफ़ ही खड़ा करने की कोशिश की जा रही है. सत्तासीन लोगों की विचारधारा के विरोध में सभी असहमतियों और राय को बेरहमी से कुचलने की कोशिश की जाती है. राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाया जाता है और उनके ख़िलाफ़ पूरी सरकारी मशीनरी की ताकत झोंक दी जाती है.
हार्दिक पटेल ने 2015 में गुजरात में पाटीदार समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग के अंतर्गत आरक्षण प्रदान करने की मांग को लेकर चलाए गए आंदोलन की अगुवाई की थी. पटेल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस का स्थानीय नेतृत्व पूरी तरह से बेकार काम कर रहा है. गुटबाजी को बढ़ावा दिया जा रहा है. सारी स्थिति के बारे में राहुल जी को कई बार बताया, लेकिन कोई निर्णय नहीं होता है. इसलिए ज़्यादा दुख होता है.
ठेकेदार संतोष पाटिल ने चार करोड़ रुपये की एक परियोजना में निवेश किया था. कर्नाटक के ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा पर आरोप है कि वे परियोजना से संबंधित भुगतान को मंजूरी देने के एवज में 40 प्रतिशत कमीशन की मांग कर रहे थे.
भाजपा ने ईंधन की क़ीमतों में बढ़ोतरी को लेकर कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार पर हमला करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी, हालांकि सत्ता में आने पर उसने पेट्रोल, डीज़ल के दामों को कम करने के अपने वादे को पूरा नहीं किया और इसके लिए अंतरराष्ट्रीय कारकों को ज़िम्मेदार बताने लगी.
भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने एक रिपोर्ट में कहा कि वह भारत सरकार को संबोधित करने के लिए 'केंद्र (Centre)' के बजाय 'भारत संघ (Union of India)' कहना अधिक पसंद करेगी. हालांकि कार्मिक मंत्रालय ने इस पर असहमति जताई है.
दिल्ली हाईकोर्ट उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी, 2020 में हुए दंगों से जुड़ी विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है,जिसमें मांग की गई है कि सीएए के ख़िलाफ़ हुए प्रदर्शनों के बाद हुए दंगों में कथित रूप से घृणा भाषण देने के संबंध में इन नेताओं की जांच की जाए. अदालत ने कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, राहुल गांधी और भाजपा नेताओं अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा, कपिल मिश्रा और अन्य को नए नोटिस जारी किए.
बीते साल अक्टूबर के बाद एलपीजी के दामों में यह पहली बढ़ोतरी है, जबकि पेट्रोल-डीज़ल के दाम उत्तर प्रदेश और पंजाब जैसे राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले 4 नवंबर 2021 से स्थिर थे. ऐसी अटकलें थीं कि 10 मार्च को चुनाव परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद बढ़ोतरी की घोषणा की जाएगी. राहुल गांधी ने कहा कि अब सरकार लगातार कीमतों का ‘विकास’ करेगी.
दक्षिण एशियाई देशों में सिर्फ़ तालिबान शासित अफगानिस्तान की स्थिति भारत से ख़राब है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस वैश्विक रिपोर्ट का हवाला देते हुए केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा है कि संभव है कि जल्द ही भारत ‘घृणा और आक्रोश’ में शीर्ष स्थान पर पहुंच जाए.
कांग्रेस के ‘जी 23’ समूह के प्रमुख सदस्य गुलाम नबी आजाद ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने के बाद कहा कि फिलहाल नेतृत्व परिवर्तन कोई मुद्दा नहीं है, उन्होंने सिर्फ संगठन को मज़बूत बनाने तथा आगे के विधानसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर अपने सुझाव दिए हैं.
लोकसभा में शून्य काल के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अल जज़ीरा और द रिपोर्टर्स कलेक्टिव द्वारा प्रकाशित फेसबुक के एल्गोरिदम संबंधी उन रिपोर्ट्स का ज़िक्र किया जिनमें इस सोशल मीडिया कंपनी द्वारा विपक्षी राजनीतिक दलों की तुलना में भाजपा को सस्ती दरों पर विज्ञापन देने का ख़ुलासा हुआ था.
आज़ादी के बाद से उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का एकछत्र राज हुआ करता था, लेकिन आज हालात ये हैं कि किसी समय राज्य की नब्बे फीसदी से अधिक (430 में से 388) सीट जीतने वाली कांग्रेस दो सीटों पर सिमट कर रह गई है.
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम में बीते कई चुनाव नतीजों की तरह कांग्रेस बुरी तरह पिछड़ी है. पंजाब में जहां वह सत्ता से बेदख़ल हो गई, वहीं यूपी में प्रियंका गांधी के प्रयासों को मतदाताओं ने ख़ारिज कर दिया. अब शीर्ष कांग्रेसी नेता हमेशा की तरह हार से सबक़ लेने की बात कहते नज़र आ रहे हैं.